“छोटा सा तोहफा” :  सोमा शर्मा : Moral Stories in Hindi

निलेश एक प्राइवेट कंपनी में अच्छे पद पर था। सुबह 8 बजे निकलना और रात को 8 बजे लौटना उसका रोज़ का रूटीन था। निलेश के परिवार के पास सुख सुविधा सब कुछ था । घर में उसकी पत्नी सुजाता और छह साल का बेटा आयुष उसका इंतज़ार करते थे, लेकिन निलेश के पास वक्त … Read more

 पहली किरण : प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

————- रात कितनी भी गहरी काली हो पर उसको जाना ही होता है और बादलों के रथ पर सवार अरूणोदय धरती को छूने के लिए बेताब पहली किरण के रूप में झांकता हुआ सारी दुनिया को अपने आने की दस्तक दे देता है।बस यहीं से शुरूआत होती है एक नए दिन की। हमारी निद्रा टूटते … Read more

 घर की मुर्गी दाल बराबर :  विधि जैन : Moral Stories in Hindi

कई रिश्ते आए और कई रिश्ते चले गए पता नहीं किसकी नजर लग गई थी इस घर में मेरी बेटी का रिश्ता तय ही नहीं हो रहा है 28 साल की हो गई है पढ़ी-लिखी है दिखने में सुंदर सुशील घर घर कार्य में पूर्णता दक्ष अब कितने दिन तक इसको घर में बिठाएंगे सरला … Read more

 चलो अब जाने भी दो :  डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

अनु को जाने क्यों बुआ के बेटे का आना बिल्कुल पसंद नहीं था। कहने को तो अभय अनु से तीन साल छोटा था परंतु उसकी हरकतें बचपन से हीं बड़ों जैसी थी,उस पर अभय का अनु को बार बार बहाने से छूना उसे विचलित कर देता..  अनु उसे हर बार टोक देती परंतु फिर भी … Read more

 संस्कार : सोमा शर्मा : Moral Stories in Hindi

छोटे से गांव में रहने वाला अर्जुन अब एक नामी कंपनी में मैनेजर बन चुका था।  अच्छी सैलरी, बड़ा फ्लैट, और हर सुविधा से भरपूर जीवन — सब कुछ था उसके पास, सिवाय एक चीज़ के… अपनों की मौजूदगी। पिता के गुजर जाने के बाद माँ अकेली गाँव में रह गई थीं।  अर्जुन ने कई … Read more

 बदलते रिश्ते : प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

————— जोड़ियां तो ऊपर वाला पहले से लिखकर पृथ्वी पर भेजता है पर हर किरदार जो इस धरती के रंगमंच पर उतरता है वो अपने उन रिश्तों में चाहे वो मां – बाप हों ,भाई – बहन, खानदान और समाज सभी से भी जुड़ा होता है। हमारे समाज की एक अजीब-सी धारणा चली आ रही … Read more

 सिंदुरदानी : आरती मिश्रा : Moral Stories in Hindi

एक बारगी तूफान भी आने से पहले पूर्वानुमान भेजता है। मंद हवाएं चलने लगती हैं। सूर्य का तेज प्रकाश थोड़ा धूमिल हो जाता है । पेड़ पौधों के डोलने की तीव्रता से आभास हो ही जाता है कि शायद तूफान आने वाला है और लोग सतर्क हो जाते है।  मगर मृत्यु कोई पूर्वानुमान नहीं देती … Read more

 मातृदिवस : के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

वैष्णवी अपने कमरे की बालकनी में बैठी हुई डूबते हुए सूरज को देख रही थी । वह रोज उगते सूरज और डूबते सूरज दोनों को देखती है । उसे हर रोज इस उगते और डूबते सूरज को देखने में एक अलौकिक आनंद मिलता है । लोग कहते हैं कि सूरज का उगने और डूबने को … Read more

जेवर – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

——- शादी की भीड़ और अफरातफरी में सुमन जी ने नई नवेली बहू को बड़े प्यार से समझाते हुए उसके गहने ये कहते हुए अपने पास रख लिए कि,” मैं संभाल कर रख देती हूं वरना कहीं कुछ इधर-उधर ना हो जाए रागिनी बेटा। अभी तुम इतना कुछ कहां संभालोगी? जरुरत पड़ने पर मुझसे ले … Read more

मां का संघर्ष – मृणाल सिंह : Moral Stories in Hindi

सुनंदा विवाह के बाद ससुराल आई तो पाया कि पति का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है आत्मविश्वास से। हीं नहीं है व्यापार का सारा काम करने के बाद कमाईं भाभी भाई के पास जमा हो जाती निर्णय भी घर में उनका हीं चलता था। उनके बेटे बाहर हास्टल में पढ़ रहे थे। सम्पन्न घर था … Read more

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