ख्वाब जो बिखर गये (भाग 1)  – रीमा महेंद्र ठाकुर 

बहुत  चाहा तुम्हें , अब  नही बस तुमने  दिया ही क्या मुझे,    बेबसी”  तुम आये ही क्यू मेरी  जिन्दगी मे ,कुछ भी  तो न चाहा था  तुमसे  ,मैने सिवाय थोडी सी इज्जत और अपनेपन के  अलावा ” अब छोड गये न मुझे  अकेला”  अब कभी वापस मत आना  ! मै अकेली ही अच्छी  हूँ बन्द  … Read more

मुझमें संस्कार है पर आप में नहीं ? (भाग 2 ) – सीमा कृष्णा सिंह

अनिल अलका को बहुत प्यार करता है। वो अलका को समझते हुए कहता मां की बातों को दिल पर लो।मै उनसे बात करुंगा। अलका के आ जाने से उसका देवर नविन और उसके ससुर जी बहुत खुश रहते थे। अलका के ससुर जी अलका को बहू कम बेटी सा मान करते हैं। और नवीन तो  … Read more

मुझमें संस्कार है पर आप में नहीं ? (भाग 1 ) – सीमा कृष्णा सिंह

आज सुबह से ही राधा जी अपनी बहू अलका से बहुत नाराज़ हैं। राधा जी के घर में राधा जी की हुकूमत चलती है। उनके पति सिर्फ उनके नाम के पति.है।. राधा जी के दो बेटे हैं बड़ा बेटा अनिल और छोटा बेटा नवीन…। अलका उनके बड़े बेटे अनिल की पत्नी हैं।अलका और अनिल की … Read more

अभिमान नहीं स्वाभिमान बचाओ – शुभ्रा बनर्जी 

मेरी बेटी मेरी गुरु,मेरी गाइड,मेरी वकील और मेरी न्यायाधीश सभी है।डिलीवरी के समय सोनोग्राफी करवाने पर जब पहली बार पता चला था मुझे कि मेरे गर्भ में जुड़वा बच्चे हैं,जिनमें से एक खराब हो गया और एक स्वस्थ है,सकते में आ गई थी मैं।यह इतिहास बन जाएगा मेरे और पति के खानदान में।ऐसा पहले कभी … Read more

अधूरी औरत (भाग 1) – मुकेश पटेल

काजल की  शादी हुए अभी सिर्फ 6 महीने ही हुए थे।  उसके पापा ने कितने शानो-शौकत से एक बड़े बिजनेसमैन ऋषभ से काजल की शादी कराई थी।  जिसका मुंबई में बहुत बड़ा रेस्टोरेंट का बिजनेस था।  सबको लगा था कि काजल को वह सब कुछ मिलेगा जो एक लड़की अपने पति से उम्मीद करती है … Read more

मां से बढ़कर एक माँ (भाग 2)- मुकेश पटेल : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : कुछ महीनो बाद मौसी की शादी तय हो गई।  लड़के वाले मौसी को देखने आने वाले थे। जब सब लोग आ गए तो  मौसी सबके लिए चाय लेकर आई। सब लोगो ने  मौसी को पसंद कर लिया।  मेरे नाना जी और मौसी के होने वाले ससुर बात कर रहे … Read more

मां से बढ़कर एक माँ (भाग 1)- मुकेश पटेल : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : सुबह-सुबह किचन में चाय बना रही थी तभी मेरे पति ने आवाज दी, “रमा देखो तुम्हारे माँ का फोन आ रहा है।”  मैंने आश्चर्य से कहा, “माँ का फोन इतनी सुबह सुबह जरूर कोई बात होगी, मन में एक डर सा हो गया क्योंकि पापा कई दिनों से बीमार … Read more

दोयम दर्जे की सोच (भाग 1)- आरती झा आद्या

दिया उम्र पंद्रह माता पिता की लाडली उनकी नयनतारा आज अदालत के कठघरे में खड़ी थी। क्या दोष था उसका.. जबरदस्ती घर में घुस आये उन गुंडों से बेटी को बचाने में माता पिता की मौत देखना.. खुद को बचाने में गलती से एक लड़के को चाकू लग जाना.. और उस लड़के का तत्काल मर … Read more

 स्वाद अपनेपन का….! (भाग 2)- लतिका श्रीवास्तव

…….एक बार सोमेश ने अपने दोस्तों को घर पर डिनर के लिए बुलाया था कालिंदी से पूछ कर ही तय किया गया था….उसी दिन सुबह कालिंदी की मां का फोन आ गया था बेटा तेरी मौसी सीढ़ियों से गिर पड़ी है तू आजा मेरे साथ चलना तेरे पापा नहीं जाएंगे….कालिंदी ने तुरंत सोमेश को फोन … Read more

 स्वाद अपनेपन का….! (भाग 1)- लतिका श्रीवास्तव

सोमेश अभी सोकर भी नहीं उठा था की उसने कालिंदी को कहीं जाने के लिए तैयार पाया….! अरे श्रीमतीजी आज सुबह सुबह कहां की तैयारी हो गई….आश्चर्य और उत्सुकता से उसने पूछा ही था कि कालिंदी ने घड़ी दिखा कर कहा….”सुबह सुबह!!!ये सुबह है.!9 बज गए हैं..! अरे भाई आज सन्डे तो है….सोमेश ने उसे … Read more

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