जीवन शैली में बदलाव – पुष्पा जोशी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : विवेक आज पूरे बारह वर्षों के बाद अपने पैतृक गाँव में वापस आया। स्टेशन पर पैर रखते ही एक अजीब सी मिठास उसके मन में समाहित हो गई, उसे आनन्द की अनुभूति हो रही थी ।वह सोच रहा था कि इतने वर्षों के बाद, वह अपने दोस्तों से मिल कर … Read more

बच्चो और परिवार के पीछे वह खुद को भूल गई – पूजा मिश्रा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : यार सुमी तुम समय से तैयार भी नही हो पाई जब मैने कहा था मैं पांच बजे आ जाऊंगा ,   क्या करू समय ही नहीं मिलातुम ऐसा क्या कर रही थी अब तक ?गोलू की वेन वाले ने आज आने को मना कर दिया उसे लेने जाना पड़ा ,शाम … Read more

वैदेही निकुंज – वीणा सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : बचपन में जब भी ननिहाल जाती वैदेही निकुंज और ठीक उसके सामने सड़क के उस पार आशुतोष निवास मेरे लिए आकर्षण का केंद्र होता…                           बड़े मामा के दोस्त थे डॉक्टर आशुतोष .. सदर अस्पताल में जेनरल फिजिशियन थे..              वैदेही निकुंज की मालकिन भी डॉक्टर हीं थी…                  दोनो घरों की डिजाईन … Read more

संस्कारहीन – पूजा शर्मा  : hindi stories with moral

hindi stories with moral : प्रिया ओ प्रिया !अपना नाम सुनकर प्रिया नेजैसे ही पीछे मुड़कर देखा साधना खड़ी थी और उसी की ओर दौड़ी चली आ रही थी ,तू यहां कैसे?ऐसे गायब हो गई जैसे ईद का चांद ,फोन नंबर भी बदल दिया पिछले 2 साल से कोई खैरखबर नहीं है तेरी ? एक … Read more

भाभी आपसे ही संस्कार सीखें हैं – बालेश्वर गुप्ता

 ए जी सुनो, अपनी संगीता विवाह योग्य हो गयी है. उसके लिये योग्य वर की तलाश करनी चाहिए. अपने अंतिम समय पर अम्मा हमारे हाथ में ही तो संगीता का हाथ दे गयी थी. सुन रहे हो ना?      हाँ – हाँ भागवान सब सुन भी रहा हूँ और सोच भी रहा हूँ. संगीता तब 10 … Read more

बालिका बधू-जयसिंह भारद्वाज

जब जब भी ज्योति अपने अतीत में झाँकती तब तब उसे अपने घरवालों से घृणा होने लगती और जब वह अपने भविष्य को देखती तो समाज और विशेषकर महिला समाज से वितृष्णा होने लगती। आइये! हम भी ज्योति सिंह कछवाह के भूतकाल में कुछ चहलकदमी कर लेते हैं। आज से लगभग बीस वर्ष पहले उसके … Read more

अनोखा बन्धन – मंगला श्रीवास्तव

जैसे ही विदा हुई वह बस में बैठी थी और बस चल पड़ी थी उसने पीछे मुड़ कर खिड़की से देखा, उसको विदा करके  माँ पाप भाई भाभी सभी रो रहे थे ।छोटा सा बिट्टू भी रो रहा था।।उनको रोता देख उसकी रुलाई भी बढ़ती जा रही थी।जैसे जैसे बस आगे बढ़ी  सब पीछे रह … Read more

जेठजी की नसीहत ” – अंजूओझा

सुहास तुम सुनीता को समझा दो कि अपनी हद में रहे और अपनी खराब आदतों को मायके में छोड़े , सुबह सात बजे उठना सेहत के लिए फायदेमंद है। अमर भैया अपने छोटे भाई से बोले और ऑफिस के लिए निकल गए। सुनीता उठो यार  नौ बज गए हैं अंश अर्पिता स्कूल चले गए भैया … Read more

परीक्षा – मीनाक्षी सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : बापू जल्दी चलो कोचिंग का टाइम हो गया हैँ…. इतनी देर से लायें तुम रिक्शा …. कुछ छूट जायेगा तो कोनो नहीं समझायेगा मुझे…. चंचल रिक्शा चलाते अपने बापू से बोली…. बिटिया सबेरे 30 रूपये कमा आया… मुझे पता था तू लेट ना हो जायें इसलिये एक सवारी छोड़ आया…. … Read more

मेरे घर में कोई बदलाव नहीं होगा…. – रश्मि प्रकाश  : hindi stories with moral

hindi stories with moral : राशि जब से शादी कर के आई ….ससुराल में इतना सारा बिना काम का सामान देख कर आश्चर्य करती ….पर नई बहू कहे भी तो क्या…. महीने भर बाद वो पति निकुंज के साथ नौकरी वाली जगह रहने चली गई । कुछ समय बाद दिवाली आने वाली थी पहली दिवाली … Read more

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