मेरी नहीं हम दोनो की दीदी – लतिका श्रीवास्तव
मैं अब यहां एक पल भी नहीं रुक सकती…मुझे अभी मेरे मायके ले चलो.. सुमी की दिन रात की यही रट अविनाश को परेशान कर रही थी। वो उसे कैसे समझाए कि मेरी बड़ी बहन मेरी मां जैसी ही है मेरे लिए.. मां तो बचपन में ही गुजर गई थीं रमा दीदी ने ही मुझे … Read more