एक पिता ऐसे भी – लतिका श्रीवास्तव
……शादी की धूम धाम समाप्ति पर थी,मुझको दो दिन हो गए थे ससुराल में आए हुए सुबह से लेकर शाम रात तक बहु देखने और मिलने वालों का तांता लगा हुआ था…अभी तक तो मैं अपने इस नए घर अपनी ससुराल के सभी कक्षों से ही परिचित नहीं हो पाई थी तो फिर घर के … Read more