जमाने की रफ्तार – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral : अरे तुझे क्या पड़ी थी,क्यूँ इस लफड़े में पड़ा, राजेश तूने बहुत बड़ी गलती कर दी है।       मैंने ऐसा क्या कर दिया माँ?     होरी आया था,उसका बेटा अनिल  किसी दूसरी जात की लड़की के साथ गायब है।उसका कहना था कि उन्हें राजेश ने ही समर्थन भी दिया और पूरी शह … Read more

भाभी आपसे ही संस्कार सीखें हैं – बालेश्वर गुप्ता

 ए जी सुनो, अपनी संगीता विवाह योग्य हो गयी है. उसके लिये योग्य वर की तलाश करनी चाहिए. अपने अंतिम समय पर अम्मा हमारे हाथ में ही तो संगीता का हाथ दे गयी थी. सुन रहे हो ना?      हाँ – हाँ भागवान सब सुन भी रहा हूँ और सोच भी रहा हूँ. संगीता तब 10 … Read more

बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral : पापा एक बात तो बताओ, बाबा कभी भी आपको कुछ भी बोल देते हैं, कभी तो बहुत ही उल्टा सीधा कहते हैं, फिर भी आप चुप रहते हैं, और उनके लिये मम्मी को,हमे भी डांट देते हैं, ऐसा क्यों?         रमेश ने कहा बेटा,क्योकि वो तेरे पिता के भी पिता हैं।उनकी … Read more

ये कैसा जमाना – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : अपने कस्बे के एक पुराने प्रतिष्ठित इंटर कॉलेज में शिवशंकर जी अंग्रेजी के प्रवक्ता थे।पढ़ाने में इतने कुशल कि हर विद्यार्थी उनकी तारीफ भी करता और उन्हीं से पढ़ने को लालायित रहता।उनके घर के द्वार सभी के लिये सदैव ही खुले रहते,बिना किसी लालच के कोई भी विद्यार्थी  कभी भी … Read more

एक आवारा ऐसा भी –  बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : और किसी का नही तो कम से कम अपने परिवार की इज्जत का तो ख्याल रख ले,समझ नही आता समाज मे क्या कहे? ऐसा आवारा हमारे भाग्य में ही लिखा था।सुना है नशा भी करने लगे हो?         कुछ इसी प्रकार की बात लगभग रोज ही होती।पर दूसरी ओर से कोई … Read more

मृगतृष्णा – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  अरे मंजू तुम, इतने दिन बाद  दिखाई दी, कहाँ खो गयी थी?         सरोज तुम, इस क्रूज पर, लगता है छुट्टियों का मजे लूटने  आयी हो.         हाँ तुम सही कह रही हो. बहुत दिन से घर से निकलना ही नहीं हो पा रहा था. आओ  तुम्हारा परिचय कराऊँ ये मेरे पति … Read more

और पंछी उड़ गया – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुनो माधवी, बुरी खबर है, बाबूजी नही रहे।हमे गावँ चलना है,मुन्ना को दूध आदि पिला देना,वहाँ दिक्कत आयेगी।       क्या,बाबू जी हमे छोड़ कर चले गये,ओह।कह माधवी अपना सर पकड़ वही बैठ गयी।       रामगोपाल जी अपने कस्बे में मध्यम श्रेणी के कारोबारी थे,उनके दो ही बेटे थे,नरेश और महेश।नरेश कुशाग्र बुद्धि … Read more

सुबह का उजाला – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  तुम जानते तो हो राजेश, पिता के बीमार रहने के कारण मां बिल्कुल अकेली पड़ गयी है।भाई कोई है नही केवल मैं ही तो हूँ।उनके विषय में मैं नही सोचूंगी तो कौन सोचेगा?      बहुत अधिक भावुक मत बनो सुमि,मेरी बात समझ तो लो,बिना सुने ओवर रियेक्ट क्यूँ कर रही हो।वो … Read more

पिघलना बर्फ का – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   परिवार में खुशियाँ आने वाली हैं पर मालती तुम्हारे चेहरे पर प्रसन्नता नही झलकती,क्या कोई परेशानी है?मुझे बताओ ना, मालती कोई ना कोई बात तो है?प्लीज मालती मुझसे कुछ मत छिपाओ।कहते कहते मनीष ने मालती को अपने गले से लगा लिया।        मालती मनीष के गले से लगकर फफक फफक कर … Read more

हम हैं ना पापा –  बालेश्वर गुप्ता : family story hindi kahani/

family story hindi kahani :  राम निवास जी एक साधारण आर्थिक पृष्ठभूमि के दुकान मालिक थे। दुकान की आमदनी में उनका घर खर्च तो भली भांति चल जाता था,पर आज के समय मे बच्चो की पढ़ाई में होने वाले भारी खर्चो में उन्हें कभी कभी काफी दिक्कत महसूस होती थी। वो तो भगवान का शुक्र … Read more

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