परिवार का साथ जरूरी है – लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

पीहू की पीर कौन समझेगा!! जान से ज्यादा प्यारा था उसे अपना कैरियर।हो भी क्यों ना बचपन से एक स्वप्न जो उसके दिल में दिमाग ने बुन लिया था वह आकार लेने को छटपटाता रहता था। और इतने बरसों की अथक मेहनत संघर्ष के बाद आज जब वह मौका आया कि वह विदेश में अपने … Read more

वीणा के स्वर -लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

….बीथिन में ब्रज में नबेलिन में बेलिन में बनन में बागन में बगरो बसंत है… सृष्टि के मुंह से निकलते हुए शब्द वीना को देख थम गए थे….क्या बात है वीना … पूरा बसंत तो आज तुझमें ही उतर आया है अभी भी इस शादी से इंकार की वजह ढूंढ रही हो क्या.!!पर वो तेरा … Read more

घर की मिठास (अंतिम भाग) – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

hindi stories with moral : कल पापा का जन्मदिन है याद है ना आज क्या क्या करना है अरुण वीना को याद दिला रहा था गुलदस्ता कहां है!! अरे भैया मैने तो फूलों का गुलदस्ता नहीं पूरी ये माला ही बना ली है आइए दिखाती हूं आपको कहती वीना अत्यधिक उत्साह से उसका हाथ पकड़ … Read more

वादा – लतिका श्रीवास्तव   : Moral stories in hindi

बचपन में थोड़ा बड़ा हुआ तो मां मुझे खरीददारी के लिए बाजार भेजने लगी थी।सब्जी लाना हो फल लाना हो मां अब मुझे ही कहती और जितने रुपए देती पूरा हिसाब पूछती और फिजूल खर्ची उसके बर्दाश्त के बाहर थी।पहले पहल तो बहुत बुरा लगता था मुझे बाजार जाना और सब्जी मंडी में घुस कर … Read more

अपनी अहमियत – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

आज से मैं भी कुछ नहीं बोलूंगी सुबह से हर किसी से पूछते रहो क्या खाना बनाएं क्या नाश्ता करोगे क्या सब्जी खाना है स्कूल में क्या किया ऑफिस में क्या हुआ ….. पर क्या मजाल जो कोई ढंग का जवाब मिल जाए ..!! एक तो खुद अपने आप कोई कुछ बताता ही नहीं और … Read more

घर की मिठास (भाग 3) – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

hindi stories with moral : वीना बिटिया मेरे साथ पुलाव की तैयारी करवाएगी पापा ने जैसे ही कहा नहीं पापा मुझे एनी भैया से इंग्लिश पढ़ना है वीना ने मुस्कुराते हुए कहा तो अरुण भी उत्साह में आ गया अरे वाह वीना बहुत दमदार विचार है मुझे भी स्पोकन सुधरवाना है सुनकर ही अनिमेष हंसने … Read more

घर की मिठास (भाग 2) – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

hindi stories with moral : तीन दिनों बाद ही पापा का जन्मदिन है इस बार पापा पचास वर्ष पूरे कर लेंगे … भैया मैने पापा की इस पचासवीं सालगिरह के लिए एक सरप्राइज़ प्लान किया है सुबह सुबह ही वीना वरुण के पास फुसफुसाकर कह ही रही थी तभी मां हाथ में आरती की थाली … Read more

यह घर भी तुम्हारा है – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

ऑटो रुक गया था जैसे ही सोनाली ने बैठने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए ऑटो के अंदर किसी को  देख तत्काल कदम भी मानो बाहर आने को तत्पर हो उठे थे..। मैडम बैठना है कि नहीं बैठना मेरा टेम खोटी मत करो ऑटो ड्राइवर की तीखी प्रतिक्रिया और घर जल्दी पहुचने की विवशता ने … Read more

समय का खेल निराला – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in hindi

ये भाग्य वाग्य सब फालतू बातें हैं निकम्मों के बहाने हैं मैं नहीं मानता ये सब मैं तो खुद अपनी तकदीर का मालिक हूं … परिमल जी ने सिगार का कश लेते हुए थोड़े दर्प से कहा तो और तो किसी की हिम्मत नही हुई कुछ कहने की लेकिन उनकी पत्नी मधु जी रोक नही … Read more

मां का दिल (भाग 2) – लतिका श्रीवास्तव

तीन भाई …… एक सबसे छोटा मानसिक विक्षिप्त सा है  एक बार पागलपन में बाड़ी में बने कुएं में कूद गया था उसीको बचाने में पिता जी भी बिना आगा पीछे सोचे कुएं में कूद गए सिर कुएं की सख्त दीवाल से टकराया और तुरंत मृत्यु हो गई थी भाई को तो सुरक्षित निकाल लिया … Read more

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