क्या ये सही है ? – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

“सविता…सविता कहां हो तुम भई …तौलिया तो लाओ जरा बारिश ने भी हद कर दी जब देखो बरस पड़ती है इंसान काम करे तो कैसे!” दिनेश जी घर में घुसते ही बोले। वो आवाज़ दे पत्नी का इंतज़ार कर रहे थे कि … ” छम…छम…!” अचानक उनके कानों में आवाज़ आईं। ” अरे ये घुंघरू … Read more

खुशियां पैसों की मोहताज़ नही- संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मम्मी देखो ना सब लोग नए साल का जश्न मनाने को घूमने जा रहे हैं एक मेरी किस्मत ऐसी की इस चार दिवारी में बन्द हूं !” तान्या ने अपनी मम्मी वंदना जी को फोन लगा शिकायत की। ” पर बेटा पिछले साल तो तुम लोग घूमने गए थे इस बार नही भी जा … Read more

मैं अपराजिता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अपराजिता एक जिंदगी को भरपूर जीने वाली एक अल्हड़ लड़की जिसके लिए अपने सपने जितने जरूरी थे उतना ही जरूरी था परिवार का साथ और खुशी। पर उसकी खुशियों को लगता था किसी की नजर लग गई। क्या हुआ था ऐसा जानने के लिए चलते हैं कुछ समय पहले… “बेटा तुम्हारी पढ़ाई भी लगभग पूरी … Read more

हर रिश्ता थोड़ा स्पेस मांगता है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” देखो प्राची ये अनामिका पता नही इतना सज धज कर कहां जा रही है ?” प्राची अपने घर के दरवाजे पर खड़ी थी तब उसकी पड़ोसन नीतू उससे बोली। ” जा रही होगी किसी काम से या किसी फंक्शन में !” प्राची लापरवाही से बोली। ” अरे ये तो अपने मिस्टर के बिना कही … Read more

क्या बेटी हमेशा बोझ रहेगी ? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नलिनी एक टक घड़ी की तरफ देख रही थी और सोच रही थी समय का पहिया कहा किसी के लिए रुकता है आज तीन साल हो गए उसे ससुराल छोड़ मायके आए इन तीन सालों में रिश्तों के नए नए रंग देखे। जो भाई गर्व से उसे ससुराल से लाया था कि तेरा भाई अभी … Read more

पति पत्नी का रिश्ता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सुंदरलाल जी अपने कमरे मे गुमसुम से बैठे एक तस्वीर को निहार रहे थे वो तस्वीर उसकी थी जो कुछ दिनों पहले तक जीती जागती सुंदरलाल जी के साथ थी पर आज तस्वीर हो गई थी । वो तस्वीर थी सुंदरलाल जी की अर्धांगिनी सरला जी की जो अभी पंद्रह दिन पहले उनके साथ अड़तालिस … Read more

विश्वास की डोरी टूट गई – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” सुनीता आज विमला जीजी का फोन आया था वो कल अपनी मानसी है अपने घर ले जाने आ रही है कुछ दिन को !” सुरेश ऑफिस से आ पत्नी से बोला। ” पर ऐसे अचानक …अभी तो उसने परीक्षा खत्म कर सिलाई सीखनी शुरु की है यूँ बीच मे कैसे छोड़ दे ?” सुनीता … Read more

जिंदादिली – संगीता अग्रवाल   : Moral Stories in Hindi

वह पैंतीस वर्ष की एक जिंदादिल महिला थी अभी दो महीने पहले ही इस सोसायटी में आईं थीं तो लोगों से ज्यादा परिचय नहीं था उसका वैसे भी सुबह नौ बजे नौकरी पर निकल जाती थी और शाम को सात बजे वापिस लौटती थी। छुट्टी वाले दिन बाज़ार के काम निपटाती थी…अकेली रहती सब संभालती … Read more

रिश्ता साझेदारी का – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” समधन जी बारातियों का स्वागत जरा अच्छे से करना ऐसा ना हो हमारी नाक कट जाए पहले ही गैर बिरादरी में और साधारण परिवार में रिश्ता करवा कर हम रिश्तेदारों की आलोचना सुन चुके हैं !” शांति जी अपनी समधन यानी की अपनी बहू की माता जी मीना जी से फोन पर बोली। ” … Read more

ये कैसा प्यार ? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” हैलो मम्मी !” श्रुति फोन मिला बोली। ” कौन ?” उधर से आवाज आई। ” मम्मी अपनी बेटी को भी भूल गई आप !” श्रुति उदास हो बोली। ” बेटी …कौन बेटी ?” उधर से अभी भी सपाट स्वर था। ” मम्मी ऐसे मत बोलो प्लीज !” श्रुति रोते हुए बोली। ” यहां आपकी … Read more

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