तकरार तो समाधान नहीं – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

 ” दादी.. ऊंssss…।” मनु अपनी दादी देवकी जी से बात करते ही रोने लगा।पास खड़ी उसकी बहन तान्या ने फ़ोन ले लिया और बोली,” दादी..आज फिर से मम्मी-पापा में..।” वह चुप हो गई।   ” फिर से क्या..? और मनु क्यों रो रहा है? बता मेरी बच्ची..घर में सब ठीक तो है..।” देवकी जी चिंतित हो … Read more

ससुराल का अपमान नहीं सह सकती – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

 ” नहीं माँ…अब मैं यहाँ एक पल भी नहीं रुकूँगी…जहाँ मेरे परिवार का अपमान हो..वहाँ का पानी पीना भी मेरे लिये हराम है..।” कहते हुए रचना बैग में अपने कपड़े रखने लगी।     ” लेकिन बेटा…तुझे भी तो भाभी की बहन के लिये वो सब नहीं कहना चाहिये था।” शकुंतला जी बेटी को समझाते हुए बोली। … Read more

थैंक यू मामी.. – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

   ‘ प्रगति इंटरनेशनल स्कूल’ का वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा था।रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति के बाद ‘बेस्ट स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर’ पुरस्कार के लिये पाँचवीं कक्षा विवेक के नाम की घोषणा हुई।विवेक को ट्राॅफ़ी दी गई.. सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।फिर उद्घोषिका ने माइक पर ‘ बेस्ट टीचर ऑफ़ द ईयर अवार्ड गोज़ टू … Read more

दोस्ती का रंग – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

सीमा और पूजा पक्की सहेलियाँ थीं।स्कूल से काॅलेज़ में आने के बाद भी उनकी दोस्ती बरकरार रही।कुछ ने तो उन दोनों के बीच दरार डालने की कोशिश भी की लेकिन वे कामयाब न हो सके।          सीमा जब बीए फ़ाइनल ईयर में थी, तभी उसकी शादी शहर के नामी बिजनेस मैन संजीव से हो गई।कुछ महीनों … Read more

धिक्कार है तुम्हें…. – विभा गुप्ता: Moral stories in hindi

” नंदू..अब तू मुझे पकड़….।” ” नहीं..नंदू…पहले मुझे..।”          ‘आनंदी विला ‘ के हाॅल में दीवार से लगे दीवान पर पारसनाथ बैठे अखबार पढ़ रहें थें।पास बैठा हरिया उनके पैर दबा रहा था। बगीचे में अपने बेटों रवि-प्रकाश के साथ हरिया के बेटे नंदू को खेलते देख पारसनाथ बोले,” हरिया…तू नंदू की तनिक भी फ़िक्र न करना..रवि-प्रकाश … Read more

बहू तो मेरी है ना.. – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    रिद्धि की सगाई हो जाने के बाद उसकी माँ नयनतारा जी उसे रोज कोई न कोई टिप्स ज़रूर देती थी।एक दिन वो बेटी को समझा रही थी कि सास को अपने पास दो दिन से अधिक बिल्कुल भी टिकने नहीं देना वरना…।तभी उसके पिता महेश बाबू बोले,” रिद्धि की माँ..ये कैसा पाठ बेटी को पढ़ा … Read more

अधूरे थे…पूरे हो गये – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

      बावन वर्षीय मनोहर बाबू हाथ में लिये अपने परिवार की तस्वीर को एकटक निहारे जा रहे थे और उनकी आँखों से अविरल अश्रुधारा बहे जा रही थी।अपने बच्चों के नाम बुदबुदा रहे थे तभी घर का पुराना नौकर रामू काका आकर बोले,” बड़े बाबू… खाना खा लीजिए…सात दिन हो गये हैं… आपने अन्न का एक … Read more

तेरी औकात है क्या..! – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    ” नहीं नरेश…तुम्हारे पिता हमारी शादी के लिये कतई तैयार नहीं होंगे।तुम लोग इतने पैसे वाले हो..मिल के मालिक हो…और मैं एक अनाथ…।” नरेश के हाथ से अपना हाथ छुड़ाती हुई नीलू बोली।    ” नहीं नीलू…मेरे पिता ऐसे नहीं है।हमारे घर में ऊँच-नीच का कोई भेदभाव नहीं है।हम भी तो…।” कहते- कहते नरेश रुक गया। … Read more

ममता में मिलावट नहीं होती – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

      ” बस माँ…अब बंद करो अपना ये नाटक…जब देखो…।” कहते हुए विवेक ने दही की कटोरी नीचे फेंक दी और बेसिन का नल खोलकर अपने हाथ धोने लगा।देविका जी सकपका गई।कुछ गिरने की आवाज़ सुनकर वंदना किचन से बाहर आई…एक तरफ़ खड़ी अपनी सास को उसने देखा…फिर फ़र्श पर गिरी दही की कटोरी देखी तो  … Read more

दिल ना दुखाना –  विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    फ़ैमिली कोर्ट से बाहर निकलते हुए जूही ने एक बार प्रणय को देखा और फिर हाथ में पकड़े उस कागज़ को देखा जिस पर लिखा हुआ था कि अब उसका प्रणय से कोई संबंध नहीं है।उसकी बेटी रिया के पालन-पोषण  के लिये प्रणय को हर महीने एक निश्चित राशि जूही के अकाउंट में देनी होगी।दोनों … Read more

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