ज्योति की आशा – डॉ. उषा यादव : Moral stories in hindi
सुबह सुबह ज्योति सोकर उठती है…तो सुनती है मां कुछ कह रही है… इस तरह से कब तक सोती रहेगी ससुराल में तेरी कैसे निभेगी। ज्योति उठते-उठते कहती है “ आपको तो हमेशा मेरी शादी की ही पड़ी रहती है। अभी मुझे पढ़ना है, कुछ बनना है तब जाकर मैं शादी करूंगी। ये सब सुनते … Read more