ई का करत हो बहुरानी… – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

पहला दिन था इसलिए उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। करे तो क्या करें?शादी कर के कल रात को ही तो इस घर में आई थी, सुबह सवेरे मड़वा में पूजा करने के बाद पंडित जी ने कहा अपने से बड़ों का आशीर्वाद ले लो ।सामने बहुत सारी महिलाएँ खड़ी थी।अब सब के पाँव … Read more

मान सम्मान – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अंजना जी की  जेठानी कुछ समय के लिए उनके घर आईं थीं। वे उम्र में काफी बड़ी थीं और अपने जीवन के कठिन दौर से गुजर रही थीं। जीवन में समय का पहिया ऐसे घूमा कि अब वे खुद किसी के सहारे की तलाश में थीं। वे पहले से ही काफी धनवान थीं और अपने … Read more

अब अफ़सोस कर क्या मिलेगा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“मम्मा मम्मा कहाँ हो आप…. ?”दस साल का ध्रुव पूरे घर में नित्या को खोजता हुआ घूम रहा था  “ तेरी माँ कहाँ होगी बस बैठ कर अफ़सोस करती रहती है पहले ही समझ जाती तो आज ये दिन तो ना देखना पड़ता… और बेटा तुम भी तो जानते ही हो ना…. तुम्हारी माँ कहाँ … Read more

मुझे मेरे मायके जैसा ससुराल नहीं चाहिए… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ये क्या कर रही है बेटा रसोई में… चल जा मैं कुछ बना देती हूँ खाने के लिए नहीं तो बहू से कहती हूँ… तू हॉस्टल से आई है आराम करने रसोई के काम करने नहीं?” सुमिता जी राशि को रसोई में देख बोलीं. “ माँ वो भाभी के पैरों में बहुत दर्द हो रहा … Read more

हम साथ-साथ हैं – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

मयंक और निकिता की शादी को पाँच साल हो चुके थे। दोनों एक-दूसरे के सुख-दुख को समझते थे, लेकिन मयंक के स्वभाव की एक बात थी जो निकिता को हमेशा से परेशान करती थी। मयंक का शांत स्वभाव और बिना किसी शिकायत के सब कुछ सहन कर लेना, निकिता के लिए हमेशा एक पहेली था। … Read more

एक उसके बिन क्यों है सूनी तेरी दीवाली….. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ आओ ना देखो कितनी अच्छी रंगोली बनाई है… ।” बीस साल की अवन्ति माँ  सरला जी का हाथ पकड़ कर खींचते हुए ले जाने लगी   सुलोचना बेमन से बेटी के साथ रंगोली देखने गई और बिना चेहरे पर कोई भाव लाए बोली,“ अच्छी है।” “ क्या माँ इतनी देर से मेहनत कर रही … Read more

अनजान नम्बर वाला तुम्हारा चहेता तो नहीं – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ रिया चलो आज कॉफी पीने बाहर चलते हैं ।” पति सुहास ने रिया से कहा जो ना जाने किन विचारों में खोई हुई गुमसुम सी खड़ी थी “ सुन रही हो?” सुहास ने झकझोरते हुए कहा “हं हाँ क्या कह रहे हो ..?” रिया हड़बड़ाते हुए बोली “ कहाँ खोई रहती हो रिया…हँसना बोलना … Read more

बंद मुट्ठी के रिश्ते – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

आज सुमी के आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। पति बच्चे सब चुप करा कर थक गये पर वो बार बार यही बोल रही थी क्या कमी कर दिया रिश्ते निभाने में जो आज ये सिला मिला। जब से शादी कर के इस घर में प्रवेश किया सबको अपना समझती रही, उनकी परेशानी … Read more

बेटा ऐसे तोहफ़े मँगवाना अच्छा नहीं है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

दरवाज़े की घंटी बजते राशि ने जैसे ही दरवाजा खोला…“ मैम मिस राशि के नाम का कुरिअर है।” डिलीवरी बॉय ने राशि से ही कहा ” हाँ दीजिए ।” मुस्कुराते हुए राशि ने कहा और पैकेट लेकर दरवाज़ा बंद कर दिया “ ये फिर तूने क्या मँगवाया है बेटा?” सुमिता जी ने राशि से पूछा … Read more

रिश्तों पर पड़ीं धुंधली परत…. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“आइने गुज़रा हुआ वक़्त नहीं बताया करते सुमन….हम उसको पकड़ कर बैठे रहते हैं… जो हो गया जो बीत गया बस वो हमारे मानस पटल पर ऐसे अंकित हो जाते हैं कि हम चाहकर भी उनसे अलग नहीं हों पाते हैं ….देखो ना तुम आज भी छोटी के व्यवहार को लेकर दुखी होकर बैठ गई … Read more

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