‘सिग्नल मदद का’ – प्रियंका सक्सेना   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : इंजीनियरिंग कॉलेज में सेमेस्टर ब्रेक होते ही अधिकांशत: पूरा कॉलेज ही खाली हो जाता है। दरअसल एक हफ्ते की छुट्टियां होती हैं तो हर कोई घर जाना चाहता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ।  इक्का दुक्का लोगों को छोड़कर सभी प्रोफेसर्स और  छात्र-छात्राएं घर जाने के लिए बसों से … Read more

पहचान –  के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मेरा नाम मुरली है । कुछ महीने पहले मैंने एक गेटेड कम्यूनिटी में अपना घर बनवाना शुरू किया था । वह शहर से दूर था परंतु मेरे ऑफिस के लिए नज़दीक है और मेरी नई नई शादी हुई थी तो हमने वहाँ घर बनाने का निर्णय लिया और जल्दी जल्दी … Read more

गृहस्थी की पंच परमेश्वर (भाग 2) – डॉ.पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

आदित्य की मां सीधी साधी थी वो शोभा से अगर किसी काम को कहती तो वो उल्टे जवाब देकर उनको चुप करा देती। बेटे की नई गृहस्थी है ये सोचकर आदित्य के माता-पिता अपना दर्द दिल में छुपाकर आदित्य के सामने सामान्य बने रहते। पर बातें कितने दिन तक छुप सकती थी। एक दिन आदित्य … Read more

गृहस्थी की पंच परमेश्वर (भाग 1) – डॉ.पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आदित्य का वकालत के क्षेत्र में बहुत ही प्रसिद्ध नाम था। वैसे तो उसकी उम्र बहुत ज्यादा ना थी पर उसने बहुत ही कम समय में अपनी पहचान बना ली थी। ये माना जाता था कि वो जिस पक्ष के केस को अपने हाथ में ले लेता है वो अवश्य … Read more

कालचक्र (भाग 2)- डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “मां तुम्हारी नाराजगी मुझसे है न … मेरे भूख से तो नहीं ..सब बताऊंगी .. पहले पेट में तो कुछ डालने दो.”   मां सब-कुछ बर्दाश्त कर सकती है किन्तु संतान की भूख-प्यास नहीं..हाथ का काम छोड़ मां ने उसके हाथ में सुबह का ठंढा दाल-चावल और थोड़ी सी सब्जी पकड़ा … Read more

कालचक्र (भाग 1)- डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : समय का पहिया घुमता रहता है ..कभी उपर कभी नीचे. कालचक्र के झंझावातों से इस नश्वर संसार में कोई अछूता नहीं है.   इति जब घर लौटी.शाम ढल चुकी थी.. बरामदे में ताऊ दोनों हाथ पीठ पर बांधे चहलकदमी कर रहे थे…सांझ के धुंधलके में उनके चेहरे का भाव इति को … Read more

छोटा शहर (भाग 2 ) – श्रीप्रकाश श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अब तो मोहल्ले वाले भी कहने लगे,’’आपके तो मजे है। भला भदेाही जैसे छोटे शहर में अब मन कैसे लगेगा?’’सुनंदा मन ही मन खुश हो जाती। 30 साल गुजारने के बावजूद उसे लगाता वह एक छोटे से कस्बे की महिला बनकर रह गयी। बडें शहरों की बात ही निराली होती … Read more

छोटा शहर (भाग1 ) – श्रीप्रकाश श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुनंदा खुश थी। उसके दोनों औलादों की घर गृहस्थी सेटेल हो चुकी थी। बेटा दिल्ली में बैंक में लग गया तो वही बेटी दामाद चंढीगढ में। बेटी की शादी इलाहाबाद में की मगर दामाद की नौकरी चंढीगढ में थी। जो दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं था। वह जब भी दिल्ली … Read more

अधूरी पहचान – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : लाड़ली दो-दो छिके री दल्लान….. लाड़ली दो-दो छिके री दल्लान….. लाड़ली बाबा खड़े री कुछ मांग….  लाडली ताऊ खड़े री कुछ मांग….  मैं क्या मांगू मेरे बाबा हजारी…. मैं क्या मांगू मेरे ताऊ हजारी…. हाथ का दिया, भाग का लिखा चलेगा मेरे साथ…. लाडली दो दो छिके री दल्लान….. ढोलक … Read more

खानदान – कामिनी मिश्रा कनक : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कमला जी रात का खाना खाकर, दवाई खाने के लिए सोफे पर बैठी ही थी ….की तभी अचानक दरवाजे की घंटी बजती है……..  इतनी रात को कौन आया होगा अब तो बहू भी सो गई है , सुदर्शन भी ऑफिस के काम से बाहर गया हुआ है…… वो भी 2 … Read more

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