डोंट जज ए बुक बाय इट्स कवर! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

“आ गई दिव्या, चलो हाथ मुंह धोकर डाइनिंग रूम में आ जाओ।‌ चाय के साथ आलू प्याज के पकौड़े बनाएं हैं।” सुरेखा ने बेटी से कहा “वाह पकौड़े बनाएं हैं आपने! बस मैं पांच मिनट में आई।” कहकर दिव्या अपने रूम में चली गई। झटपट हाथ मुंह धोकर कपड़े बदलकर वह नीचे पहुंची। “मम्मी, आपके … Read more

रिश्तों की ज़िम्मेदारी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      एक औरत अपनी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो जाये, ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता।बेटी,पत्नी,बहू,माँ,सास इत्यादि के रूप में वो हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन करती रही है और करती रहेगी।       मेरा कहानी भी कुछ ऐसी ही है।तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के कारण मुझे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ किचन में माँ का हाथ … Read more

रिश्तों में दूरियां – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कितने अरमानों से नीलिमा बहू को घर लाई थी । कितने अरमान संजोए थे बहू के , बहुत प्यार से रखूंगी , ऐसा कुछ नहीं होने दूंगी जैसा अन्य घरों में सुनाई देता है सास ने  ये कहा तो बहू ने ये जवाब दिया फिर तू-तू मैं-मैं। नहीं नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं होने दूंगी।काहे … Read more

आदर्श – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“निशा!.पिछले महीने मैंने तुम्हें पचास हजार रुपए दिए थे रखने के लिए; उसमें से तुम मुझे दस हजार रुपए दे दो।” भोजन कर जल्दबाजी में कहीं बाहर जाने के लिए घर से निकलते नीरज की बात सुनकर निशा ने सर झुका लिया.. “वह रुपए तो अभी मेरे पास नहीं हैं।” “नहीं है का क्या मतलब … Read more

काली साड़ी – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

“तुमको क्या लगता हैं, ये रंग तुम पर अच्छा लगेगा, एक तो रंग भी काला ऊपर से काली साड़ी, उफ़ कौन समझाये इसे…” ऊषा जी ने सर पर हाथ मारते हुये रति को कहा। काली साड़ी में लिपटी सलोनी सी रति, ये सुन शर्मसार हो गई।चुपचाप अपने कमरे में वापस आ, साड़ी बदल ली। ये … Read more

सिंदूर – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

आज ऑफिस से छुट्टी ले ली हूं..एक सप्ताह से कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है खाना देखते हों उबकाई आने लग रही है.. मृणाल को भी नही बताया है…            घर में हीं प्रेगनेंसी टेस्ट कीट से टेस्ट कर के देखती हूं.. ओह पॉजिटिव है.. मतलब मैं फिर से मां बनने वाली हूं… खुशी का … Read more

सिंदूर – खुशी : Moral Stories in Hindi

मीता एक सुलझी हुई लड़की थी जिसके माता पिता बचपन में ही गुजर गए ।पहले वो अपने मामा मामी के यहां रही पर मामा सारा दिन दफ्तर में होते और मामी सारे घर का काम उससे करवाती। उसकी मामी का भाई मदन भी अपनी बहन के घर ही पड़ा रहता।उसकी नीयत बहुत गंदी थी इसलिए … Read more

*खरा विश्वास* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

        सुनो जी,आज तो 8 बज गये, दूध वाला दूध नही दे गया है, मालूम तो करो,आयेगा भी नही?         रोज दूध समय पर ही आता था,आज क्यो हुआ जानने को मैंने अपने यहां दूध की डिलीवरी करने वाले को फोन लगाया।        उधर से आवाज आयी, अरे बाबूजी आपको पता भी है,अपनी सोसायटी में एक मेड का … Read more

आज का परिवेश” – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral Stories in Hindi

गौरी उठ जा बेटा “” समय देख”””ग्यारह पच्चीस हो गये! पापा आते ही होगें”””” मम्मी जी उठती हूं,बस पांच मिनट “”” उठ जा बेटा लोग क्या कहेंगें””” अरे””””कहने दो””” गौरी ने वापस कम्बल पैर से सिर तक खीच लिया “”” अब गार्गी क्या करे,लड्डू गोपाल को पहले भोग लगाये,या पति के भोग की तैयारी करे”””” … Read more

संकोच की बेड़ियां – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

सुदीप्ता घर की छोटी बेटी थी। मम्मी-पापा और दो साल बड़ा एक भाई थे परिवार में।पिता ने कड़ी मेहनत से कस्बे में अपना व्यवसाय स्थापित किया था,जिसमें अब सुदीप्ता के भाई(आशीष)भी अपना योगदान दे रहे थे। सुदीप्ता पढ़ने में शुरू से होशियार थी।परिवार की  किसी भी बेटी को बाहर पढ़ने नहीं भेजा गया था। सुदीप्ता … Read more

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