जीवन का सवेरा (भाग – 5) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

आरुणि रोहित को भावनाओं में गुम हुआ देख़ टेबल थपथपाते हुए “नोक नोक” बोल रोहित को ख्यालों की दुनिया से बाहर लाती है, “रोहित कहाँ खो गए थे, मैंने कुछ पूछा है तुमसे”… आरुणि ने चिंता और परेशानी के भाव से उससे पूछा। वह रोहित की परेशानी जानने के लिए उत्सुक थी, जबकि रोहित की … Read more

जीवन का सवेरा (भाग – 4) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“जब तक चाय आती है, अपने बारे में बताओ रोहित। दोस्त के बारे में कुछ तो मालूम होना ही चाहिए।” रोहित के फिर से बैठते ही आरुणि कहती है। “करेक्ट.. फिर हम सब भी चाय के साथ अपना अपना परिचय देंगी।” तृप्ति आरुणि के कथन पर स्वीकृति की मुहर लगाती हुई कहती है। रोहित सबको … Read more

पुरानी या सही सोच – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने… तुम्हें किसी ने बताया नहीं है ये तुम जैसे लोगों के बैठने के लिए बिस्तर नहीं लगाया गया है…. नीचे ज़मीन पर बैठ कर खाना चाहिए था… देखो इसको कैसे बेशर्मों की तरह बिस्तर पर बैठ कर खा रहा है।” रत्ना जी जोर जोर से भुवन से कह … Read more

दिल का रिश्ता तो किसी से भी जुड़ सकता है – : Moral Stories in Hindi

भाभी कल मुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं अच्छा संजना चहक उठी ।ये तो बड़ी अच्छी बात है,ये बता तूने कुछ तैयारी वैयारी की है कि नहीं कैसी तैयारी भाभी अर्चना बोली ।अरे थोड़ा पार्लर वारलर चली जा शक्ल सूरत ठीक करा लें ,और हां क्या पहन रही है । मम्मी कह रही है … Read more

जिंदगी कीमती है- अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

ये क्या अनर्थ कर दिया एक ऐसी लड़की को तू अपने घर की बहू बना लाया जिसकी बारात वापस चली गई  कुसुम आंखे निकालती हुई बोली और लता डर के कारण सुहास के पीछे छिप गई । सुहास बोला मां मेरी बात तो सुनो अगर बारात वापस चली गई तो इसका क्या दोष है ऐन … Read more

परवाह – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

पिता जी की तबियत ठीक है ना मां बड़ा बेटा दीप फोन पर पूछ रहा था और मां सोच में पड़ गई कि क्या जवाब दूं।सही सही बता दूं या….!! ऐसे क्यों पूछ रहा है बेटा उसीके प्रश्न को घुमा दिया था मां ने। नहीं वो क्या है ना पिताजी से कई दिनों से बात … Read more

पूर्णिमा का चाँद – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

आज अरुंधति बहुत खुश थी उसका देवर नीलेश जिसे उसने सास ससुर की असमय मृत्यु के बाद बच्चे की तरह पाला था। उसने अपने भावी जीवन के लिए एक लड़की प्रिया को पसंद किया था। अब वो उसे लेकर अरुंधति और उसके पति राघव से मिलाने ला रहा था। सुबह से ही अरुंधति बहुत चाव … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

सत्यम का मन ऑफिस में भी नही लगा.. घर भी जाने की इच्छा नहीं थी खाली खाली सा ये घर !जहां नेहा और निधी की शरारतों से घर का कोना कोना चहकता रहता था.. मां बाबूजी की उदास डबडबाई आंखे उफ्फ! कैसे सामना करूं.. भगवान तू मेरी कैसी परीक्षा ले रहा है.. अर्चना तूने #ऐसा … Read more

पति से पंगा – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“कुछ दिनों से ऐसा लगता है सब काम गलत ही हो रहा है… जिस काम में हाथ डालो… वही उल्टा पड़ जाती है… क्या करूं कुछ समझ में ही नहीं आ रहा…!” सुमति जी ने अपनी मां के बाल बनाते हुए कहा…  सुमति जी की मां अभी दो दिन हुए उनके पास आई थी… मां … Read more

टीवी रिश्तों को जोड़ने का जरिया – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

आज जब राखी टीवी पर रामायण देख रही  थी तो सहसा अपने बचपन  में चली गई   जब सब मोहल्ले वाले  साथ  में शटर वाली टीवी पर रामायण, महाभारत, रंगोली, चित्रहार और फिल्में देखते तो त्यौहार जैसा माहौल हो जाता था। जब  सब मिलकर हंसते, बोलते,खाते ,पीते हुए टीवी का आनंद लेते थे बहुत मजा आता … Read more

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