धब्बा लगना : short story with moral
short story with moral : पीयूष-मम्मी कब आओगी मिलने, और साथ में खाने के लिये मठरी, नमकीन भी लेती आना। यहाँ मेस का ख़ाना खाते खाते ऊब गया हूँ। रंजना (पीयूष की माँ)-मेरा पुत्त, मैं कल ही आ रही हूँ, और तेरी पसंदीदा हर चीज़ लाऊँगी। पीयूष-अरे वाह मम्मी। तुम बहुत अच्छी हो। रंजना और … Read more