पता नहीं किस जमाने में जी रही है आप – प्रतिभा परांजपे : Moral stories in hindi

सुधा के बेटे के लिए अशोक वर्मा जी की बेटी सिमरन का रिश्ता आया। पढ़ी-लिखी ,देखने में सौम्य,सुंदर लगी  सिमरन ।

सारी जानकारी देख सुधा को अपने बेटे सुमित के लिए योग्य लगी । सुमित कुछ दिनों की छुट्टी पर आया था तो वह और सुमित दोनों सिमरन को देख आये।

सुधा और सुमित ने सिमरन के रिश्ते के लिए हां कर दी,लड़की वालों की तरफ से अभी कोई संदेश नहीं आया था। दो-चार दिन बाद उन्होंने भी इस रिश्ते के लिए हां कर दी।

सुधा बहुत खुश थी, उसने अपनी बहन रीमा को यह खुशखबरी सुनाने के लिए फोन किया ।

रीमा ने बधाई देते हुए पूछा” कौन वर्मा? यह डीपी वर्मा तो नहीं कलेक्ट्रेट में सेक्रेटरी है?”

‘ हां वही,सुधा बोली।

 ‘अरे बाप रे, सिमरन नाम है क्या?’

‘ हां अच्छी लगी लड़की, सुधा ने बताया!’

 

‘ ना कर दो तुम, अपने सुमित के लिए एक से एक अच्छे रिश्ते आएंगे देखना!’

 

‘ पर क्यों क्या बात है?’

 

 अरे मेरी ननंद के देवर के लिए रिश्ता आया था। लड़की पहले दिल्ली में जॉब कर रही थी ।वहां पर किसी लड़के के चक्कर में ।साल भर दोनों साथ रहे एक घर में बाद में वह लड़का उसे छोड़कर चला गया, ऐसी लड़की हमें नहीं करना मेरे देवर ने मना कर दिया।’

 

सुधा सकते में आ गई ,

शाम को सुमित घर आया तो सुधाने सारी बात बताई और कहां हमें नहीं करना ऐसी लड़की वालों से रिश्ता। अच्छा हुआ पहले ही पता चल गया।

 

 “पता नहीं किस जमाने में जी रही है आप” मांअब जमाना बहुत आगे निकल गया है,

 

सिमरन और मैं कल मिले थे, उसी ने मुझे फोन कर बुलाया था। उसने मुझे सारी बात बताई। दिल्ली जैसे शहर में अकेले मकान किराए से लेना काफी महंगा है तो एक सहेली के साथ शेयरिंग में दो कमरे का मकान लिया, सहेली  काएक भाई विनोद भी आता जाता था। वह सहेली कुछ दिनों बाद अपने शहर चली गई ।पर तब तक सिमरन और विनोद एक दूसरे को पसंद करने लगे तो एक साथ लिव इन में  रहने लगे।

 परंतु विनोद  को दुसरी जगह नौकरी मिलनते ही वहभी चार-छह महीने रहकर चला गया। तब सिमरन के समझ में आया वह प्यार नहीं था एक आकर्षण था।

 

 “वह सब तो ठीक है पर, हमें ऐसी लड़की से क्या लेना देना जो शादी से पहले ही—”

 

‘मां मैं भी विदेश में रहता हूं 4 साल हो गए वहां पर मुझे ,इस तरह के रिश्ते बनना, बिगड़ना वहां आम बात है।

 मेरा भी एक लड़की के साथ रिलेशन था हम दोनों भी साथ-साथ रहते थे पर कुछ दिनों बाद हमारा ब्रेकअप हो गया।

 तुम्हारी बात अलग है बेटा तुम लड़के हो।

वाह मां ये कैसा दोहरापन 

वह जमाना लद गया  जब इस तरह की सोच रखते थे।

 सिमरन एक साफ दिल की लड़की है। उसने मुझे सारी बात बताई और पूछा क्या अब भी मैं इस रिश्ते के लिए तैयार हूं?

 तो मुझे लगा वह चाहती तो सारी बात छुपा सकती थी !लेकिन रिश्ता जोड़ने से पहले अपने  बारे में सच्चाई बताना उसने जरुरी समझा उसकी यही साफगोई मेरे मन को भा गई। मुझे ऐसी सच्चे दिल वाली जीवन संगिनी ही चाहिए।

——————————————–लेखन.. प्रतिभा परांजपे

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!