ज्योति की आशा – डॉ. उषा यादव : Moral stories in hindi

सुबह सुबह ज्योति सोकर उठती है…तो सुनती है मां कुछ कह रही है… इस तरह से कब तक सोती रहेगी ससुराल में तेरी कैसे निभेगी। ज्योति उठते-उठते कहती है “ आपको तो हमेशा मेरी शादी की ही पड़ी रहती है। अभी मुझे पढ़ना है, कुछ बनना है तब जाकर मैं शादी करूंगी। ये सब सुनते … Read more

दुखवा मैं कासे कहूं – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो सिद्धांत….?? क्या बात है समीक्षा…. फिर तुम कहीं वही घिसे पीटे राग तो नहीं अलाप रही हो ना …..मम्मी जी ये …मम्मी जी वो ….. तो मैं  साफ साफ बता दूं …इस मामले में मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता ….तुम्हें खुद सामने आकर अपनी समस्याओं को … Read more

मायका माँ बाप के बाद भाभी से होता है – संगीता अग्रवाल  Moral stories in hindi

” तुम्हे जरा तमीज नही है खाना बनाने की बाकी काम को सहायिका है बस एक खाना बनाना होता है तुम्हे वो भी तुमसे नही होता …बस सारा दिन आराम चाहिए तुम्हे !” नलिन गुस्से मे अपनी पत्नी कोमल पर चिल्ला रहा था। ” ऐसा नही है नलिन खाना बनाने के अलावा भी बहुत काम … Read more

मेरा बेटा मुझसे दूर हो ये मैं होने नहीं दूंगी !! – सविता गोयल Moral stories in hindi

” क्या बात है बहू, आज बड़ी जल्दी जल्दी हाथ चल रहे हैं। ,, अपनी बहू यामिनी जिसकी शादी को अभी दो महीना ही हुआ था उसे आज रात के खाने की तैयारी शाम को ही करते देख सावित्री जी ने आश्चर्य से पूछा। ” वो मम्मी जी,….  इनका फोन आया था कि आज शाम … Read more

बेटी के घर जाकर रहने का पाप नहीं होगा – रश्मि प्रकाश: Moral stories in hindi

“ मम्मा.. ये दादी माँ अपना सामान पैक कर कहाँ जा रही हैं…?” अद्दू ने निशिता से पूछा तो वो चौंक गई. जल्दी से कलछी छोड़ सासु माँ के कमरे की ओर भागी. “ आप बिना बताए कहाँ जा रही हैं माँ…. ?” निशिता ने पूछा. “ बहू मुझे राशि के पास जाना है… अब … Read more

मुहँ ना खुलवाओ – संध्या त्रिपाठी  : Moral stories in hindi

     नमस्ते आंटी….. पौधों में पानी डाल रही है…..?? हां बेटा पर तुम कब आई ससुराल से गिन्नी…..?? तुम्हारी मम्मी ने बताया नहीं कि तुम आने वाली हो…. आओ अंदर बैठते हैं…! पाइप पौधों के बीच में रखते हुए आभा ने कहा….! हां आंटी वो अचानक ही प्रोग्राम बन गया…तो बस आ गई….।      गिन्नी आभा के … Read more

विलगाव – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral stories in hindi

डैप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस मिष्टर सत्यकाम दुबे घर के दरवाजे पर दस्तक देने ही वाले थे कि उन्हे भीतर से किसी पुरुष के फुसफुसाने के स्वर सुनाई दिये। उनका पुलिसिया दिमाग तुरंत सचेत हो गया और उन्होने कोट की जेब में पड़ी पिष्टल हाथ में ले ली। दरवाजे को ज़ोर का धक्का दिया तो सरकारी … Read more

अंगूठी खो गई – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

सुमी के हाथ से आज बड़ा नुकसान हो गया था, उसे बहुत दु:ख हो रहा था। वह घबरा रही थी,उसका रोना रूक नहीं रहा था, घर में कोई था भी नहीं जो उसे दिलासा देता। उसके हाथ से दो तोले की सोने की अंगूठी कहीं गुम गई थी।अभी छ महिने पूर्व ही उसका विवाह विवेक … Read more

कच्ची उम्र के कोमल अहसास – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

विद्यालय में सोशल साइंस पढ़ाने का लगभग बीस वर्षों का अनुभव था,शुभा को।बोरिंग समझा जाने वाला विषय ‘,इतिहास’ भी बच्चे बड़े चाव से पढ़ते थे।भूगोल में एक चैप्टर है”पापुलेशन”।इस चैप्टर में मनुष्य की आयु को विभिन्न श्रेणियों में बांटकर विशेषता बताई गई है। नौंवी कक्षा में भूगोल के पापुलेशन चैप्टर में आने पर ,जब वयस्क … Read more

अर्द्धांगिनी (भाग 2)-अभिलाषा कक्कड़: Moral stories in hindi

श्वेता राकेश और शोभा की दूसरी सन्तान थी । जिसकी दस साल पहले दिल्ली में कार्यरत सोफ्टवेर इंजीनियर समर्थ के साथ शादी हुई थी । समर्थ के माता-पिता राजस्थान के रामगढ़ शहर में रहते थे । समर्थ अपनी पत्नी सात साल की बेटी और पाँच साल का बेटे के साथ दिल्ली में एक किराए के … Read more

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