मूंगा की लाली – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

आकाश में चांद रजत थाल के समान लटका हुआ है…उज्जवल धवल चांदनी चहुंओर फैली हुई है…मूंगा के आंखों में सुनापन…नींद कोसों दूर…     भविष्य का पता नहीं….बेमुरव्वत वर्तमान… और अतीत में उलझा बावडा़ मन…  बाल-विधवा …मूंगा.. न नैहर में कोई न ससुराल में…आगे नाथ न पीछे पगहा…    दुसरों का सेवा-टहल कर उसने अपनी आधी उम्र व्यतीत … Read more

गिले शिकवे – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

नीले स्वच्छ आसमान में ढलते सूरज की पीले सेन्दुरी किरणों का सम्मोहन। ऊंचे-ऊंचे हरे घने  वृक्ष ,घनी झाड़ियां, घोंसले में लौटते चिड़ियों का तीव्र शोर अपनी ओर खींच रहा था। इस दिलकश वातावरण के खिंचाव में हरीश यूं ही इस ओर बढ़ता चला गया।     जब व्याकुल मन कहीं नहीं बंधे तो उसे प्रकृति के गोद … Read more

सुबह का भूला – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

हैरान परेशान… पूजा ने घर में घुसते ही हंगामा मचा दिया, ” आखिर कबतक बर्दाश्त करुं। घर का काम मैं करुं, पैसे कमाकर मैं लाऊं… बच्चे मैं पालूं, तुम्हारे मां-बाप की सेवा करुं और तुम मुझे आंखें तरेरो” नन्हे  बच्चे सहम गये। वृद्ध सास-ससुर  पूजा के इस रोज के नाटक को चुपचाप देखते रहे।  सोफे … Read more

बहन की शादी – डाॅ उर्मिला सिन्हा’ : Moral Stories in Hindi

“जरी जरी मेरी साड़ी सलमा सितारा जरी सड़िया पहन मैं छत पर गई थी गरी गरी मेरी साडी़ सजना के दिल में गडी़। “ झूमर गाती महिलाएं  … रमा को अपना पति यश याद आ गया। ढोलक पर थाप देती ललनाओं की मंडली… गाने के धुन पर नाचती… बहु बेटियां… संपूर्ण घर आँगन में विवाहोत्सव … Read more

मेरा खत – डाॅ उर्मिला सिन्हा Moral Stories in Hindi

प्यारी सखी,  मधुर स्मृति।   आज वर्षों बाद मैं तुम्हें पत्र लिख रही हूं। याद है  जब हम छुट्टियों में अपने अपने घर चले जाते थे तब ये चिट्ठियां  ही हमारा सहारा होती थी। हम कभी डाक से या कभी किसी हरकारे के हाथों एक-दूसरे को कुशलक्षेम भेजती।    उस कागज के टुकड़े में कितना कुछ … Read more

मेरे हमसफ़र – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

तपती दोपहरी में घर से निकलना अपनेआप को लू-लहर के चपेटे में झोंक देना है। मुग्धा ने दुपट्टा खींचकर मुँह कान ढंकने का असफल प्रयास किया। न एक रिक्शा न कोई सवारी…।  वह लगभग दौड़ती हुई आगे बढी़। घर यहाँ से डेढ-दो किलोमीटर ही है लेकिन… भीषण गर्मी से सड़कें वीरान है। आज से कुछ … Read more

हीरो बनने की चाहत -डाॅ उर्मिला सिन्हा Moral stories in hindi

#प्रदत्त विषय -दिन में तारे दिखना  शीर्षक- हीरो बनने की चाहत 18/4/2024     अच्छे खाते-पीते घर के तीनों लड़कों को आज कल पढ़ाई में कम इधर-उधर की बातों में मन ज्यादा लगता था।  यश, गौरव और भूषण।      दर असल तीनों को मुंबई फिल्मी दुनिया में जाकर हीरो बनने की हार्दिक इच्छा थी। अपने शकल-सूरत पर कुछ … Read more

बंशी की तान – डाॅ  उर्मिला सिन्हा Moral stories in hindi

आधी रात को नींद उचट गई… कोई दूर में बांसुरी बजा रहा था। बांसुरी की मीठी करुण धुन राधिका उठ बैठी। बगल में पति यश मीठी नींद ले रहे थे… होंठो पर मुस्कान… शायद प्यारा सपना देख  रहे हों। गंगा किनारे बसे गाँव में यश  राधिका को गौना कराकर ले आया था। सुबह यश बोला, … Read more

बडा़ घर – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

आजकल रति और उसका पूरा परिवार  खुशियों के समुंदर में गोते लगा रहा है। जमीन पर पाँव नहीं टिकते… आकाश छूने को बेताब हैं।    भला हो भी क्यों नहीं साधारण परिवार जिसमें पाँच -पाँच कन्याएं… देखने में सुंदर, गोरी चिट्टी ,काम-काज में होशियार लेकिन पिता के पास दहेज की पोटली नहीं …वैसे में बडी़ लड़की … Read more

ऐसे शब्द सुनकर मेरे खून खौल गये – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

उपरी तल्ले में जोर-जोर से सामान पटकने… राहुल के चीखने और मीनू की सिसकियों की आवाज़ आ रही थी।  नीचे रमा का हृदय व्यथित हो गया। इसी उठा-पटक तेज मिजाज बदजुबानी के कारण आपस में बोल-चाल बंद थी।  लेकिन  सहृदय रमा का दिल हाहाकार कर बैठा, “जो भी हो हैं… देवर देवरानी ही न… बिना … Read more

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