वह हरी साडी़ – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

सावन का रिमझिम प्रारंभ हुआ… तन-मन भींगा-भींगा…हरी-भरी धरती संग उल्लसित जनसमुदाय।  इधर सावन महीने में सावन महोत्सव मनाने की तैयारी महाविद्यालय में चल रही थी। सभी को हरे रंग की साडी़   चूड़ियाँ  हाथों में मेंहदी लगाकर जाना था।उससे संबंधित  शिक्षिकायें और छात्रायें बडी़ जोर-शोर से तैयारी  कर रही थी। हमलोगों ने छात्राओं के लिये … Read more

अपना घर अपना ही होता है – हेमलता गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

मम्मी.. हम अपने घर कब चलेंगे..? अभी तो कल की शादी है और आप हमें तीन दिन पहले ही यहां ले आई ?क्या बात है बेटा.. क्या तुम्हारा शादी में मन नहीं लग रहा? देखो कितने सारे रिश्तेदार आए हुए हैं, ताऊ जी चाचा बुआ उनके बच्चे सब तुम्हारे बराबर है फिर भी अपने घर … Read more

आईना – अर्चना कोहली ‘अर्चि’  : Moral Stories in Hindi

शाम चार से छह बजे तक महेश जी दुकान बंद करते हैं। आज दुकान से आकर लंच करने के बाद वाशबेसिन में हाथ धो ही रहे थे कि कॉलबेल बजी। महेश ने तौलिए से हाथ पोंछ कर दरवाज़ा खोला तो भैया-भाभी थे। “अरे, भैया-भाभी आप अचानक! आज इतने सालों बाद मेरी याद कैसे आ गई। … Read more

असली दौलत – भगवती  : Moral Stories in Hindi

आदित्य अजीत मेहरा का इकलौता बेटा था। इंजीनियर की डिग्री प्राप्त करने के बाद वह नौकरी की तलाश में था । उसने सोचा था कि वह जल्द ही एक अच्छे पद पर आसीन होगा परंतु वक्त सरपट घोड़े समान भागता चला जा रहा था और नौकरी न मिलने की हताशा आदित्य के भीतर एक गहरी … Read more

खन्दान की इज्जत – पुष्पा पाण्डेय   : Moral Stories in Hindi

पूजा बारहवीं की परीक्षा नब्बे प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण हुई। अब काॅलेज में नामांकन की तैयारी हो रही थी। कोशिश थी कि अच्छे- से-अच्छे काॅलेज में नामांकन हो जाए। उसकी रुचि तो विज्ञान विषय में थी, लेकिन उसके पापा कला क्षेत्र के समर्थक थे। या यों कहें कि अनकहा दबाव था। पूजा ने मनोविज्ञान को … Read more

बेटा बहू को एकांत में रहने दो – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ बहुत दिन हो गए हम कहीं बाहर ना तो घुमने गए हैं ना किसी रेस्टोरेन्ट में जाकर बैठ कर खाए ही हैं… इस बार हम संडे को बाहर चलेंगे बस।” दीया ने रात के खाने के बाद फ़रमान जारी कर दिया. “ बेटा पापा को एक दिन तो आराम करने को मिलता है उसमें … Read more

स्वार्थ का चश्मा उतर गया – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

” इतनी देर क्यों कर दी रति,कब से सब लोग तेरा इंतजार कर रहे थे, कि तू आये फिर चाय पी जाये “, अनीता ने थोड़ा खींझ कर कहा। “अरे भाई संयुक्त परिवार में रहती हूँ तो देर होना स्वाभाविक है, अभी भी सब्जी लेकर आ रही हूँ , तुम लोगों के मजे हैं,एकल परिवार … Read more

अपराध बोध – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

भरोसी एवं मीना सेठ भगवान दास के यहाँ कार्य  करते थे । भरोसी पौधों  एवं लान की देखभाल करता मीना घरेलु कार्य करती। उनके दो बच्चे थे  गीता एवं आकाश। गीता तो बड़ी थी करीब  दस साल की सो मां के साथ काम करवाती किन्तु आकाश छोटा था करीब सात साल का सो बैठे-बैठे सबको … Read more

रायपुर वाली भौजी – सुबोध चतुर्वेदी  : Moral Stories in Hindi

सुबह अचानक भाई का फोन  आया ,चाय का प्याला हाथ में लिये मैंने रिसीवर कान से लगाया ,दूसरी ओर से भाई का स्वर था—सुनो ,रात को रायपुर वाली नहीं रही .क्या,कैसे ? कैसे क्या कितनी बीमार चल रहीं थी एक तरह से जी गईं समझो “.मैंने स्वगत ही कहा—हां सचमुच जी गईं .रिसीवर रख कर … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–2) – शशिकांत कुमार   : Moral Stories in Hindi

बैकुंठी गांव में अपनी पुत्री को ले जाओ और गांव के बिलकुल सड़क के किनारे माता वैष्णो देवी का मंदिर हैं वहां ले जाकर अपनी पुत्री को माता के दरबार में माथा टीका देना और तुरंत वहां से लौट आना .. परंतु ध्यान रहे किसी भी ग्रामवासी कi नजर तुम सब पर न पड़े खास … Read more

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