हमसफ़र… तुम देना साथ मेरा… – रीतु गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

कपिल ने रिद्धि को दवाई दी और सुलाने लगा ,वो उसके सर को प्यार से सहला रहा था… कुछ ही मिंटो में रिद्धि सो गयी। कपिल रिद्धि के माथे पर किस कर.. अपनी परी के झूले के पास आ गया ।झूले मे गुड़िया सो रही थी। कपिल उसकी छोटी सी उंगुली को सहलाते हुए बोला.. पापा… आपकी मम्मा को कुछ नहीं होने देंगे। आपकी मम्मा बिलकुल ठीक हो जाएगी ।

        रिद्धि ने 15 दिन पहले ही एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया था। कितना खुश था कपिल, उस नन्ही जान को अपने हाथों में लेकर.. सब कुछ भूल गया था वो उस परी को देख और अपनी रिद्धि को आँखों ही आँखों में शुक्रिया बोला था।

घर में दादा-दादी,बुआ सब खुश थे। आज ३ दिन बाद कपिल रिद्धि और परी को घर ले जा रहा था। परी की बुआ ने घर बहुत सूंदर सजा रख था। 

दादी ने पहले तेल से वार किया.. फिर नजर उतारी… तब परी को और रिद्धि को ग्रह प्रवेश करवाया। सब अच्छे से चल रहा था कि.. एक रात अचानक रिद्धि रात में उठ गयी और जोर जोर से रोने लगी।

कपिल उठा और पूछने लगा…. रिद्धि क्या हुआ…

रिद्धि कुछ नहीं बोल रही थी … बस रोये जा रही थी ।

सास और ननद ने भी पुछा कि क्या हुआ…..

 पर रिद्धि का रोना बंद ही नहीं हो रहा था। 

उसे देख सब घबरा गए ।

रिद्धि बोल बेटा…. कही दर्द है, कोई तकलीफ … कुछ तो बता ।

मां … “लगता है …नजर लग गयी है , मेरी बच्ची को….

मैं अभी नजर उतार देती हूँ। 

  कह कर लाल मिर्ची और राई वारने के लिए ले आयी और रिद्धि के सर पे से घूमाने लगी ।

अचानक रिद्धि ने उनका हाथ पकड़ लिया और बोली आप मुझे मारना चाहती है …. है ना…. 

सब हैरानी से रिद्धि को देखने लगे….

 कपिल- “रिद्धि यह क्या बोल रहीं हो?

रिद्धि फिर ज़ोर जोर से रोने लगी….. मैं नहीं बचूंगी … मेरे बच्ची का क्या होगा… .. मैं नहीं बचूंगी…..

कपिल रिद्धि को झकझोरते हुए … यह क्या बकवास कर रहीं हो….

कुछ नहीं हुआ तुम्हें…. बिलकुल ठीक हो तुम…. समझी …

सासु मां बोली … बेटा लगता है कोई भूत-प्रेत का साया है…कल ही इसका झाड़ा लगवा देती हूँ ।

कपिल- “अब माँ आप भी शुरू हो जाओ .. 

भुत-प्रेत कुछ नही होता…. कोई झाड़ा- भाड़ा नहीं लगेगा। 

कल सुबह होते ही डॉक्टर के ले जाउगा। 

तभी परी भी उठ गयी…

 पर यह क्या…… रिद्धि ने उसे दूध पिलाने से भी मना कर दिया… 

नहीं मैं नहीं फीड करुँगी….

अगर मेरा दूध पी इसे कुछ हो गया तो ..

सबने बहुत समझाया … रिद्धि कुछ नहीं होगा .. परी भूखी है ….उसे फीड करवाओ ..।

पर रिद्धि टस से मस न हुई ।

वो बहुत अजीब सी हरकते करने लगी थी …

सासु माँ ने बोतल से दूध पिला गुड़िया को सुला दिया।

यह रिद्धि भी रो-रो कर थकने की वजह से सो गयी थी। 

कपिल की आंखों से नींद कोसो दूर थी।

क्या हो गया रिद्धि को …

कल तक तो अच्छी भली थी….

 अब….

क्या सच में कोई भूत प्रेत… 

नही नही… मैं भी क्या सोचने लगा हूँ…..भला ऐसा होता है क्या कभी..

भूत- प्रेत कुछ नही होते ।

  

 अगली सुबह कपिल उठा और देखा… दोंनो माँ-बेटी आराम से सो रहीं है…

 वो बाहर लाॅबी में गया … मां ने उसे चाय दी और बोली बेटा १ बार झाड़ा लगवाने दे….

