किस्मत कर्मों से बनती है – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

क्या खूब किस्मत पाई है पड़ोस वाले शर्मा जी की बिटिया राधिका ने! दयमंती ने अपने पति राजेश से कहा। क्यों अब क्या हो गया?टॉपर तो है ही वो,अब कोई नई उपलब्धि मिली उसे? अरे!अपने शहर के नामी उद्योगपति सबरवाल जी के घर की बहू बन रही है वो.. क्या??राजेश के हाथ से गिलास छूटने … Read more

किस्मत_वाली – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

आज अवस्थी जी की इकलौती बेटी रिया की शादी थी। रिया जो एक अच्छी पढ़ी-लिखी संस्कारी और सुंदर थी। पहली बार में ही लड़के वालों को पसंद आ गई थी। बेटी की विदाई के बाद रिया के मम्मी पापा अपने आप को बिल्कुल अकेला महसूस कर रहे थे। उधर रिया भी ससुराल में आकर अपने … Read more

सूरज से प्रकाशित रजनी – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      राजो बेहद खुश थी।खुश भी क्यो न हो भला,आखिर उसे उसका प्यार मिल गया था।सूरज को चाहती थी और सूरज से ही उसका ब्याह जो हो गया था।ये बात दीगर है उसकी माँ ही अपनी पड़ौसन से कह रही थी,इस करमजली ने अपने भाग खुद फोड़ लिये हैं।       सम्पन्न वर्ग की रजनी जिसे सब राजो … Read more

अटैची में ज़िन्दगी – सुनीता मिश्रा : Moral Stories in Hindi

टैक्सी, जैसे ही घर के सामने आकर रुकी, कुसुम की आँखों में बादल तिर आए। ये कोई नयी बात नहीं,बादल और कुसुम की आँखें,दोनों में बहनापा हो गया है। घटना और परिस्थितियों से  सामना होते ही दोनों आपस में प्रगाढ़ आलिंगन कर लेतीं हैं। घर के बाहर चारों तरफ  कुछ जंगली पेड़ पौधे और  घास … Read more

बस अब और नहीं – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

रह -रह कर बिजली चमक रही थी, सर्दी अचानक से बढ़ गई थी, सुप्रिया ने कस कर शाल अपने चारों तरफ लपेट लिया। बाहर जिंदगी अपनी पूरी रफ़्तार से दौड़ रही थी, बस सुप्रिया की ही जिंदगी ठहर गई। पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मना रही पर सुप्रिया किस बात का जश्न मनाये, तलाक के केस … Read more

गृह प्रवेश – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

   विद्यालय से लौट कर शाम को जब मैं घर पहुंचा तो बैठक में एक महिला को अपनी बेटी के साथ बैठे पाया। यही कोई पैंतीस साल की उम्र रही होगी। पर सुगठित और आकर्षक शारीरिक वनावट से उसकी उम्र तीस साल से अधिक नहीं लग रही थी। बेटी भी लगभग बारह चौदह बरस की होगी। … Read more

किस्मत… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

चॉकलेट का बड़ा डब्बा… हाथ में लेकर भागती रोहिणी… घर में बिखरे सामानों से टकरा गई…  डब्बा गिर गया… सारे बड़े-बड़े मंहगे चॉकलेट पूरे घर में इधर-उधर फैल गए…  माया ललचाई आंखों से खड़ी होकर यह सब देख रही थी…  रोहिणी यहां वहां से चुनकर सब वापस डब्बे में डाल चुकी… पर फिर भी कुछ … Read more

माँ नहीं हूँ तो क्या – विनय कुमार मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“रिश्ता पक्का हो गया है, लड़का बहुत बड़ी कंपनी में इंजीनियर है” पापा ने खुशी खुशी मिठाई दादी के मुँह में खिलाते हुए कहा। दादी भी बहुत खुश हो गई थी। मुझसे दो साल बड़ी दीदी उठकर वहां से चली गई। वजह मैं जानता था।पर दीदी खुलकर ये बात मुझसे भी नहीं कहती।माँ बचपन में … Read more

मूवी का टिकट – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

कम्मो आज केवल मां पिताजी का ही डिनर बनाना उनसे पूछ लो उन्हें क्या खाना है वहीं बना दो हम लोग बाहर जा रहे हैं राजन ने मेड के आते ही बताया। जी साब कहती कम्मो मांजी के पास पहुंच गई थी। अम्मा बताए दो क्या बना दूं खाने में आप और बाबूजी के लाने..कम्मो … Read more

मुझे तो उलाहने सुनने ही हैं… फिर आपका भी नुकसान क्यों होने दूं .. – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” देख, ये फल लाया है तेरा भाई… हम क्या ऐसे सड़े हुए फल खाएंगे!! और ये मिठाई ….. तुम्हारे मायके में ऐसी मिठाई खाते होंगे हमारे यहां तो नौकर चाकर भी ना खाएं ….. अरे औकात नहीं बेटी को देने की तो ले कर ही क्यों आते हैं ….. इस बार अपने भाई से … Read more

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