चेतना….. – प्रतिक्षा हरिपूरकर : Moral Stories in Hindi

चेतना… संवेदना… ये भावनाएँ हर किसी को जन्म के साथ प्रकृति द्वारा कम या ज़्यादा मात्रा में प्रदान की जाती हैं… कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की चेतना, संवेदना को जितना समझता है, वह उस व्यक्ति के उतना ही करीब जाता है… समान दुःखी या समान विचारों वाले लोग जल्दी जुड़ जाते हैं क्योंकि उनकी … Read more

दरारों – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

बारिश की बूँदें खिड़की के कांच पर थिरक रही थीं, जैसे किसी पुराने गीत की धुन हो। सुमन खिड़की के पास बैठी थी, चाय का प्याला सामने रखा था, लेकिन उसकी नज़रें कहीं  और थीं। उसी घर में जहाँ कभी बच्चों की किलकारियाँ गूँजती थीं, अब चुप्पियों की चादर तनी हुई थी। विनय जी, सेवानिवृत्त … Read more

हमारा बुरा वक्त हमारे जीवन को नई दिशा दे जाता है – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

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    इसका नाम वक्त है– कब बदल जाए– कुछ नही मालूम। हँसते खेलते घर का माहौल अनायास ही मातम में  बदल जाता है।ऐसा कुछ घट जाता है जो कि इंसान की कल्पना से बहुत परे होता है। ऐसी अप्रत्याशित घटनायें घट जाती हैं जिन्हें सोच कर भी मन  हिल जाता है।     कभी ना कभी हर किसी … Read more

फुलवा और फूली – हेमलता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सुनो” 21 दिन का सरकार ने लॉक डाउन लगाया है “पति के इतना कहते ही मुझे तुरंत बेटे का ख्याल आया. हम अपने गांव में हर नवरात्रि में आते हैं मंदिर में श्रृंगार करने और नवरात्रि मनाने, कन्या पूजन करने .इस बार भी आए थे पर यहां आते ही पता चला कि सरकार ने कोरोनावायरस … Read more

बाबूजी के कमरे की खामोशी – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

घर में चहल-पहल थी। अनन्त का प्रमोशन हुआ था, और परिवार जश्न में डूबा था। ड्राइंग रूम में केक काटा जा रहा था मिठाइयों, नमकीन, आइसक्रीम के दौर के साथ दोस्तों के कहकहे सुनाई पड़ रहे थे।  लेकिन घर का एक कमरा जिसमें बाबूजी रहते थे उन्हें किसी ने बुलाना क्या बताना भी उचित नहीं … Read more

अकेलेपन का दंश – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

रेलगाड़ी अपनी पूरी रफ्तार मे चल रही थी। हौकरो की आवाज इसतरह से गूंज रही थी जैसे उनका इंजन की आवाज से कोई मुकावला हो और उन्हें उससे तेज आवाज मे बोलकर अपना सामना बेचना हो। एक समानवाला अभी अपना सामान बेच ही रहा होता कि दूसरा अपना सामान लेकर आ जाता। बच्चो को तो … Read more

परिवार ही पूंजी – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

श्रुति की बड़ी दीदी श्रेया की शादी थी पिछले सप्ताह।श्रुति रीना की सबसे पक्की सहेली थी।सुमि ने फोन पर बताया था निधि को”मम्मी,श्रुति की दीदी की शादी पक्की हो गई है।मीनाक्षी आंटी(श्रुति की मम्मी)आप को फोन लगाई थी,और आपने उठाया नहीं।एक बार फोन कर लीजिएगा।” निधि को वास्तव में आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी हुई।अभी तो कुछ … Read more

बात सस्कांरों की – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

 रीवा और शुभम पिछले दो साल से प्यार की पीगों पर झूल रहे थे, लेकिन मुकाम तक पहुंचन बाकी था। मुकाम यानि कि शादी, शुभम की तरफ से तो कोई अड़चन नहीं थी और रीवा भी अपने  परिवार की और से निशचिंत थी कि उसके मां बाप भी अपनी बेटी की पंसद पर कोई एतराज … Read more

हमारा बुरा वक्त हमारे जीवन को नई दिशा दे जाता है – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

अरे ऊर्जा!! तुम यहां कैसे? और यह क्या तुम तो बिल्कुल बदल गई हो। कितनी स्मार्ट लग रही हो!! एक सांस में बोल गई मैं। ऊर्जा,”माही दीदी!! फिर इधर-उधर देख सहज होते हुए,”बताइए इस कार्यालय में कैसे आना हुआ?” माही,”(कागज दिखाते हुए)वो मैं अपने स्वयं सहायता समूह के लिए, महिला विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जा … Read more

बंद मुठ्ठी – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 महिला विद्यालय का वार्षिक समरोह में मुख्य अतिथि समाज सेविका श्रीमती कल्याणी जी थी, माला अर्पण और स्वागत समरोह के बाद कई रंगारंग कार्यक्रम थे। अंत में मुख्य अतिथि से कुछ कहने का आग्रह किया गया,      “मैं चाहती हूँ हमारे देश की हर लड़की शिक्षित हो, इसके लिये कभी भी किसी को कोई मदद चाहिए … Read more

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