जीवन का सवेरा (भाग -7 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“जल्दी से फ्रेश हो लो। मैं खाना लगाती हूँ। खुद भी भूखे रहो और सबको भूखा रखो।” बोल क़र बड़बड़ाती हुईं राधा किचन की ओर बढ़ गई। “और सब लोग सो गए हैं। सबने खाना खा लिया था ना।” आरुणि अपनी सहेलियों के साथ अंदर आती हुई पूछती है। “हाँ सबने खाना तो खा लिया … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -6) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“मोहतरमा तभी इतनी इठलाती किचन के अन्दर गई थी”, रोहित कैफ़े के बाहर जाकर बोर्ड देखकर अंदर आता है और जोर से हँसते हुआ बोलता है, “आरुणि कैफे बड़े बड़े अक्षरों में लिखा है। मैंने कभी देखा ही नहीं, मेरे जैसे लोग आँख होते हुए भी अंधे होते हैं।” “और दिमाग होते हुए भी कमअक्ल”… … Read more

उदारता (भाग – 2 ) – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

(15 दिसम्बर 2023 को प्रकाशित मेरी कहानी उदारता का आज यानि 25 अप्रैल 2024 पुनः प्रकाशन हुआ है,कुछ पाठकों की प्रतिक्रिया थी कि कहानी का अंत अधूरा सा है,कहानी के नायक की अधोगति दिखाई जानी चाहिये थी,सो उसी कहानी का यह दूसरा भाग प्रस्तुत है।)     दूसरी प्रेमिका रीमा से शादी करने के लिये तलाक लेने … Read more

जीवन का सवेरा (भाग – 5) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

आरुणि रोहित को भावनाओं में गुम हुआ देख़ टेबल थपथपाते हुए “नोक नोक” बोल रोहित को ख्यालों की दुनिया से बाहर लाती है, “रोहित कहाँ खो गए थे, मैंने कुछ पूछा है तुमसे”… आरुणि ने चिंता और परेशानी के भाव से उससे पूछा। वह रोहित की परेशानी जानने के लिए उत्सुक थी, जबकि रोहित की … Read more

जीवन का सवेरा (भाग – 4) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“जब तक चाय आती है, अपने बारे में बताओ रोहित। दोस्त के बारे में कुछ तो मालूम होना ही चाहिए।” रोहित के फिर से बैठते ही आरुणि कहती है। “करेक्ट.. फिर हम सब भी चाय के साथ अपना अपना परिचय देंगी।” तृप्ति आरुणि के कथन पर स्वीकृति की मुहर लगाती हुई कहती है। रोहित सबको … Read more

बदलाव प्रकृति का नियम है-डॉक्टर संगीता अग्रवाल Moral stories in hindi

क्या कह रही हो बहू?दिक्मग तो दुरुस्त है तुम्हारा?लीलावती चिल्लाई थीं बहुत तेज़ी से जब उनकी बहू श्वेता ने धीमी आवाज़ में उनसे कहा था, राखी अपने मृत पिता को मुखाग्नि देने को कह रही है। दरअसल श्वेता के दो बेटियां ही हैं,उसे कोई पुत्र नहीं हुआ लेकिन उसके पति अशोक ने अपनी बेटियों को … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया है तुमने-के कामेश्वरी Moral stories in hindi

मेरे बच्चे अपनी पत्नियों के साथ अमेरिका जा रहे थे । हम दोनों पति पत्नी को साथ बिठाकर बड़े बेटे ने कहा कि माँ पापा आप दोनों शादी के इतने सालों बाद अभी भी लड़ते रहते हैं । हम अपनी नौकरियों और परिवार में व्यस्त रहते हैं । आप लोगों के बीच सुलह कराना हमारे … Read more

सन्तुष्ट-मोनिका रघुवंशी Moral stories in hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

विधवा-संध्या सिन्हा Moral stories in hindi

निशा की कालिमा ने अपने पैर पसार लिए थे ।सभी सोने चले गए थे , दादी भी सो गई पक्की नींद में । दस बरस की छोटी सी सुगन ने अपनी कोठरी का दरवाज़ा बंद किया और दीये की रोशनी में अपने पुराने सन्दूक को धीरे से खोला ।उसे दो रंग की ओढ़नी ही तो … Read more

दिल से दिल तक-पुष्पा जोशी Moral stories in hindi

सुशीला माई घर का काम करके जा चुकी थी। माधवी ने अपने ऑंसू बड़ी मुश्किल से रोक रखे थे, वह जानती थी कि अगर सुशीला माई ने उसकी ऑंखों में ऑंसू  देखे तो उन्हें बहुत दु:ख होगा। वह सुशीला माई को दु:खी करना नहीं चाहती थी। दूसरी बात यह कि वह सुशीला माई के आगे, … Read more

error: Content is Copyright protected !!