कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन ( अंतिम भाग ) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

इधर राघव और यशोदा दोनो कुछ देर बाद बैकुंठी गांव पहुंचे और सबसे पूछते हुए रामेश्वर जी घर पहुंचे …. कौन? एक अधेड़ वायक्ति उम्र करीब 50,55 के बीच का घर के दरवाजे से ही पूछता है राघव और यशोदा दोनो इस व्यक्ति को देखकर नमस्ते करते है तो वो व्यक्ति उन दोनो को अंदर … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–12) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

उस रोशनी के पीछे कोई और नही बल्कि स्वयं माता वैष्णो देवी थी और केवल देवकन्या और वैष्णवी को दिखाई दे रही थी बाकी यशोदा और राघव उनको देख पाने में असमर्थ थे। देवकन्या ने माता को प्रणाम किया और पूछी … माता आपने मुझे रूप बदलने की शक्ति से वंचित कर रखा था फिर … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–11) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

एक बहुत ही सुंदर करीब 30 वर्ष की कुमारी कन्या उसके सामने जिसके पूरे शरीर के चारो तरफ एक दैवीय औरा चमक रहा था… ऐसा लग रहा था जैसे मानो देवलोक से कोई परी उसके सामने उतर आयी हो आ..आ ..आप कौन है? (यशोदा बोली) मैं तुम्हारी बुढ़िया माता न …न… नही ऐसा कैसे हो … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–10) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

क्या……. नही …नही माता ( यशोदा चिल्लाई) वैष्णवी कैसे  मुक्ति दे सकती है माता ..( राघव थोड़ा डरते हुए बोला) क्योंकि वैष्णवी ही राधिका है मेरे बच्चों यशोदा और राघव एक दूसरे को देखते है और वैष्णवी से लिपट है । नही मेरी बच्ची राधिका नही है मेरी बच्ची केवल मेरी बच्ची है ( यशोदा … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–9) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

राधिका के शरीर के ऊपर एक तेज रोशनी प्रकाशित हुई और राधिका एक प्रकाश पुंज के आवरण में सुरक्षित हो गई अब राधिका मूर्छित नही बल्कि उसकी पवित्र आत्मा उसके शरीर से बाहर आ गई थी जिसकी सुरक्षा माता वैष्णो देवी खुद कर रही है… और शरीर उसी नग्न अवस्था में उस पूंज के आवरण … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–8) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

माता आप तो देवकन्या है फिर आप पर उस राक्षस का असर कैसे हुआ ……. (राघव ने बुढिया से पूछा) हा माता ….और आप भी तो माता वैष्णो देवी की एक भक्त ही थी फिर राधिका पर उस राक्षस का असर क्यों नहीं हुआ और आप पर ही क्यों हुआ? ….(यशोदा बोली) हां मुझ पर … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–7) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

नवल……. आश्चर्य से साध्वी और राधिका एक दूसरे को देखने लगती है हां नवल…(अंबिका जी) इससे आगे वो बड़बड़ाती है की वो रूप बदल कर लड़कियों का शिकार करता है और उसने मुझे भी कही का नही छोड़ा और हसने लगती है साध्वी के लिए ये किसी सदमे से कम नहीं था लेकिन उसके मन … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–6) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

साध्वी एक देवकन्या थी और उसने एक मनुष्य के साथ अपनी पवित्रता को खोने वाली थी… इधर राधिका उसका इंतजार कर रही थी। राधिका को ऐसा लग रहा था जैसे वो दोनो प्रेम की बाते करने में खोए हुए हो लेकिन उसे ये तनिक भी अंदाजा नहीं था की उसकी संरक्षण में साध्वी नवल के … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–5) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

एक बार तो नवल के प्राण जैसे हलक से बाहर ही आ गया हो नवल को काटो तो खून नहीं मुझे माफ कर दो… मुझसे गलती हो गई मेरी नजरों से ओझल हो जाओ वर्ना तुम्हारे लिए ठीक नहीं होगा नवल को जैसे एहसास हो गया हो की ये राधिका हो ही नही सकती नवल … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–4) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

आज से करीब 40 वर्ष पहले वैष्णवी का राधिका के रूप में बैकुंठी गांव में जन्म हुआ था उसके पिता का नाम रामेश्वर पांडे था और माता अंबिका देवी । राधिका का एक छोटा भाई नारायण था जिसे राधिका बहुत प्यार करती थी और छोटा भाई भी अपनी बहन से ज्यादा लगाव रखता था । … Read more

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