कैसा हमसफ़र-मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

जैसे ही रीना अपने बड़ी बहन बीना के घर पहुंची (अमर ) रीना के जीजा जी रीना को पकड़कर जोर जोर से रोने लगे ।देखो रीना तुम्हारी दीदी हमें अकेला छोड़कर चली गई। हमसफ़र बनकर आई थी मेरे सफर में , सफर में मुझे अकेला छोड़ गई । गमगीन माहौल था इस तरह से जीजा … Read more

चौकीदार सीताराम- मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

भाई साहब , भाई साहब बड़े भाई साहब हमारो गला कांट रहे हैं और फिर सीताराम ने भाई साहब के पांव पकड़ लिए ।                     नरेश और सुरेश दो भाई साथ में ही बिजनेस करते थे।उनकी एक फैक्ट्री थी । जिसमें सीताराम चौकीदार का काम करता था और काम धंधे से मतलब का जरूरी सामान भी … Read more

ढोलक बजाने वाला- मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अबे हेमन्त तू यहां मंदिर में और कबसे तू ढोलक बजाने लगा वे अभय और उसके दो दोस्तों ने हेमंत को मंदिर में ढोलक बजाते हुए देखकर बोले । सामने अभय को देखकर हेमन्त सकपका गया।                     अभय और हेमंत साथ में पढ़ते थे । सब उसको जमादार, जमादार कहकर चिढ़ाते थे क्योंकि उसके पिता जी … Read more

दिल का रिश्ता तो किसी से भी जुड़ सकता है – : Moral Stories in Hindi

भाभी कल मुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं अच्छा संजना चहक उठी ।ये तो बड़ी अच्छी बात है,ये बता तूने कुछ तैयारी वैयारी की है कि नहीं कैसी तैयारी भाभी अर्चना बोली ।अरे थोड़ा पार्लर वारलर चली जा शक्ल सूरत ठीक करा लें ,और हां क्या पहन रही है । मम्मी कह रही है … Read more

दर्द कि इंतहा -मंजू ओमरMoral stories in hindi

शुभी कबसे देवेश को फोन कर रही थी लेकिन देवेश का फोन नहीं उठ रहा था । काफी देर हो गई थी देवेश को गए हुए । शुभी सोचने लगी इतनी देर क्यों लगा गई देवेश को अमित शुभी का भाई उसको ट्रेन में बैठाने ही तो गये थे देवेश ।दस बजे की ट्रेन थी … Read more

हर मर्ज का इलाज दवाई नहीं है- मंजू ओमर । Moral stories in hindi

हर मर्ज का इलाज दवाई नहीं है सही बात है। जबसे मैं प्रेमा से मिलकर आई हूं मन को बहुत अच्छा लग रहा है। बीमारी के बाद आज तीसरी बार प्रेमा से मुलाकात हुई है ।               प्रेमा मेरी बहुत अच्छी सहेली है और मेरी किटी पार्टी की मेम्बर्स भी । अभी दो महीने पहले प्रेमा … Read more

मां बेटी का अटूट रिश्ता – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

अटूट बंधन तो की हो सकते हैं जैसे पति पत्नी का,भाई बहन का,बहन बहन का भाई भाई का । लेकिन सबसे ज्यादा अटूट बंधन तो एक बच्चे का अपनी मां से होता है । जिसमें बेटा भी मां से करता होगा अटूट प्यार लेकिन जो एक अटूट बंधन बेटी का मां से होता है वैसा … Read more

दाल में कुछ काला है – मंजू ओमर: Moral stories in hindi

सुनो जी आजकल मयंक बड़ा चुपचाप सा रहता है, कोई बात नहीं करता बस स्कूल से आकर चुपचाप कमरे में घुस जाता है सुनैना ने पति राघव से कहा। राघव जी अखबार में मुंह घुसाए चाय पी रहे थे ,बोले अरे पढ़ाई का बोझ है परीक्षा आ रही है इस बार 12वी बोर्ड है उसका … Read more

रिश्ते बराबर वालों से बनाए – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

ये क्या आंटी जी आप झाड़ू लगा रही हैं काम वाली नहीं आई क्या। अरे आप खाना भी बना रही है और कपड़े भी खुद ही फैला रही है ।तो क्या हुआ बेटा सुलोचना बोली घर के काम तो घर की महिलाओं को ही करने पड़ते हैं न।हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा।                 अरे आप … Read more

छोटा मुंह बड़ी बात – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

आज दरवाजे पर दस्तक हुई तो रंजना ने पूछा कौन तो बाहर से आवाज आई कोरियर,। रंजना ने जब कोरियर का लिफाफा खोला तो भतीजे की शादी का कार्ड था । रंजना बहुत खुश हुई और भाभी को फोन लगाया ।और भाभी कैसी हो ठीक है रंजना और भाभी सुमित की शादी का कार्ड मिला … Read more

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