बेटियों की माँ – वीणा सिंह  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  बिहार का छोटा सा शहर, जिसे आप कस्बा भी कह सकते हैं… मनोहर लाल जी उनकी पत्नी सुशीला जी और  दो बेटों का परिवार एक साथ रहता था.     बड़े बेटे के दो बेटे थे लव और कुश और छोटे बेटे की दो बेटियां रुचि और रंजू…     मनोहर लाल जी का … Read more

अधिकार – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ऑफिस की तरफ से दस दिन के लिए राजेश को शहर से बाहर जाना था.. राजेश थोड़ा परेशान से लग रहे थे … मैं और दोनो बच्चे शुभम और शुभांगी, जो एक महीने के सेमेस्टर ब्रेक में घर आए थे बेहद खुश थे.. पापा नही रहेंगे तो खूब मस्ती करेंगे … Read more

अब और नहीं बर्दास्त करूंगी – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ये शीर्षक देखकर मुझे अचानक कविता जी का खयाल आया, जिसके पति हरप्रीत सिंह ने पति पत्नी के रिश्ते के नाम को विश्वाश को डुबाने में और अपनी निजी प्रतिष्ठा और इज्जत को दांव पर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी… कविता जी हमारे वृंदावन अपार्टमेंट की बेहद चर्चित … Read more

मन्नत के धागे सा तेरा प्यार – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

       Moral stories in hindi :  मन्नत के धागे सा तेरे प्यार को मैने अपनी जिंदगी खुशियां और भविष्य के डोर से बांधा था.. अभिनव भले हीं हम एक दूजे के नही हो पाए पर साथ गुजरा वक्त क्या कभी मैं भूल सकती हूं…                        तुम्हारी छोटी बहन अंशु और मैं एक हीं क्लास में थे.. इसलिए … Read more

दिल का एक खाली कोना – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : पच्चीस साल बीत जाने के बाद भी स्मृतियों में सपनों में अक्सर कश्मीर का  सबसे बड़ा शहर  श्रीनगर जो  जम्मू कश्मीर की  ग्रीष्म कालीन राजधानी भी है ,स्वत: हीं आ जाता है.. विभिन्न संस्कृतियों  भाषाओं से समृद्ध ये खूबसूरत पर्यटन स्थल  मेरी जिंदगी का एक खूबसूरत अभिन्न   हिस्सा  है.. … Read more

घमंड – वीणा सिंह : Short Moral Stories in Hindi

सेठ जी के यहां कन्या ने जन्म लिया है, मां लक्ष्मी भंडार के स्टाफ और आस पड़ोस के दुकानदारों में ये खुशखबरी फैल गई.. शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति सेठ मोहन दास अग्रवाल के घर कन्या रत्न ने जन्म लिया था.. पिता ने गोद में लेते हीं लक्ष्मी नाम का उच्चारण उनके मुंह से अचानक हीं … Read more

आशीर्वाद का बंटवारा : Short Story In Hindi

पूरे अठारह साल बाद एम के उर्फ महेशवा गांव जा रहा है.. रानू को गांव जाने के लिए तैयार करने के लिए कितना आरजू मिन्नत करना पड़ा.. बाबूजी की तीसरी पुण्यतिथि है… छोटा भाई रमेश ने पूजा रखी है..                    कल का फ्लाइट है.. बच्चों ने साफ इंकार कर दिया है गांव जाने से.. पंद्रह साल … Read more

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