बेटियों वाली- डाॅ उर्मिला सिन्हा: hindi stories with moral

hindi stories with moral : बेटा विवाह का घर… हजारों काम …पुश्तैनी मकान दुल्हन की तरह सजा हुआ था! जगमग रौशनी… मेहमानों का जमघट… हंसी-मजाक… स्वादिष्ट भोजन मिठाईयों का रेलम-रेला!      तिलक चढने की तैयारी चल रही थी।सभी सजधजकर… महिलाएं अपनी सजावट से अप्सराओं को मात दे रही थी।  इस सब भव्य तैयारी के  पीछे खानदान … Read more

दीयों की चमक – डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  रमा तिलमिला उठी.. परिस्थिति ने उसे कठोर और असहिष्णु बना दिया था.   बड़ी भाभी की तीखी बातें नश्तर सी चुभो रही थी.. कैसे इतनी कड़वी बातें कह जाते हैं वे लोग ….वह भी मुन्ने के सामने.. उनकी तीखी कड़वी बातों का मुन्ने के बालमन पर कितना दुष्प्रभाव पड़ेगा ….वे जरा … Read more

हृदय परिवर्तन – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : वे मंदिर की सीढियां धीरे-धीरे उतरने लगी। “यह गठिया का दर्द भी न… “वे बुदबुदाई।  दो नवयुवतियां हाथ में पूजा का थाल लिये आपस में बातें करती उनके आगे पीछे सीढियां उतर रही थी।  “इस बार पूजा की तैयारी कैसी चल रही है…पिछली बार तुमने गरवा में प्रथम पुरस्कार प्राप्त … Read more

प्रायश्चित – डाॅ उर्मिला सिन्हा   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : नीले व्योम के वक्षस्थल को चीरता एअर इंडिया का विमान द्रुतगति से सात समुंदर पार जा रहा है। सभी यात्री अपने आप में खोये हुए हैं। गोमती भी अपने सीट पर निर्विकार भाव से बैठी तो है परन्तु उसका मन पाखी यादों की पंख लगाए उड़ाने भर रहा है। अतीत … Read more

सुखद बदलाव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :   जिन्दगी भी कैसे कैसे रंग दिखाती है… विधाता के पिटारे में विसंगतियों की घुमावदार गलियों से भटकना ही नहीं पड़ता बल्कि मर्मस्पर्शी भावनाएं  भी आहत होती है.    जीवन के उबड़-खाबड़ रास्ते,कच्ची उम्र , किसी अज्ञात आशंका से कांपता हृदय… वह तड़प उठी..     ज्यादा से ज्यादा यही न कि वे जान … Read more

ससुराल गेंदा फूल- डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मीतू की बड़ी बड़ी  हिरणी  जैसी आंखे घुटने से  लंबे काले -काले बाल  …गोरा चमकता रंग  …चुलबुलापन ने  जीतू का दिल जीत  लिया।     कौन किसे कब भा जायेगा… किसकी जोड़ी किसके साथ बनेगी  यह देव ही जान सकता है।      वह रिश्ते की भाभी का खुशामद करने लगा, “भाभी यह कौन … Read more

गलतफहमी – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : भरी दोपहरी  दरवाजे की घंटी, “ट्रिन ट्रिन “! “ओह चैन नहीं  लेने देते ,अब इस समय कौन? “हाथ का काम छोड़ कुंडी खोलने लगी।  “मम्मी… कैसी हैं आप? पापा कहाँ हैं? भैया -भाभी ,दीदी-जीजा जी बच्चे…?”  मुनिया की चिरपरिचित मुस्कान मीठी आवाज।  “कब  आई “मैं आश्चर्यचकित कभी उसे और साथ … Read more

अधिकार – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :” कठोर यथार्थ की दलदली धरती  पर   माही के दुर्बल पांव धंसने लगे हैं। क्रूर नियति ने उसके सुख-सौभाग्य पर बेदर्दी से कुठाराघात किया है। माही के कानों में सीटियां सी बज रही है  ,सिर चकरा रहा है  आंखों के सामने अंधेरा छा गया है। वह धड़ाम से गिर पड़ती … Read more

चार लक्खी (कहानी) -डॉ उर्मिला सिन्हा

   देवकी कल रात से ही उतावली हो रही है।रात भर वे ठीक से सो नहीं पाईं … नींद आती कैसे जिन आंखों में नन्दलाल की मोहिनी सूरत बैठी हुई हो उसमें नींद कहां?    देवकी का बेटा नन्दलाल आई०पी०एस०भारत सरकार का जिम्मेदार पुलिस अफसर।     पूत के पांव पालने में ही दीखने   लगा। वह बचपन से … Read more

कलकतही (कहानी) –     डॉ उर्मिला सिन्हा

 चूड़ियां सुहाग का प्रतीक। सुहागिनों की पहली पसंद।कुंआंरियों का सुनहरा भविष्य। मैं जब भी चूड़ियां खरीदने चूड़ी के दुकान पर आती हूं , मेरे मानस पटल में बचपन की एक धुंधली सी तस्वीर उभर आती है—कलकतही की। कलकतही कोई और नहीं बल्कि एक चूडीहारिन थी।उसका छोटा सा टोकरा हरी,लाल,नीली,पीली,प्लेन और कामदार चूड़ियों से भरा रहता … Read more

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