टीवी रिश्तों को जोड़ने का जरिया – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

आज जब राखी टीवी पर रामायण देख रही  थी तो सहसा अपने बचपन  में चली गई   जब सब मोहल्ले वाले  साथ  में शटर वाली टीवी पर रामायण, महाभारत, रंगोली, चित्रहार और फिल्में देखते तो त्यौहार जैसा माहौल हो जाता था। जब  सब मिलकर हंसते, बोलते,खाते ,पीते हुए टीवी का आनंद लेते थे बहुत मजा आता … Read more

अटूट बंधन – निशा जैन : Moral stories in hindi

खुशबू अब तेरे कॉलेज के पेपर तो खत्म हो गए बेटा …. थोड़ा मेरा हाथ बंटाना शुरू कर अब घर के कामों में कल को पराए घर जायेगी तो ये सब हुनर काम आयेंगे उमा जी अपनी शादी लायक होती बेटी खुशबू से बोली मम्मी आप फिर शुरू हो गई …… अरे जैसे आपकी बेटी … Read more

हमारे रिश्ते की जन्मतिथि – निशा जैन : Moral stories in hindi

आज सुप्रिया की एनिवर्सरी थी और आज सुबह ही पति सुशांत से फिर तकरार हो गई बच्चों को लेकर…..  (उनकी लड़ाई हमेशा या तो बच्चों को लेकर या किसी थर्ड पर्सन को लेकर होती थी, दोनो की आपस की कोई लड़ाई नहीं हुई कभी)  शादी की सोलहवीं वर्षगांठ और शुरुआत तकरार के साथ…..  सुप्रिया को … Read more

अजनबी जैसा व्यवहार क्यों – निशा जैन : Moral stories in hindi

आज फिर शेफाली और समीर एक दूसरे से बिना बाते किए करवट बदल कर सो गए। अब तो ये बात आम हो चुकी थी कि सोते समय वो दोनो अपने अपने मोबाइल चेक करके बिना एक दूसरे से बात किए सो जाते थे।उनके आपसी(वैवाहिक) रिश्ते बेरंग जो पड़ चुके थे शेफाली और समीर की शादी … Read more

लेट उठने में तनाव कैसा? – निशा जैन : Moral stories in hindi

दोस्तों हम गृहिणियों की सुबह घर के काम से शुरू होकर रात भी घर के काम का तनाव लेते हुए ही हो जाती है और कभी कभार तो सोने के बाद अचानक याद आता है कि आज तो दही  जमाया ही नही कल के लिए ……  कुल मिलाकर हमारी एक नियमित दिनचर्या होती है उसी … Read more

ज़िंदगी हमारी है तो जीने का सलीका भी हमारा होना चाहिए – निशा जैन  : Moral stories in hindi

ये शालिनी जी का पार्सल है, कहां मिलेंगी वो? अरे वो जो सामने बैठी है ना, वो जो मोटी सी बैठी है पिंक कलर के सूट में, वही है शालिनी जी…. पडौस के लोग बोलते भैया चाय का बिल डायरी में नोट कर लेना, थोड़ी देर में आकर पैसा देती हूं शालिनी चाय का कप … Read more

मैं भी तो किसी की बेटी हूं – निशा जैन : Moral stories in hindi

अरे रश्मि बेटा आज भी इतनी जल्दी उठ गई, आज तो रविवार है , आराम से उठ जाती। रोज़ तो पांच बजे उठती हो बच्चों के स्कूल की वजह से, रश्मि की सास आशा जी बोली मम्मी आपको और पापाजी को उठते ही चाय और गर्म पानी चाहिए इसलिए मैं उठ गई । आज सर्दी … Read more

फ़ैसला – निशा जैन : Moral stories in hindi

“पिताजी मैं कितनी बार कह चुकी हूं मुझे अभी शादी नहीं करनी, मैने फैसला कर लिया है कि मैं  आगे पढ़ना चाहती हूं ,अपने पैरों पर खड़ी होने की योग्यता हासिल करना  चाहती हूं। क्या पता भविष्य में कब जरूरत पड़ जाए इस योग्यता की, कम से कम डिग्री तो रहेगी मेरे पास जो मेरे … Read more

कभी कभी प्यार और सम्मान अलग रहकर बेहतर व्यक्त किया जा सकता है – निशा जैन : Moral stories in hindi

समीरा मैने तुमसे कितनी बार कहा है तुम पर सिर्फ मेरा अधिकार है फिर तुम अपने घरवालों से बार बार सलाह क्यों लेती हो कि नौकरी करूं या नही करूं।  मैने बोला ना तुम्हे नौकरी की कोई जरूरत नहीं है। बच्चे बड़े हो रहे हैं अब इन्हें सम्हालो पर सृजन बच्चे और घर सब आराम … Read more

अपना अपना दायित्व – निशा जैन : Moral stories in hindi

मां जी अब आप ही समझाइए अपनी प्यारी पोत बहु को , शादी हुए पूरा महीना हो गया  पर घर के तौर तरीके सीखी नही अभी तक। रोज़ रोज़ टोकना मुझे अच्छा नहीं लगता। कितनी बार कह चुकी हूं  सुबह जल्दी उठा कर, साड़ी पहन लिया करो , अच्छे से तैयार होकर रहा करो , … Read more

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