परीक्षा -लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बोर्ड परीक्षाएं पूरी लय में थीं ।बोर्ड परीक्षा का नाम ही काफी डर लिए हुए होता है तनाव लिए हुए होता है।विद्यार्थी के लिए भी और शिक्षक के लिए भी।दोनो की ही परीक्षा की घड़ी होती है।सुबह सुबह परीक्षा का समय और घरेलू कार्य का समय नेहा के दो नही चार हाथ लग जाते है … Read more

कमीशन-लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बात तो तीन सौ रुपया एक दिन की हुई रही उस हिसाब से तो हमार एक हफ्ते की पगार इक्कीस सौ होती है पर आप तो हमें चौदह सौ दे रहे हैं ।और इस रामू को तो पूरे इक्कीस सौ ही मिले है कमर में डेढ़ साल की बिटिया को चिपकाए माथे से बहते पसीने … Read more

परवाह – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

पिता जी की तबियत ठीक है ना मां बड़ा बेटा दीप फोन पर पूछ रहा था और मां सोच में पड़ गई कि क्या जवाब दूं।सही सही बता दूं या….!! ऐसे क्यों पूछ रहा है बेटा उसीके प्रश्न को घुमा दिया था मां ने। नहीं वो क्या है ना पिताजी से कई दिनों से बात … Read more

छोटी सी लापरवाही- लतिका श्रीवास्तव । Moral stories in hindi

बापू चरण स्पर्श ट्रेन का समय हो गया चलता हूं अपना ख्याल रखियो आंख वाली दवाई डालते रहना  तुम्हारी आँख का इलाज बाकी रह गया है… किसना ने सुबह सुबह ही खेत की तरफ जा रहे पिता के पैर छूते हुए कहा तो जाते हुए कदम पिता के थम से गए। देख बेटा आराम से … Read more

अनुमति तिरस्कार की!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

कमली अभी तक यहीं खड़ी है कब से कह रही हूं जा तैयार हो जा …. विशाखा जी की तेज आवाज से बेअसर थी कमली ।जाने किस दुनिया में विचरण कर रही थी।चेहरा ऐसा लटका हुआ था मानो किसी ने सौ बुरी बाते सुनाई हों।सामने मां की निकाल कर रखी लाल ड्रेस रखी थी जिसे … Read more

बेवजह का तनाव – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

रवि आज भूख नहीं लगी तुझे  क्या कर रहा है चित्रा जी ने आवाज लगाई तो हंसते हुए रवि आ गया क्योंकि आज ठंडा वाला नाश्ता करना है मां ये लो स्पेशल आइसक्रीम लेकर आया हूं लार्ज कोन एक आपके लिए आपकी फेवरेट एक मेरे लिए ..!! अरे वाह मैं तो सोचती ही रह गई … Read more

टेसू के रंग – लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

विशाल दालान सूना पड़ा खिलखिलाहटों की बाट जोह रहा था आम्र वृक्षों के नवोदित बौर से सुवासित इस दालान को उन दिनों की मधुर स्मृतियां गुदगुदा रहीं थीं जब फागुन आते ही यह दालान गुंजासुमान हो जाता था नीले पीले लाल हरे बैंगनी ना जाने कितने ही रंगो से किनारे बनवाए गए सीमेंट के टैंक … Read more

धिक्कारिए नही …स्वीकारिए !!- लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

एक डर था जो धीरे धीरे आकार ले रहा था मेरे अंदर जो अचानक  नहीं हुआ था नवागंतुक नहीं था यह शायद यह तभी मेरे अंदर प्रस्फुटित हो गया था जब मेरी मां मुझे एक पुत्री को जन्म देने वाली थी वो भी उस समय जबकि पूरा खानदान घर के चिराग की एक अदद पुत्र … Read more

तलवार की धार – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

..हल्के पीले रंग उड़े सा कुर्ता सलवार … करीने से पूरी तरह फैला कर ओढ़ा हुआ दुपट्टा कमर तक लटकती गुथी हुई एक चोटी पैरों में एकदम साधारण चप्पलें पहनी हुई वह सामान्य लेकिन आकर्षक सी लड़की बस का इंतजार कर रही थी…शायद परीक्षा देकर आ रही थी और उसका पेपर भी शायद बहुत बढ़िया … Read more

परिवार का साथ जरूरी है – लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

पीहू की पीर कौन समझेगा!! जान से ज्यादा प्यारा था उसे अपना कैरियर।हो भी क्यों ना बचपन से एक स्वप्न जो उसके दिल में दिमाग ने बुन लिया था वह आकार लेने को छटपटाता रहता था। और इतने बरसों की अथक मेहनत संघर्ष के बाद आज जब वह मौका आया कि वह विदेश में अपने … Read more

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