मूंगा की लाली – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi
आकाश में चांद रजत थाल के समान लटका हुआ है…उज्जवल धवल चांदनी चहुंओर फैली हुई है…मूंगा के आंखों में सुनापन…नींद कोसों दूर… भविष्य का पता नहीं….बेमुरव्वत वर्तमान… और अतीत में उलझा बावडा़ मन… बाल-विधवा …मूंगा.. न नैहर में कोई न ससुराल में…आगे नाथ न पीछे पगहा… दुसरों का सेवा-टहल कर उसने अपनी आधी उम्र व्यतीत … Read more