फुलवारी – विभा गुप्ता  : hindi stories with moral

hindi stories with moral :  ” आंटी….आप लोगों को ज़रूर आना है।” अपने पिता के साथ आई नित्या सुनंदा जी को निमंत्रण-कार्ड के साथ चार प्रवेश-पत्र(पास)देते हुए बोली।    ” कितने बजे का प्रोग्राम है बेटा..।”   ” आंटी…कार्ड में पूरी डिटेल है।बाय आंटी…।” कहकर वह जाने लगी तो गेट पर श्रीधर और महेन्द्र जी को देखकर बोली,” … Read more

समाज सेवा – विभा गुप्ता: hindi stories with moral

hindi stories with moral :   ” माँ…मेरे आईएएस बनने की खुशी में मेरी सहेलियाँ मुझे किसी बड़े रेस्ट्रां में पार्टी देने के लिये कह रहीं हैं।मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है…क्या करुँ…पार्टी दूँ या मना कर दूँ….।” अपना हैंडबैग टेबल पर रखती हुई दीपा ने अपनी माँ से पूछा जो रसोई में बेटी के … Read more

भ्रम टूट गया –  विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :   ” नेहा…मेरी बात सुनो तो….यार..माफ़ कर दो…अकेली तुम…।” विकास नेहा का हाथ पकड़कर उसे रोकने का प्रयास करने लगा। ” अब मेरा भ्रम टूट गया है।तुम पर विश्वास करना मेरी सबसे बड़ी गलती थी..।” कहते हुए नेहा ने अपना हाथ छुड़ाया और अपने आँसुओं को पोंछती हुई वह सुनसान सड़क … Read more

संस्कारहीन बेटा – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ” ये कैसा संस्कारहीन बेटा पैदा किया है जानकी तुमने ….घर में बहन आई हुई थी और महाशय जी ससुराल के चक्कर काट रहें हैं।और बहू तुम…तुम्हारे माँ- बाप ने क्या यही संस्कार दिये हैं कि..।”   ” पापा…वो… मेरे स…।” शेखर अपनी बात कह ही रहा था कि इला ने … Read more

भाग्यशाली – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : थकी-हारी आनंदी ने जब अपने ‘आनंदी-निवास ‘ में प्रवेश किया तो बैठक-कक्ष के सोफ़े पर वह निढ़ाल हो गई।उसने एक नज़र पूरे घर में दौड़ाई और सोचने लगी, क्या इसी दिन के लिए मैंने यह घर बनवाया था।               बरसों सरकारी आवास में रहते-रहते वह उकता गई थी।हर तीन साल पर … Read more

दूसरा मौका – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” साधना….कहाँ हो? ज़रा..मेरी साड़ी की मैंचिंग ब्लाउज ढ़ूँढ तो दो…मिल नहीं रही है..।”     ” अभी देखती हूँ मम्मी…।” कहते हुए साधना अपना टैब बंद करने लगी।    ” कुछ काम रही हो तो पूरा कर लो बेटा..।” ” नहीं मम्मी…वो…बस..ज़रा…।” साधना हकलाने लगी।   तब गायत्री जी प्यार-से उसके सिर पर … Read more

आप शर्मिंदा न होइये –  विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

  ” देर नहीं होगी डाॅक्टर रेणु..,मैं बस अभी दस मिनट में तेरे अस्पताल पहुँचती हूँ…।” हँसते हुए श्रद्धा ने कहा, फ़ोन डिस्कनेक्ट करके उसे अपने हैंडबैग में रखा और गैराज से स्कूटी निकालकर रेणु से मिलने जनता अस्पताल चली गई।      श्रद्धा एक जर्नलिस्ट थी।’वृद्धावस्था की बीमारियाँ और उनके इलाज’ पर वह एक रिपोर्ट तैयार कर … Read more

टू इन वन – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” देखो सुशील… इस समय मेरे पापा को मेरी ज़रूरत है।भाई रहते तो एक अलग बात थी, लेकिन…।”   ” हाँ तो…तुम उन्हें पैसे तो दे ही रही हो ना..।” तीखे स्वर में सुशील बोला तो श्रद्धा तिलमिला उठी, ” पैसे दे रही हो..से तुम्हारा क्या मतलब है सुशील।मैं सिर्फ़ तुम्हारी … Read more

गृहलक्ष्मी-2 – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  रंग-बिरगी बल्बों की लड़ियों से पूरा ‘जानकी निवास’  जगमगा रहा था।मनोहर बाबू लाॅन के बीचोंबीच अपनी आरामकुर्सी डालकर बड़े प्यार-से अपने घर की शोभा निहार रहें थें।बरसों बाद दीवाली के दिन उनके घर में इतनी चहल-पहल हो रही थी।बच्चे छोटे थे तब यहाँ की रौनक देखते बनती थी,उनकी पत्नी जानकी … Read more

ज़िम्मेदारी – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :    ” अरे…ये क्या छोटी भाभी…इतना सारी मठरियाँ आप अकेले कैसे बनाएँगी….लाइये..मैं आपकी कुछ मदद कर देती हूँ।” कहते हुए नंदा ने मैदे की एक लोई अपने हाथ में ले ली।    ” नहीं-नहीं नंदा…आप टेंशन मत लीजिये, वैसे भी मुझे आदत हो गई है इस सबकी।” मुस्कुराते हुए सुनीता ने … Read more

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