चुराना समय का – बालेश्वर गुप्ता: Moral Stories in Hindi

 निशिकांत,क्या यार इस उम्र में भी बच्चो के साथ कहीं भी घूमने चले जाते हो?क्या ये अच्छा लगता है?       क्या करे सुशांत, बेटा जिद करता है तो चला जाता हूँ।मैं अपनी तरफ से तो कहता नही।     पर तुम मना तो कर सकते हो।जवान बच्चे हैं, नैनीताल जा रहे हैं,उनके साथ तुम भी लटक लिये।भई साफ … Read more

उदारता (भाग – 2 ) – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

(15 दिसम्बर 2023 को प्रकाशित मेरी कहानी उदारता का आज यानि 25 अप्रैल 2024 पुनः प्रकाशन हुआ है,कुछ पाठकों की प्रतिक्रिया थी कि कहानी का अंत अधूरा सा है,कहानी के नायक की अधोगति दिखाई जानी चाहिये थी,सो उसी कहानी का यह दूसरा भाग प्रस्तुत है।)     दूसरी प्रेमिका रीमा से शादी करने के लिये तलाक लेने … Read more

कोमलता की सीमा – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   अब आये हो गोपाल,जीवन के पूरे तीन वर्ष छीनकर।क्या मिला तुम्हें?मेरा सम्मान मेरा अभिमान मेरा विश्वास सब कुछ तुमने ध्वस्त किया है।गोपाल तुम्हारे साथ चलूं भी तो क्या यह पहले वाली सीमा होगी,वो तो कभी की मर चुकी?      ऐसा मत कहो सीमा,सब मेरी ही गलती थी,आज मैं पूरी तरह स्वीकार करता हूं।मैं तुम बिन नही … Read more

सह यात्री -बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   पापा-पापा, आप कहाँ हो?पंडित जी आने ही वाले हैं।आप नहाकर तैयार हो जाओ।आप हो कहाँ?     बोलते बोलते रोहन पापा के कमरे की ओर बढ़ गया,देखा पापा तो मम्मी की तस्वीर के सामने खड़े है,एकटक उधर ही देखते हुए,कुछ बुदबुदाते हुए।पापा अक्सर ही ऐसे ही मम्मी के फोटो के सामने घंटो बैठे रहते,सबकुछ भूलकर।ऐसे में रोहन … Read more

कृतघ्नता- बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पर ये तो बताओ ना, हमने तो संजू को अपने बच्चे की तरह ही पाला पोसा, तुम्ही बताओ कभी मन मे भी उसके प्रति धुरात आयी?फिर उसने हमारे साथ इतना बड़ा विश्वासघात क्यूँ किया?       भागवान, अब छोड़ इस बात को,हमारी परवरिश में ही कोई कमी रह गयी होगी,तभी संजू ने ऐसा किया।मलाल तो बस इतना … Read more

नया उजाला -बालेश्वर गुप्ताMoral stories in hindi

*ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने*  वाक्य पर आधारित कहानी:           *नया उजाला*     अरे झुमरू ये क्या कर दिया रे तूने,पंडित जी के मुँह से अपना मुँह लगा दिया?रे,हममें तो इनके चरणों को छूने की भी औकात नही है।     तो क्या करता बापू,पंडित जी चक्कर खा गिर पड़े थे,मुहँ से सांस नही देता तो ये मर … Read more

भाव समर्पण का -बालेश्वर गुप्ता । Moral stories in hindi

  जीवन मे इतनी बेबसी तो परमानंद जी ने कभी झेली नही थी।एकलौता युवा बेटा अनुज जिंदगी मौत के  बीच झूल रहा था,और वे लाचार उसे देखकर चुपके से रोने के अलावा कुछ भी नही कर पा रहे थे।कोई राह भी नही सूझ रही थी।        अनुज की दोनो किडनी खराब हो चली थी।वह बिस्तर पकड़ चुका … Read more

नयी दुनिया – बालेश्वर गुप्ता Moral stories in hindi

 बाबा,अब तो इसे मार देने के अलावा कोई रास्ता नही बचा है।पूरे गांव में बिरादरी में थू थू हो रही है।      बेटा, सब्र कर। आखिर प्रकाशी हमारी बच्ची है,लाड़ प्यार से पाला है।उसको मार देने को सोचने भर से बेटा मेरा तो दिल कांपता है।कोई और राह निकाल बेटा।       कोई राह नही,पिछले बरस अपने गावँ … Read more

आधारशिला – बालेश्वर गुप्ता: Moral stories in hindi

 सेठ रामगोपाल जी का अपने नगर में काफी नाम रहा है।मिलनसार,दानवीर रामगोपाल जी  के मन मे कभी भी ऊंच नीच का भाव भी नही रहा था।उनके दोनो बेटे अमन और देवन के एक ही परिवार में जन्म लेने और एक साथ परवरिश होने के बावजूद सोच विचारों में एक दूसरे के विपरीत थे।अमन ने अपने … Read more

दौलत एवं संस्कार – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

    मोनू आजकल मैं तुम्हारी घनिष्ठता शिशिर के साथ कुछ अधिक ही देख रहा हूँ।मोनू,शिशिर बड़े बाप का बेटा है,उससे हमारा मेल नहीं बैठता है, बेटा,हमारी हैसियत शिशिर के पिता जैसी नही है, मोनू तुम समझ रहे हो ना,मेरा मतलब।         बाबूजी ये बात सही है,शिशिर के पिता बड़े कारोबारी है,काफी धनवान है,पर शिशिर ने कभी भी … Read more

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