मेरे हमसफ़र -विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से ही आनंदी जी के शरीर में गज़ब की फ़ुर्ती थी।कभी सुगना को कहतीं कि मलाई कोफ़्ते में नमक ठीक से डालना तो कभी घर के नौकर नंदू को आदेश देती ,” छोटे भईया के कमरे में पानी रखना मत भूलना।” दरअसल आज उनकी शादी की पचासवीं सालगिरह थी।शाम को उन्होंने पार्टी रखी … Read more

बेटा है तो क्या हुआ…- विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” अरी जन्मजली…ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने! अपने ही कोख जाये को सज़ा दिलवाते हुए तेरी जीभ नहीं जल गई…।” कोर्ट से बाहर निकलते हुए रामरति देवी ने अपनी बहू कलावती को दुत्कारा पर वह चुपचाप सुनती रही।वह तो एक ज़िन्दा लाश बन चुकी थी।यंत्रवत चलते हुए सबके साथ वह गाड़ी में बैठ गई।गाड़ी … Read more

दिल के रिश्ते -विभा गुप्ता Moral stories in hindi

 ” नीतू…अब तुम्हें इन लोगों की गुलामी नहीं करनी पड़ेगी।मुझे दिल्ली में नौकरी मिल गई है… हम अगले महीने ही वहाँ शिफ़्ट हो जाएँगे..।” सिद्धार्थ ने धीरे-से अपनी पत्नी से कहा जो तह किये हुए कपड़ों को अलमारी में रख रही थी।सुनकर वह आश्चर्य-से बोली,” सच!…लेकिन फिर अम्मा जी को क्या कहेंगे..।”     ” माँ को … Read more

मेरी बहना आ गई – विभा गुप्ता । Moral stories in hindi

मेरी बहना आ गई        ” भवानी बाबू…आप दवा नहीं खायेंगे तो कैसे ठीक होंगे।अभी कितना कुछ करना है आपको…बेटे की शादी करनी है…पोते-पोतियों के साथ खेलना है।इसलिए दवाएँ समय पर अवश्य खाएँ और हाँ, खुश रहने का प्रयास कीजिये।” मुस्कुराते हुए डाॅक्टर अग्निहोत्री ने भवानी बाबू को देखा और कमरे से बाहर निकल गये।     ” … Read more

एक बंधन तो है ना – विभा गुप्ता Moral stories in hindi

      ” माँ..मैं कैसा लग रहा हूँ ?” कन्हैया स्कूल की यूनिफ़ाॅर्म पहनकर गले में टाई बाँधते हुए अपनी माँ श्रावणी से पूछा।    ” मेरा लाल तो लाखों में एक है।किसी की बुरी नजर न लगे…ठहर, काजल का एक टीका लगा देती हूँ।” कहते हुए श्रावणी ने काजल की डिबिया खोली और अपनी अंगुली को उसमें … Read more

टाट में मखमल का पैबंद – विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

   ” माँ…आप मेरी बात भी तो सुनिये…वो लोग बहुत पैसे वाले हैं..हमारा- उनका कोई मेल नहीं है।”    ” हाँ भाभी…सोमेश ठीक ही तो कह रहा है।रिश्ते हमेशा बराबर वाले से बनाना चाहिये तभी परिवार में तालमेल बना रहता है।”     ” ऐसा कुछ भी नहीं है प्रभा….शादी हो जाने के बाद सब ठीक हो जाता है।बड़े … Read more

तकरार तो समाधान नहीं – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

 ” दादी.. ऊंssss…।” मनु अपनी दादी देवकी जी से बात करते ही रोने लगा।पास खड़ी उसकी बहन तान्या ने फ़ोन ले लिया और बोली,” दादी..आज फिर से मम्मी-पापा में..।” वह चुप हो गई।   ” फिर से क्या..? और मनु क्यों रो रहा है? बता मेरी बच्ची..घर में सब ठीक तो है..।” देवकी जी चिंतित हो … Read more

ससुराल का अपमान नहीं सह सकती – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

 ” नहीं माँ…अब मैं यहाँ एक पल भी नहीं रुकूँगी…जहाँ मेरे परिवार का अपमान हो..वहाँ का पानी पीना भी मेरे लिये हराम है..।” कहते हुए रचना बैग में अपने कपड़े रखने लगी।     ” लेकिन बेटा…तुझे भी तो भाभी की बहन के लिये वो सब नहीं कहना चाहिये था।” शकुंतला जी बेटी को समझाते हुए बोली। … Read more

थैंक यू मामी.. – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

   ‘ प्रगति इंटरनेशनल स्कूल’ का वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा था।रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति के बाद ‘बेस्ट स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर’ पुरस्कार के लिये पाँचवीं कक्षा विवेक के नाम की घोषणा हुई।विवेक को ट्राॅफ़ी दी गई.. सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।फिर उद्घोषिका ने माइक पर ‘ बेस्ट टीचर ऑफ़ द ईयर अवार्ड गोज़ टू … Read more

दोस्ती का रंग – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

सीमा और पूजा पक्की सहेलियाँ थीं।स्कूल से काॅलेज़ में आने के बाद भी उनकी दोस्ती बरकरार रही।कुछ ने तो उन दोनों के बीच दरार डालने की कोशिश भी की लेकिन वे कामयाब न हो सके।          सीमा जब बीए फ़ाइनल ईयर में थी, तभी उसकी शादी शहर के नामी बिजनेस मैन संजीव से हो गई।कुछ महीनों … Read more

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