अपना अपना धर्म – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अपना नाम सुन वीरेन ठिठक गया।दरवाजा खुला था,सो पहले की तरह वह अंदर चला गया।धीरेंद्र अपनी पत्नी को समझा रहा था, देखो वीरेन की नौकरी भी कोविड के समय चली गयी है, इस समय बेरोजगार है,जरूरतमंद है,पता नही मिलते ही क्या डिमांड कर दे,मैं तो इसीलिये उससे मिलने से कतराता हूँ।ध्यान रखना मेरे पीछे आये … Read more

गुरूर -निशा जैन : Moral Stories in Hindi

अरे छोटी  .. आओ … आज तो बहुत दिनो बाद याद आई अपनी दीदी की… रंभा ने राम्या (अपनी देवरानी) को बोला जो आज पूरे एक महीने बाद अपनी जेठानी के घर आई थी। हां दीदी बच्चों के एग्जाम चल रहे थे तो थोड़ी बिज़ी थी .. आज कुछ काम से बाजार आई थी तो … Read more

मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे कभी सपने मे नहीं सोचा था -निशि सिंह : Moral Stories in Hindi

सुनीता कॉलेज की सीढ़ियों से उतरती हुयी कैंटीन की और बढ़ चली , आज उसे अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय लेना था . कैंटीन में नवीन पहले से ही सुनीता का इंतजार कर रहा था . नवीन ने सुनीता के लिए कुर्सी खींचकर उसे बैठने को कहा . सुनीता बैठ गयी और एक लम्बी … Read more

मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे कभी सपने मे नहीं सोचा था -राधा कुमारी : Moral Stories in Hindi

पत्नी के जाने के बाद आठ साल की बच्ची और दो बच्चों को पालना एक मर्द के लिए आसान नहीं होता है। बच्चों को पालने के लिए अपनी ही साली से छः महीने के अन्दर ही शादी कर ली। जैसे शादी कर के नयी मां यानी मौसी आयी उनका व्यवहार बदल गया। वो हमे अपने … Read more

गुरूर -प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“अरे बहुओं को थोड़ा कंट्रोल में रखना चाहिए नहीं तो घर बिगड़ते देर नहीं लगती….” रामदयाल जी ने अपने छोटे भाई किशनलाल से कहा जिनकी बहू किसी बात से नाराज होकर एक दिन पहले अपने मायके चली गई थी। “अब क्या बताएं राहुल भी तो नहीं कहता कुछ उससे…अब हम भी कब तक कहें…हमारा ज्यादा … Read more

सोने की अंगूठी -शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

हमनें अभी  नई काॅलोनी में शिफ्ट किया था।यह काॅलोनी पुरानी काॅलोनी से काफी दूर थी सो यहाँ सारी व्यवस्थाएं नये सिरे से करनी पड़ी। जैसे दूधवाला , पेपर वाला, कामवाली मेड ,प्रेसवाला सामान के लिए परचूनी की दूकान ।पेपर देने वाला लड़का जिसे हम गुप्ता जी के नाम  से बुलाते थे यही कोई तेइस-चौबीस वर्ष … Read more

कठपुतली – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

आख़िर क्यों कोई मुझे नहीं समझता , क्या मैं इस घर के लिए सिर्फ कमाई का एक साधन मात्र हूँ ??? क्या मेरे अपनी कोई इच्छा कोई चाहत नहीं है ??? यहां हर कोई मुझसे ही क्यों हर तरह की उम्मीद लगाए बैठा है ??? अपनी कुछ ज़िम्मेदारी ये सब ख़ुद क्यों नहीं उठा सकते … Read more

मेरी बेटी मेरा गुरूर – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

प्रदीप जी तैयार होकर ऑफिस के लिए निकलने ही वाले थे कि तभी उनका दोस्त रजत अचानक उनसे मिलने आ गया। उसे देखकर प्रदीप जी खुश हो गए और अपनी पत्नी रमा से बोले-“रमा, जल्दी से दो कप कॉफी बना दो।”तभी रजत जी बोले -“प्रदीप, मैं तो वैसे ही मिलने चला आया था, कॉफी के … Read more

बहू अब मेरा गुरूर टूट गया। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

“ये क्या कैसे तैयार हुई है! तू भी ना किस फ़ूहड़ को पत्नी बनाकर ले आया है,ये एक कॉरपोरेट पार्टी है, और उसमें शगुन ऐसे जायेगी, मेरी तो नाक ही कट जायेगी, लोग कहेंगे बहू से ज्यादा तो सास मॉर्डन लग रही है, अभि इसे थोड़ी तो मॉर्डन ड्रेस दिला दे और ढंग से रहने … Read more

बेटा विदेश में है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 दो वर्ष पूर्व मेरा जबलपुर जाना हुआ था।पति के ऑफ़िस से मिले गेस्ट हाउस में फ़्रेश होकर पति महोदय जब अपने काम के लिये निकल गये तब मैंने अपनी सहेली मीता को फ़ोन किया।हाय-हैलो करने के बाद उसने कहा,” चल..’आंटी काॅफ़ी हाउस’ में बैठकर बातें करते हैं।” कहकर उसने मुझे लोकेशन शेयर किया और मैं … Read more

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