बेटा बहू को एकांत में रहने दो – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ बहुत दिन हो गए हम कहीं बाहर ना तो घुमने गए हैं ना किसी रेस्टोरेन्ट में जाकर बैठ कर खाए ही हैं… इस बार हम संडे को बाहर चलेंगे बस।” दीया ने रात के खाने के बाद फ़रमान जारी कर दिया. “ बेटा पापा को एक दिन तो आराम करने को मिलता है उसमें … Read more

बहू कुछ दिन और मायके रूक जाती…. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बहू तू इतनी जल्दी मायके से आ गई… समधी जी अब कैसे हैं….. कुछ दिन उनके पास ही रूक जाती…. क्या सोचते होंगे तुम्हारे मायके वाले ज़रूर सास  मायके में रूकने नहीं देती होगी ।” कौशल्या जी ने बहू निशिता से कहा  “ बिल्कुल नहीं मम्मी जी…. सब तो मुझे दूसरे दिन ही भेज … Read more

अब दरवाज़ा खुला मिलेगा ननद रानी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अरे नित्या बेटा तू कब आई और दरवाज़े के बाहर क्या कर रही है?” सुगंधा चाची ने नित्या को घर के बाहर खड़ी देख पूछा “ वो चाची दो दिन कॉलेज की छुट्टियाँ थी तो सोचा भैया भाभी और बच्चों से मिल आऊँ …. कब से कॉल बेल बजा रही हूँ कोई खोल ही नहीं … Read more

अशांति की वजह कही मैं तो नहीं… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ क्या हुआ महेश बाबू..आज फिर से आपका  घर जाने का मन नहीं कर रहा है ?” पार्क में महेश जी को बैठे देख कर उसी अपार्टमेंट में रहने वाले नवल जी ने पूछा  “ क्या ही बताऊँ नवल बाबू… कितना लाचार हो गया हूँ हर दिन घर में अशांति फैली रहती है और इसकी … Read more

आप साथ देंगी ना सासु माँ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“बहू ये क्या तमाशा था… ये सब लड़कियाँ कौन थीं और तुमने उन्हें यहाँ क्यों बुलाया था?” सुनंदा जी ग़ुस्से में बहू राशि से बोलीं “ मुझे उनसे काम था…।” संक्षिप्त उत्तर दे राशि एक बंद पड़े कमरे की ओर बढ़ गई “ अब वहाँ क्या करने जा रही हो…. जब से आई हो दिमाग़ … Read more

पत्नी जी आज तुम बस आराम करोगी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

बहुत दिनों बाद आज रविवार को बच्चों के साथ राशि गप्पें मार रही थी…पति निकुंज की कल से दूसरे शहर में ट्रेनिंग शुरू होने वाली थी तो वो सुबह ही निकल गए थे । ऐसा वक्त बहुत कम मिलता था जब दोनों बच्चे और राशि एक साथ गप्पें मारते…आज तो दोनों ने कह भी दिया … Read more

एहसास – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अस्पताल के एक अच्छे से कमरे में सामने शून्य की ओर निहारती श्रुति आसपास कौन है इन सब से बेख़बर बस बिना पलके झपकाए उस शख़्स को देखे जा रही थी पर चेहरे पर कोई भी भाव नहीं था कोई देख ले तो यही कहेगा वो मर चुकी हैं पर आँखें खुली हुई है। सामने … Read more

सासु माँ ये साड़ियाँ तो आपकी हैं ना – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुनती हो चंदा के ससुराल से कुछ लोग आ रहे हैं, अब वो आएँगे तो जाते वक़्त विदाई भी तो देनी पड़ेगी… लाओ देखो कितने पैसे बचे हैं जाकर कुछ ले आता हूँ ।” मनोहर लाल ने पत्नी सरला से कहा “ इतने पैसे कहाँ से आएँगे जी…अभी महीना भर पहले तो ब्याह किया … Read more

सासु माँ ससुर जी से कहिए सब्ज़ियाँ लाने को.. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुनो जी तुम ना कल से बाज़ार जाकर सब्ज़ियाँ ले आया करो।” सुनंदा जी ने पति राजेश्वर जी से कहा “ अम्मा यार अब इस उम्र में भी सब्ज़ी बाज़ार दौड़ाती फिरोगी…अब तो निकुंज को सब्ज़ी लाने की ज़िम्मेदारी दो।” राजेश्वर जी ने कहा “ वो तो ला ही देता है पर आपको लाने … Read more

एक दूजे बिन अधूरे – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ क्या देख रही हो काव्या?” दूर किसी जोड़े को देखकर मन ही मन मुस्कुराती काव्या को ऐसे देख रमन ने पूछा “ देखो ना रमन  वो कपल कितने प्यार से एक दूसरे का हाथ थामे बैठा है और उपर आसमान में उड़ते बैलून , पैराग्लाइडिंग ये सब देख कर उसकी पत्नी बहुत खुश हो … Read more

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