मेरे पति इस मंदिर के देवता – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

उस अधिकारी के ऐसे घटिया वाहियात शब्द सुनकर भारती का खून खौल गया और उसने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाते हुए कहा, सुनिए,यह मेरा घर एक मंदिर है और इस मंदिर के देवता मेरे पति हैं जिनकी पुजारन बन कर मैं उनकी पूजा करती हूं। भारती के पति के देहांत के बाद उनके एम डी … Read more

बडकी बहू – आराधना सेन : Moral stories in hindi

नई दुल्हन अभी अपने कमरे मे भी  नही पहुंची थी उससे पहले ही उसके घर से आया सारा समान आँगन मे फैल चुका था जिसे देखकर रिश्तेदार तरह तरह की बाते कर रहे थे ताई जी तो गुस्से मे आग बबूलाहो रही थी। ताऊजी को देखते ही बोल पड़ी “यह समान आया हैं रमेश के … Read more

ऐसे शब्द सुनकर मेरा खून खौल गया-मनीषा सिंह : Moral stories in hindi

मानसी की शादी की तैयारी पूरे जोर- शोर से चल रही थी! मानसी के पिता अजीत जी बेटी के हर एक डिमांड को पूरी करने में लगे हुए थे। मानसी 22 साल की हो चुकी थी ।  तथा एम ए की पढ़ाई कर रही थी। ये शादी कुछ हटकर थी । दोनों तरफ के परिवार … Read more

ऐसे शब्द सुनकर मेरा खून खौल गया – के कामेश्वरी : Moral stories in hindi

कौशल्या कल मेरी बहन दो महीने के लिए अपने घर आराम करने के लिए आ रही है । उसकी तुम्हें अच्छे से देखभाल करनी है । इतना याद रखना कि वह यहाँ आराम करने के लिए आ रही है । वह बारंबार आराम पर ज़ोर दे रहा था ।  कौशल्या ने कुछ नहीं कहा जल्दी … Read more

सास बन गई हूं, पर मै सुहागन हूं – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

दुकान पर भीड़ उमड़ी हुई थी, साड़ियां खरीदने के लिए महिलाएं काफी थी, इतनी भीड़ देखकर हेमा जी एक तरफ बैठ गई, और भीड़ छंटने का इन्तज़ार करने लगी, थोड़ी देर बाद उन्हें भी आगे बढ़ने की जगह मिल गई, वो वहां जाकर बैठी ही थी कि सामने उनकी पुरानी पड़ोसन दीप्ति जी बैठी हुई … Read more

ऐसे शब्द सुनकर मेरा खून खौल गया – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

मम्मी जी आपने मेरा कमरा भइया भाभी को क्यों दे दिया, अरे शिल्पी कैसी बात कर रही हो कौन सा तुम्हारा कमरा हमेशा के लिए दे दिया भइया भाभी को बस रात को सोने के लिए ही तो दिया है । शिल्पी बोली फिर भी मैं बहू हूं इस घर की अब मैं कहां इधर … Read more

संस्कार केंद्र –  बालेश्वर गुप्ता   : Moral stories in hindi

 बाल कृष्ण जी रिटायर्ड आईएएस हैं, निवृत होने पर उन्होंने नोयडा  में रहने को प्राथमिकता दी।उनका एक मात्र बेटा साहिल नोयडा के ही एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहा था।नोयडा में अपना निवास रखने के पीछे एक कारण तो अपने बेटे की पढ़ाई का था,दूसरे नोयडा में दिल्ली जैसी घिचपिच नही थी जबकि सुविधाये सब … Read more

रंग रूप का अंतर – माधुरी गुप्ता  : Moral stories in hindi

इला व रोज़ी देवरानी जिठानी थी।दोनों सेठ मंगलदास की बहुएँ थी। रोज़ी का रंग एकदम गोरा चिट्टा था,बहीं इला साँवली सलोनी थी।रोज़ी का रंग भले ही गोरा था ,लेकिन उसके फ़ीचर्स एकदम बेकार थे। परंतु रोज़ी को अपने रूप रंग पर बहुत गुमान था ।उसको लगता मैं तोड़ो भी पहन लूँ मुझ पर अच्छा ही … Read more

पहले आप नहीं पहले मैं – रश्मि प्रकाश   : Moral stories in hindi

आज अपने दादा जी की पुण्यतिथि पर मैं फिर से पुरानी बातों के घेरे में खुद को जकड़ने से रोक नहीं पाई साल दर साल यूँ ही गुजरते चले जा रहे हैं पर नहीं भूले जाते तो वो सारे पल जिसने पल भर में अपनों की असली पहचान करवा दी। कितना वक्त गुजर गया है … Read more

ससुराल का अपमान नहीं सह सकती – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

 ” नहीं माँ…अब मैं यहाँ एक पल भी नहीं रुकूँगी…जहाँ मेरे परिवार का अपमान हो..वहाँ का पानी पीना भी मेरे लिये हराम है..।” कहते हुए रचना बैग में अपने कपड़े रखने लगी।     ” लेकिन बेटा…तुझे भी तो भाभी की बहन के लिये वो सब नहीं कहना चाहिये था।” शकुंतला जी बेटी को समझाते हुए बोली। … Read more

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