मर्यादा – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

मैं चुपचाप कमरे की छत को एकटक देखे जा रही थी और कुछ कर भी तो नहीं सकती । याद आ रहे थे वो पल जब मैंने भावुक होकर रिश्ते निभाए और बदले में पाया विश्वासघात, सिर्फ विश्वासघात। क्या कोई अपना इतना निर्मम हो सकता है?? पर ये कैसा प्रश्न ?? इतनी निर्ममता के कारण … Read more

 मुँह मोड़ना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

पति और बच्चों के जाने के बाद मधु घर समेटने में व्यस्त थी।उसी समय उसके फोन की घंटी बज उठी।उसने जल्दी से आकर हाथ में मोबाइल उठाया और हैलो  कहा।उधर से आई आवाज सुनकर उसके चेहरे पर आश्चर्यमिश्रित खुशी छा गई।फोन उसके छोटे भाई की पत्नी नीरजा का था। नीरजा ने कहा -“दीदी!आपके भतीजे की … Read more

 मुँह मोड़ना – मीरा सजवान ‘मानवी’ : Moral Stories in Hindi

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छोटे से गाँव में रहने वाले रघु काका एक ईमानदार, दयालु और मददगार इंसान थे। जब भी कोई मुसीबत में होता, काका सबसे पहले पहुँचते। चाहे खेत में काम हो या किसी की बीमारी, उन्होंने कभी किसी से मुँह नहीं मोड़ा। वे एक साधारण किसान परिवार से थे लेकिन जब भी किसी को मदद की … Read more

 औलाद की खातिर सब सह गई – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ये क्या मम्मी ये आप अपना बैग और सामान लेकर कहां जा रही है ,मैं जा रही हूं बेटा यहां से , मगर कहां जा रही है, वृद्धाश्रम, वृद्धाश्रम पर क्यों ?अब बाकी की जिंदगी में वही गुजार लूंगी ।अब यहां रहकर बहू का अपमान और तेरा सब नजरंदाज करना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा … Read more

संयुक्त परिवार में  बिटिया नहीं ब्याहना … – रश्मि प्रकाश 

हरीश जी और गायत्री अपनी इकलौती बेटी काव्या की शादी के लिए परेशान थे और बहुतेरे घर ,परिवार और लड़का देखने के बाद भी उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था… कहीं परिवार पसंद नहीं आ रहा था तो कहीं लड़का नहीं जम रहा था…।  बहुत सोच विचार और खोज बीन करने के बाद एक … Read more

सुखानुभूति – लतिका श्रीवास्तव

भव्य हवेलीनुमा आवास,दर्जनों नौकर चाकरों से लकदक हर कोना, रईसी शानो शौकत से आच्छादित पांच मंजिली इमारत के एक विशाल वातानुकूलित कक्ष में आदमकद आईने के सामने बैठी नम्रता खुद को निहार रही थी,परख रही थी ,आत्ममुग्ध थी। वर्षों की अटूट अनवरत लगन मेहनत और संघर्ष के बल बूते आज वह सफलता और वैभव के … Read more

कैसे-कैसे लोग –  विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” सीमा..किसी का फ़ोन आ रहा है..मैं तुमसे फिर बात करती हूँ..।” कहते हुए अंजू ने फ़ोन डिस्कनेक्ट कर दिया।     सीमा की पड़ोसन थी अंजू।दोनों ऊपर-नीचे के फ़्लैट में रहतीं थीं।अंजू अक्सर ही सीमा के घर चली आती और सास-ननद, पति-बच्चे की बातें करती।कभी बहुत प्रशंसा तो कभी बहुत शिकायत।सीमा उसकी बातें सुनती..हाँ- हूँ कर … Read more

खिली खिली धूप – राशि सिंह : Moral Stories in Hindi

“सुबह से ही घर में बड़ी चहल पहल थी। दादी जोकि हर वक्त ” अरी मैया मे गई… अरी मैया मर गई “की रट लगाए कराहती रहती थी वह आज सुबह ही बड़ी बहु से चूल्हे पर पानी गर्म करके नहा लीं ।  हल्की क्रीम कलर की सूती साडी पहनकर चश्मा लगाकर बैठ गई चारपाई … Read more

 स्वार्थी संसार – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

अरे—- माला कब तक उदास होकर बैठी रहोगी! उठो शाम हो गई चाये तो पिला दो माला के पति नीरज जोर से आवाज देते हुए बोलते हैं—– माला एकदम उठकर खड़ी हो जाती है अपने थके– थके कदमों से किचन में जाकर चाय बनाने लगती है! माला चाय लेकर आती है साथ में प्लेट में … Read more

 नया सफर – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

रह रहकर सास संयोगिता के शब्द मनुस्मृति के कर्ण पटल भेद रहे थे, “मुझे तकलीफ देकर तू कभी सुखी नहीं रह सकती”। पर सब अनदेखा कर वो अपना सामान बांध अपने बच्चों के साथ निकल गई नए जीवन के सफर पर। मनुस्मृति शादी कर ससुराल आई तो सब ठीक ठाक ही लगा उसे पर धीरे … Read more

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