हीरो बनने की चाहत -डाॅ उर्मिला सिन्हा Moral stories in hindi

#प्रदत्त विषय -दिन में तारे दिखना  शीर्षक- हीरो बनने की चाहत 18/4/2024     अच्छे खाते-पीते घर के तीनों लड़कों को आज कल पढ़ाई में कम इधर-उधर की बातों में मन ज्यादा लगता था।  यश, गौरव और भूषण।      दर असल तीनों को मुंबई फिल्मी दुनिया में जाकर हीरो बनने की हार्दिक इच्छा थी। अपने शकल-सूरत पर कुछ … Read more

बंशी की तान – डाॅ  उर्मिला सिन्हा Moral stories in hindi

आधी रात को नींद उचट गई… कोई दूर में बांसुरी बजा रहा था। बांसुरी की मीठी करुण धुन राधिका उठ बैठी। बगल में पति यश मीठी नींद ले रहे थे… होंठो पर मुस्कान… शायद प्यारा सपना देख  रहे हों। गंगा किनारे बसे गाँव में यश  राधिका को गौना कराकर ले आया था। सुबह यश बोला, … Read more

ऐसे शब्द सुनकर मेरे खून खौल गये – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

उपरी तल्ले में जोर-जोर से सामान पटकने… राहुल के चीखने और मीनू की सिसकियों की आवाज़ आ रही थी।  नीचे रमा का हृदय व्यथित हो गया। इसी उठा-पटक तेज मिजाज बदजुबानी के कारण आपस में बोल-चाल बंद थी।  लेकिन  सहृदय रमा का दिल हाहाकार कर बैठा, “जो भी हो हैं… देवर देवरानी ही न… बिना … Read more

रिश्तों की महक – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

 जबसे नैना रमन की जिंदगी में आई है… बहार सी आ गई है। दोनों की नौकरी एक ही मल्टीनेशनल कंपनी में… और सोने पर सुहागा एक ही महानगर में।  दिन भर लैपटॉप में आंखें गडा़ये… एक ही गाडी़ से वापसी… कुछ बाहर से मंगवा लिया या मिलजुलकर बना- खा लिया… हंसे बोले… अपने-अपने घर बात … Read more

बेरंग से रिश्तों में रंग भरने का समय आ गया है – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

  जबसे नैना रमन की जिंदगी में आई है… बहार सी आ गई है। दोनों की नौकरी एक ही मल्टीनेशनल कंपनी में… और सोने पर सुहागा एक ही महानगर में।  दिन भर लैपटॉप में आंखें गडा़ये… एक ही गाडी़ से वापसी… कुछ बाहर से मंगवा लिया या मिलजुलकर बना- खा लिया… हंसे बोले… अपने-अपने घर बात … Read more

अपना काम – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

उसके आने से घर में सन्नाटा सा छा गया।अम्मा ने उसे सिर से पाँव तक घूर कर देखा।   साँवला रंग, तीखे नाक-नक्श ,गाल पर मचलते बालों का लट, कानों में लटकन, छींटदार सलवार कुर्ता  …स्टाइल से ली गई  आडी़ तिरछी चुन्नी  ऊंची ऐडी़ की सस्ती चमकदार सैंडल… बात-बात पर खिलखिलाती धवल दंतपंक्तियां। सीधी सादी अम्मा … Read more

हृदयपरिवर्तन – डाॅ उर्मिला सिन्हा: Moral stories in hindi

  मौसम के बदलाव का रुख भांपने में किसी न किसी को महारत हासिल रहता है और स्त्रियों को अपने घर-गृहस्थी में मेहमानों का आवागमन… शायद ही आनंदित करता हो।   नाक पर गुस्सा लिये मीता की बड़बड़ाहट चालू थी, “अब फिर वे लोग आने वाले हैं… खुद तो मौजमस्ती करेंगे… शामत आयेगी हमारी!” “कौन आ रहा … Read more

रिश्वत – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

उपमा के ललाट पर पसीना छलक आया! सांसें फूलने लगी पकड़े जाने के भय से वे नीली पड़ गई…  “चोरी… हां चोरी ही तो है… दो मिठाईयों की चोरी… वह भी अपनों के घर में। “  मोतियाबिन्द से ऐसे ही आंखों की रौशनी धुंधली हो गई है… चारो ओर धुआँ सा दीखता है। आई थी … Read more

मेरा कसूर क्या था? – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

 भैया ने कुछ शादी के कार्ड थमाते हुये कहा, “लगे हाथ इसे भी बांटते आना, छोटू तुम्हारे साथ जा रहा है… तुम्हारी मदद कर देगा। “ छोटे बड़े सामानों की सूची… पैसा भाभी ने मुझे पहले ही थमा दिया था… ड्राइवर गाड़ी में थैले रख रहा था। आज ही मैं आई हूं। भैया की बेटी … Read more

कसक – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

   नीम की सूखी पत्तियां  आंगन में  चारों ओर फैली हुई थी। कई दिनों तक भागदौड़ के पश्चात नीम की छाँव में बैठते ही पारो  की आंखें लग गयी। शीतल मंद बयार…।   अपने इकलौते बेटेबहू को आज ही बहू के मायके पग फेरे के लिये भेजा है। अकेली जान हजारों काम। नैहर ससुराल… अडो़सी पडो़सी …सभी … Read more

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