मेरा कसूर क्या था? – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

 भैया ने कुछ शादी के कार्ड थमाते हुये कहा, “लगे हाथ इसे भी बांटते आना, छोटू तुम्हारे साथ जा रहा है… तुम्हारी मदद कर देगा। “ छोटे बड़े सामानों की सूची… पैसा भाभी ने मुझे पहले ही थमा दिया था… ड्राइवर गाड़ी में थैले रख रहा था। आज ही मैं आई हूं। भैया की बेटी … Read more

कसक – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

   नीम की सूखी पत्तियां  आंगन में  चारों ओर फैली हुई थी। कई दिनों तक भागदौड़ के पश्चात नीम की छाँव में बैठते ही पारो  की आंखें लग गयी। शीतल मंद बयार…।   अपने इकलौते बेटेबहू को आज ही बहू के मायके पग फेरे के लिये भेजा है। अकेली जान हजारों काम। नैहर ससुराल… अडो़सी पडो़सी …सभी … Read more

कटी पतंग – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

  हवाई यात्रा के दौरान केतकी की भेंट कलश से हुई थी। दरअसल दोनों सिंगापुर जा रहे थे अपने-अपने काम से। दोनों की पहली विदेश यात्रा थी। थोड़ा कौतूहल और घबडा़हट स्वाभाविक था।  प्लेन के उडते ही केतकी ने कमर की पेटी ढीली की… इधर-उधर नजरें दौडाई… बराबर के सीट से कलश उसे ही देख रहा … Read more

नई लहर – डाॅ उर्मिला सिन्हा: Moral stories in hindi

  शहर के नामी युनिवर्सिटी की शोध छात्रा जया को जब अपने टाॅपिक में  ग्रामीण पुरातन रीति-रिवाजों, संस्कृति पर अध्ययन करने का मौका आया… वह घबरा उठी। गांव-देहात की चर्चा उसने सिर्फ किताबों में पढी थी या सिनेमा के सुनहरे परदे पर देखा था। हीरो हीरोइन रंग-बिरंगे कपड़ों में पेड़ के इर्दगिर्द गीत गाते या नदी … Read more

एक पत्र – डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

स्थान-गुलमोहर तले   दोस्त,  आज बरसों बाद मैं तुम्हें पत्र लिख रही हूं। गृहस्थी के मकड़जाल में कुछ ऐसी उलझी कि दीन-दुनिया ही भुला बैठी। अपना तन-मन धन सर्वस्व न्यौछावर कर बैठी अपने संसार को सुखमय बनाने के लिए।मन के किसी कोने में तुम्हारी याद क्षणभर के लिए ही सही विद्युत तरंगों की भांति चमक जाती … Read more

बडो़ं का साथ – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

  लीना ने उपरी तल्ले से झांककर देखा…आँगन में सासुमां घायल शेरनी की तरह बिफरी हुई थी। “अब भोरे-भोरे कौन सी आफत आ गई “भीतर से ताई जी  मिनमिनाई।  “जाकर देखूं क्या हुआ “! “पहले अपना हुलिया तो ठीक कर लो “लव करवट बदल खर्राटे भरने लगा। लीना  का ध्यान अपने आधुनिक नाइट ड्रेस पर गया… … Read more

एक जोड़ी आंखें – डा उर्मिला सिन्हा: Moral stories in hindi

जनवरी के सर्द महीने में मेरा सर्वांग जल रहा है-एड़ी से चोटी तक मैं क्रोध , घृणा और अपमान की भीषण ज्वाला में दग्ध हो रहा हूं। कहां  कमी रह जाती है……? इस विषय पर कई बार सोंच चुका हूं। अभी तंदूरी भट्ठी की तरह जलते तन मन से कोई भी सुकून देने वाली बात … Read more

कालचक्र (भाग 2)- डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “मां तुम्हारी नाराजगी मुझसे है न … मेरे भूख से तो नहीं ..सब बताऊंगी .. पहले पेट में तो कुछ डालने दो.”   मां सब-कुछ बर्दाश्त कर सकती है किन्तु संतान की भूख-प्यास नहीं..हाथ का काम छोड़ मां ने उसके हाथ में सुबह का ठंढा दाल-चावल और थोड़ी सी सब्जी पकड़ा … Read more

कालचक्र (भाग 1)- डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : समय का पहिया घुमता रहता है ..कभी उपर कभी नीचे. कालचक्र के झंझावातों से इस नश्वर संसार में कोई अछूता नहीं है.   इति जब घर लौटी.शाम ढल चुकी थी.. बरामदे में ताऊ दोनों हाथ पीठ पर बांधे चहलकदमी कर रहे थे…सांझ के धुंधलके में उनके चेहरे का भाव इति को … Read more

** बिरादरी की जूठन ( भाग 1)  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पंच आपस में विचार- विमर्श करने के उपरांत दिलीप को बीच का मार्ग समझा रहे थे। लेकिन दिलीप अपनी जिद पर अड़ा था कि वह अपनी पत्नी पूनम के साथ  किसी प्रकार का सम्बन्ध न रखते हुए उसे अपने घर में नहीं रखेगा।    पूनम पंचों, ग्रामीणों के साथ ही … Read more

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