मां ने समझाया था! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

   मैं किसी प्रख्यात व्यक्तित्व या पद विशेष की स्वामिनी नहीं हूँ। मैं एक सामान्य महिला हूँ। फिर भी एक औसत परिवार में जन्मी महिला विपरीत परिस्थितियों में से निकल कर कैसे अपना रास्ता बना सकती है,यही बताना इस कथा का उद्देश्य है। अक्सर अति ‘आर्थिक अभावों’ को ही संघर्ष का नाम दिया जाता है लेकिन … Read more

 मिला-जुला परिवार – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

कितनी खुश थी कुहू आज, आखिर उसकी शादी उसके मनपसंद साथी आखर से हो रही थी। शादी कर ससुराल आई, तो सबसे पहले पग- पडा़ई के रस्म में उसे परिवार के सभी सदस्यों से मिलवाया गया। सबसे पहले ददिया सास-ससुर, फिर उसके सास ससुर, फिर जेठ जी और जेठानी जी और उनके साथ ही थे … Read more

 संयुक्त परिवार – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

अंजू की शादी संयुक्त परिवार में हुई थी। परिवार में पति के अलावे सास-ससुर,एक जेठ ,दो देवर और एक ननद थी। ससुराल के और परिवार भी पास में ही रहते थे।सभी का आना-जाना लगा ही रहता था।अंजू के पति की नौकरी भी उसी शहर में थी। आरंभ में इतने बड़े परिवार में एडजस्ट होने में … Read more

 संयुक्त_परिवार – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

मधु…..मधु….। मधु को लगा जैसे कोई उसे आवाज लगा रहा है। उसने पलट कर देखा तो उसकी ओर तेज तेज कदमों से चलती उसकी सहेली रेखा आ रही थी। उसके पास आकर हंसते हुए बोली, क्या यार कब से आवाज लगा रही हूंँ। रेल की तरह दौड़ी चली जा रही है। रेखा को देखकर मधु … Read more

 सहेली का परिवार – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

चारों ओर अफरा-तफरी मची हुई थी…जिसको जिधर जगह मिल रहा था… वहां जान लेकर भागा चला जा रहा था। अचानक आये इस प्राकृतिक आपदा भयानक आंधी तूफान से सभी खौफ में थे। समुद्र तट पर अवस्थित इंजीनियरिंग कॉलेज … प्रशासन ने तटीय इलाकों को सुरक्षा की दृष्टि से खाली करवा दिया था। सभी शिक्षण संस्थानों … Read more

 मुँह मोड़ना – समिधा नवीन वर्मा : Moral Stories in Hindi

विश्वनाथ और सावित्री बहुत खुश थे ।वृद्वाश्रम खोलने पर न जाने कितने बुजुर्ग लोगों ने दुआएँ दी थी उन्हें।  विश्वनाथ की मृत्यु के बाद सावित्री ने वृद्वाश्रम का कार्यभार सँभाल लिया । “माँ,मुझे कम्पनी एक वर्ष के लिए विदेश भेज रही है ,आप वृद्वाश्रम में रहें, आपको अकेलापन नहीं लगेगा “, कहकर गए बेटे का … Read more

 बड़े होने का फ़र्ज़ – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

भाई साहब के क्रियाकर्म के पश्चात घर लौटे कीर्तन जी निढ़ाल हो चारपाई पर बैठ गए। पत्नी सुशीला जब पानी का गिलास लेकर बोली, “लीजिए” तो वर्तमान में लौटे। सुशील जी से नज़रें मिलते ही आंखों में दो आंसू कीर्तन जी के न चाहते हुए भी लुढ़क ही गए।  सुशीला जी कुर्सी सरकाकर पास बैठते … Read more

 आत्मा की पुकार – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

रिया एक मध्यमवर्गीय, पढ़ी-लिखी और आत्मनिर्भर स्त्री थी। वह एक निजी कंपनी में कार्यरत थी और अपने दो बच्चों की परवरिश पूरी ईमानदारी और ममता से कर रही थी। उसके दिन की शुरुआत घर के कामों से होती और ऑफिस की जिम्मेदारियों तक जाती, फिर भी वह कभी शिकायत नहीं करती। परंतु उसकी ज़िन्दगी की … Read more

 ” एक परिवार ऐसा भी ” – ​संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

पति की मृत्यु के बाद स्मिता अपने दो बच्चो को अपने अंक मे भरकर फूट फूट कर रो रही थी । ” मिट्ठू के पापा क्यो छोड़ कर चले गये हमें अब कौन हमारा सहारा बनेगा , क्या होगा कैसे होगा !” ” बेचारी स्मिता भरी जवानी मे विधवा हो गई , कैसे पालेगी वो … Read more

 लालच की सज़ा – ​विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” ये आप क्या कह रहें हैं महेश जी..मैंने तो आपसे बस तारीख आगे बढ़ाने की विनती की थी पर आपने तो सगाई का सामान लौटाकर रिश्ते से ही #मुँह मोड़ लिया…एक बार सोचि..।” फ़ोन डिस्कनेक्ट हो गया और प्रदीप जी बात अधूरी रह गई।    एक विवाह-समारोह में प्रदीप और महेश की मुलाकात हुई थी।महेश … Read more

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