अतीत की स्याही – डॉ पारुल अग्रवाल

त्रिवेणी अपने समय की बहुत बड़ी नृत्यांगना जिसकी चमक उम्र के इस पड़ाव पर आकर भी कम ना हुई थी। कई सारी नई उम्र की लड़कियां भी अब देश के परंपरागत नृत्य में अपनी जगह बना रही थी पर किसी में भी अब तक त्रिवेणी जैसे हाव-भाव और लचीलापन नज़र नहीं आता था। ऐसे में … Read more

बीते लम्हों की सज़ा – शिप्पी नारंग |  family drama story

मैं देख रही थी अपने सामने सजी संवरी खिलखिलाती राशि को जो अपने छोटे से बेटे को गोदी में उठाए सब मेहमानों से प्यार से गले मिल रही थी उसकी खुशी छिपाए नहीं छिप रही थी ।आज उसकी ननद रितु की शादी थी मैं अपने पति के साथ और मेरे मायके से मम्मी पापा व … Read more

 अहंकार कभी न करना   –  विभा गुप्ता 

   ” सुनो, अगर आप इजाज़त दो तो मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर लूँ।” विनिता ने अपने पति विनय से पूछा जो ऑफ़िस की कुछ फ़ाइलों को देखने में व्यस्त था।पत्नी की बात सुनकर उसने तुरन्त हाँ कह दिया क्योंकि वह भी चाहता था कि विनिता अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर ले।               विनिता अपने चार भाईयों के … Read more

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