भतेरी…. – मंजू तिवारी : Moral stories in hindi

हां राम भतेरी यही नाम है। मेरा… बड़ा अटपटा सा… कोई मुझे भतेरी कहकर बुलाता तो कहीं मेरे सम्मान में राम आगे लगाकर राम भतेरी कहकर बुलाता…. मेरे इस नाम की कहानी बहुत पुरानी है। ज़्यादातर हरियाणा के कई गांव में आपको मेरे नाम की कई स्त्रियां मिल जाएगी कई स्त्रियां तो इसी नाम के … Read more

खानदान और सरनेम : moral stories in hindi

moral stories in hindi : जब मेरा दाखिला स्कूल में कराया गया था.. तो मेरे पिता ने मेरा नाम मंजू तिवारी लिखवाया ..मेरे साथ ही मेरे से छोटा मेरा भाई चाचा का बेटा उसका भी दाखिला कराया गया उसका नाम लिखवाया गया.. हम दोनों भाई बहनों के साथ कोई भेदभाव नहीं था.. उसे भी खानदान … Read more

बेटियों को आशीर्वाद और बेटों को….? : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मेरा 14 साल का बेटा स्कूल से घर आया तो मुझे बताने लगा मम्मा आज मेम ने एसएसटी में पढ़ाया कि गर्ल्स को पहले उसके पति के मर जाने पर जिंदा जला दिया जाता था उसी के साथ,,,,, कितना गलत होता था मम्मा पुराने समय में,, मैंने कहा होता तो … Read more

मां जब पिता की भूमिका ना निभा पाई – मंजू तिवारी: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : कुसुम चाची का बड़ा सुंदर छोटा सा परिवार था और और उनके पति रेलवे में नौकरी करते थे कुसुम चाची रेलवे के मिले हुए क्वार्टर में रहती थी उसी में मेरी एक सहेली रहती थी कुसुम चाची के पति का बीमारी के चलते निधन हो गया था तो उन्हें अनुकंपा … Read more

निर्वस्त्र – मंजू तिवारी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : इस बात को लगभग 20 साल गुजर चुके हैं ।जब भी मैं याद करती हूं। मैं एकदम से व्यथित हो जाती हूं। शायद ही उस क्षड़ की व्यथा को मैं अपने शब्दों में बयां कर पाऊं शब्द कम पड़ रहे हैं जो मेरी स्थिति थी मेरी ही क्या मेरे साथ … Read more

ममता की जीत – मंजू तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सामान को बैग में रखा जा रहा था बच्चे के लिए छोटे-छोटे कपड़े,,, अस्पताल में किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी उन सारी चीजों का प्रबंध किया जा रहा था,,,  इस काम में घर के सभी लोग लगे थे क्योंकि निधि यानी मेरा सी सेक्शन से दूसरे बच्चा आने वाला था … Read more

मेरी होटल वाली दादी – मंजू तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : यह बात लगभग  सन् 1985- 86 की रही होगी तब मैं बहुत छोटी थी मेरे बाबा यानी कि दादा हमेशा दुकान पर ही रहते थे जहां मेरे पापा चाचा ताऊ का बिजनेस होता था सिर्फ  खाना खाने आते थे,,,,,, बाबा को चाय देने मै बहुत छोटी अवस्था से दुकान पर … Read more

तुलसी – मंजू तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : गर्मियों की छुट्टी में जब मैं अपने घर गई यानी अपने पापा के पास,,, पापा ने घर के वातावरण को बहुत ही सुंदर बना रखा है भिन्न-भिन्न प्रकार के पौधों का सुंदर सा बगीचा जिसकी देखभाल रोज पाप करते हैं। उस बगीचे में बहुत सारे तुलसी के पौधे यानी तुलसी … Read more

सहारे की बैसाखी – मंजू तिवारी

मम्मी ये ऐसे वैसे कपड़े नहीं पहनते हैं इनको तो ब्रांडेड कपड़े चाहिए मम्मी पापा भी बड़े खुश होकर अपनी बेटी के कहे अनुसार दमाद को बेटी को और उसके बच्चों को अच्छे अच्छे कपड़े दिलाते कभी पैसे देते बेटी जब भी आती एक गाड़ी भर कर सामान के साथ उसकी विदा की जाती,,, बेटी … Read more

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