पता नहीं किस जमाने में जी रही है आप – प्रतिभा परांजपे : Moral stories in hindi

सुधा के बेटे के लिए अशोक वर्मा जी की बेटी सिमरन का रिश्ता आया। पढ़ी-लिखी ,देखने में सौम्य,सुंदर लगी  सिमरन । सारी जानकारी देख सुधा को अपने बेटे सुमित के लिए योग्य लगी । सुमित कुछ दिनों की छुट्टी पर आया था तो वह और सुमित दोनों सिमरन को देख आये। सुधा और सुमित ने … Read more

छोटा शहर (भाग1 ) – श्रीप्रकाश श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुनंदा खुश थी। उसके दोनों औलादों की घर गृहस्थी सेटेल हो चुकी थी। बेटा दिल्ली में बैंक में लग गया तो वही बेटी दामाद चंढीगढ में। बेटी की शादी इलाहाबाद में की मगर दामाद की नौकरी चंढीगढ में थी। जो दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं था। वह जब भी दिल्ली … Read more

चुप्पी कब तक – शालिनी दीक्षित

अरे बेटा इसमे नींबू पानी क्यों ले आई यह तो वाइन के ग्लास है?” “ओके मम्मी जी अभी चेंज कर लेती हूँ……..” स्नेहा ने अपनी सास से कहा। स्नेहा की सासू माँ अपनी किटी पार्टी की एक सहेली के साथ बैठी बातें कर रही थी, आज दोनों का नींबू पानी पीने का मन था। स्नेहा … Read more

“सलाह” – कनार शर्मा: hindi stories with moral

hindi stories with moral : अरे बहू कहां चली? नाश्ता कौन बनाएगा? सुबह-सुबह अपनी बहू को बैग उठाकर घर से बाहर जाता देख सास वसुंधरा जी बोली।  मांजी आप और आपके बेटे ने मुझे घर की नौकरानी समझ रखा है। मैं बहू हूं इस घर की कामवाली बाई नहीं जो दिन रात आप लोगों के … Read more

अपेक्षाओं से आजादी – छवि गौतम : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” भईया पतो ना काई काम में इतनी बिज्जी रहवे तेरी बहू ; के बालको को टाइम से रोटी भी ना दे सके । सबरे दिन बालक यूं ही भूखे इधर से उधर डोले”, । कम से कम बालको का तो ध्यान रखना चाहिए बस ब्रेड खिला खिलाकर फूल से … Read more

“खुली आँखों के ख्वाब” – सुषमा तिवारी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : जिंदगी की हर सुबह अपने साथ कुछ शर्तें लेकर आती है। तय कर लो तुम्हें अंधेरे पर विजय प्राप्त कर उजाला फैलाना है या आने वाले अंधेरे के डर से छुप कर बैठना है। “एक बार फिर सोच लो बेटा!” राम सुमेर कुर्सी पर बैठते हुए बोले। वहीं उनकी पत्नी … Read more

मैं इस घर की बहू हूँ नौकरानी नहीं : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : सारिका बचपन से ही होनहार थी देखने में तो सुंदर थी ही साथ ही  उसे स्टाइलिश कपड़े पहनना भी पसंद था वह अपने आपको हमेशा स्टाइल में ही रखती थी  वह बड़ी होकर फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी।   पिता को यह सब चीजें पसंद नहीं था उनका मानना यह … Read more

ज़िंदगी के रंग – ऋतु अग्रवाल

 ” माँ! इधर आओ ना।” मंजरी ने पूरे घर में शोर मचा रखा था।       “क्या बात है? पूरा घर सिर पर उठा रखा है।” आशा साड़ी के पल्लू से हाथ पोंछती हुई बाहर आई तो मंजरी ने उसे पकड़कर गोल गोल घुमा दिया।         “अरे! रुक तो! मुझे गिराएगी क्या? पगली!”आशा ने मंजरी को डपटा तो … Read more

आज मैं ऊपर, आसमां नीचे – सुषमा यादव

जिंदगी के रंग कई हैं, कभी वो हंसाती है तो कभी रुलाती है। सच में ये जिंदगी क्या, क्या तमाशे दिखाती है। कभी अर्श से फर्श पर पटकती है तो कभी फर्श से अर्श पर ले जाती है,, जी हां, जिंदगी इम्तिहान लेती है, मेरे स्कूल की बहुत ही बेहतरीन शिक्षिका और मेरी छोटी बहन … Read more

जब आए संतोष धन….!! – मीनू झा 

उसे जो कुछ मिला था जिंदगी में उसमें वो खुशी नहीं ढूंढ सकी… क्योंकि और ज्यादा और ज्यादा का लालच उसके दिलों दिमाग पर काबिज़ था…वो तो रूकने को तैयार ना थी पर जिंदगी को तो रूकना था ना! निशा की सबसे प्यारी दोस्त विजया की भाभी ने विजया के बारे में पूछने पर बताया,जो … Read more

error: Content is Copyright protected !!