मां का दिल (भाग 2) – लतिका श्रीवास्तव

तीन भाई …… एक सबसे छोटा मानसिक विक्षिप्त सा है  एक बार पागलपन में बाड़ी में बने कुएं में कूद गया था उसीको बचाने में पिता जी भी बिना आगा पीछे सोचे कुएं में कूद गए सिर कुएं की सख्त दीवाल से टकराया और तुरंत मृत्यु हो गई थी भाई को तो सुरक्षित निकाल लिया … Read more

मां का दिल (भाग 1) – लतिका श्रीवास्तव

…..अचानक शहर से खबर मिली कैलाश को पुलिस पकड़ ले गई है …..शहर में जिन लोगो के साथ उसका उठना बैठना था उन्हीं लोगों ने उसे जालसाजी में फंसा दिया था….मां तो रोने ही लग गई मेरा लाड़ो पला बेटा जेल में रहेगा कसाई होते हैं ये पुलिस वाले मार मार के मार ही डालेंगे … Read more

अंधश्रद्धा – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे दीदी कहां की तैयारी हो रही हैं..!! बाबा जी के आश्रम जा रही हूं जया तू भी चल इस बार बाबाजी का आशीर्वाद ले आना तेरे बेटे की नौकरी भी लग जायेगी और तेरे पति के साथ तेरे मनमुटाव का हल भी दे देंगे बाबाजी मालती दीदी ने इतनी … Read more

जीने का मकसद (भाग -2) : लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अशक्त मां शक्तिमान सी पास ही खड़ी थी उसके स्नेहिल हाथों का स्पर्श उसे अपने बालों पर कंधों पर महसूस हो रहा था … मां कह उसकी ओर मुड़ा ही था कि हॉस्पिटल बेड पर अपने कमर के नीचे की रिक्तता की पीड़ा से स्तब्ध हो उठा … दोनों पैर … Read more

जीने का मकसद (भाग – 1) : लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सच है मुसीबत कभी अकेले नहीं आती ना जाने उसे भी कई संगी साथियों के साथ ही आना रास आता है…! प्रत्यूष की जिंदगी भी ठीक ठाक चल रही थी..बस एक ही अड़चन थी या यूं कहें कि मुसीबत थी कि उसे अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई थी और … Read more

घर की मिठास (भाग 1) – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

hindi stories with moral : मैंने होटल में रूम बुक करवा लिया है अपने लिए . मैं एयरपोर्ट से वहीं चला जाऊंगा शाम को तुम्हारे घर सबसे मिलने आ जाऊंगा… लैपटॉप पर उंगलियां दौड़ाते अनिमेष उर्फ एनी ने कहा तो वरुण आश्चर्य में पड़ गया। होटल में रूम क्यों बुक किया तुमने एनी हम घर … Read more

 स्वाद अपनेपन का….! (भाग 2)- लतिका श्रीवास्तव

…….एक बार सोमेश ने अपने दोस्तों को घर पर डिनर के लिए बुलाया था कालिंदी से पूछ कर ही तय किया गया था….उसी दिन सुबह कालिंदी की मां का फोन आ गया था बेटा तेरी मौसी सीढ़ियों से गिर पड़ी है तू आजा मेरे साथ चलना तेरे पापा नहीं जाएंगे….कालिंदी ने तुरंत सोमेश को फोन … Read more

 स्वाद अपनेपन का….! (भाग 1)- लतिका श्रीवास्तव

सोमेश अभी सोकर भी नहीं उठा था की उसने कालिंदी को कहीं जाने के लिए तैयार पाया….! अरे श्रीमतीजी आज सुबह सुबह कहां की तैयारी हो गई….आश्चर्य और उत्सुकता से उसने पूछा ही था कि कालिंदी ने घड़ी दिखा कर कहा….”सुबह सुबह!!!ये सुबह है.!9 बज गए हैं..! अरे भाई आज सन्डे तो है….सोमेश ने उसे … Read more

अपनापन बढ़ाती रस्में!! (भाग -2)- लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : जैसे ही नहा कर आई और साड़ी पहनने की जद्दोजहद आरंभ की… दरवाजे पर खट खट होने लगी..अरे लगता है देर हो गई मुझे अभी तक तैयार नहीं हो पाई सब उठ गए हैं मारे शर्म के रोना आ गया…. खट खट और तेज हो गई तो धीरे से दरवाजा … Read more

अपनापन बढ़ाती रस्में!! (भाग -1)- लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सास गारी देहे……पता नहीं ससुराल का मतलब हर बार सास का घर ही लगा और सास का मतलब गारी देना..!! गौरी इसीलिए चाहती थी कि शादी ही ना हो और शादी हो भी जाए तो सास के साथ बिल्कुल ना रहना पड़े या फिर सबसे अच्छा तो ऐसे घर में … Read more

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