बीच में टोकते हुए…

माँ कल देखा ना आपने….मिर्ची घूमाने पे…. कितना हगांमा हुआ रात…

अब कहीं दुबारा न हो जाये …

डॉक्टर के पास ही लेके जाता हूँ ।

कपिल ने अपॉइंटमेंट ली और निश्चित समय पर डाक्टर के पास पहुंच गया। 

पुरे रास्ते उसने देखा हमेशा चहकने काली रिद्धि गुमसुम बैठी थी… 

डॉ ने रिद्धि का चैकअप किया और फिर उसे मां के साथ बाहर भेज दिया..

और कपिल से बात करने लगी ।

देखिये, कपिल जी रिद्धि को पोस्ट -पार्टम – सायकोसिस हुआ है … जो अक्सर डिलीवरी के बाद कुछ लेडीज को हो जाता है।

 यह डॉ शालिनी जी है … जो की एक सायकायट्रिस्ट है… वो आपको विस्तार से समझाएगी ।

डॉ. शालिनी – “देखिये कपिल जी,यह एक मानसिक बीमारी है, जो प्रेग्नेंसी के बाद कुछ औरतो को हो जाती है, इसमें पेशेंट अजीब बिहेवियर करने लगता है , उसका कॉन्फिडेंस लेवल बहुत कम हो जाता है…उसे खुद पे या दुसरो पे विश्वास नहीं रहता …जिस कारण मन नेगेटिव विचारो से घिरा रहता है ..

कपिल …. “भरे मन से डॉ.. कोई डरने वाली बात तो नहीं ..रिद्धि ठीक तो हो जाएगी ना….

 

डॉ. शालिनी …”जी बिल्कुल, ठीक हो जाएगी ।

 आप ने बहुत समझदारी दिखाई कि आप जल्द ही उसे ले आये ।कुछ मेडिसिन शुरू कर रही हूँ… वो देते रहे… रिद्धि जल्द ही ठीक हो जाएगी ।

कपिल … जी वो बहुत रो रही थी … मरने की बाते कर रही थी.. 

डॉ .. देखो कपिल, अभी वो तन से, मन से कमजोर है , हो सकता है १ हफ्ते में ही दवाई असर दिखा दे और वो कुछ ठीक हो जाये या फिर हो सकता है कुछ वक़्त के लिए उसकी हालत ज्यादा खराब हो जाये ..आप बिलकुल फिकर मत कीजिये … यह मेडिसिन शुरू करे … कुछ वक़्त बाद .. वो बिलकुल ठीक हो जाएगी। 

कपिल – डाॅ.. अंदाजा.. कितना वक़्त लगेगा …इन सब से बाहर निकलने में। 

डॉ.. कपिल ये तो आप पे निर्भर करता है…

 सच कहूं..आपकी परीक्षा की घडी है, कि आप कैसे हमसफ़र निकलते हो… 

जितना प्यार से हैंडल करोगे… उतना जल्दी रिकवरी होगी … 

कभी कभी रिद्धि चिड़चिड़ी होगी….कभी गुमसुम सी बैठी रहेगी…

किसी काम में मन नही लगेगा… कभी आप को , अपनी बच्ची को भी इग्नोर करेगी…

  आपको बहुत सब्र रख कर सब हैंडल करना होगा ।

पर यकीं मानिये आपका प्यार , घर का माहौल उसे जल्दी ठीक कर देगा। 

मुझे उम्मीद है आप मेरी बात समझ गए होंगे…

 

कपिल- जी डॉ .. मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करुंगा…

 डॉ- गुड, यह मेडिसिन लिख दी है … समय अनुसार देते रहे…

हाँ अगर दवाई खाने से मना करती है तो जोर मत डाले ….खाने में मिला कर दे … देखना वो जल्दी ही रिकवर कर जाएगी ….

कपिल- थैंक्स डॉ.।

 बाहर आ अपनी माँ और पत्नी को ले घर आ गया। 

मां के पूछ्ने पे उसने सारी बात बता दी ।

माँ … बेटा , अब !!! 

अब क्या .. ध्यान रखना होगा हमें रिद्धि का मां..

पर ऐसी हालत में …

माँ- “पर बेटा, तुम तो ऑफिस चले जाओगे ..

छुटकी की कितनी छुट्टी करवाएंगे.. वो भी तो होस्टल चली जाएगी….

तेरे पापा खुद मरीज है..

 तो ऐसे में मैं अकेली कैसे संभाल पांउगी।

कल रात के नजारे ने तो मेरे होश उडा रखे है ….

मां आप बस पापा को और थोड़ा-बहुत गुड़िया को देखो। 

रिद्धि को मैं देख लुंगा…

पर बेटा तेरा ऑफिस …

मां,अभी मैं १ महीने की छुट्टी डाल रहा हुं… 

पर अगर १ महीने में ठीक न हुई तो..

मां, मैं वर्क फ्रॉम होम ले लूँगा .. नहीं तो नौकरी छोड़ दुंगा … पर इस वक़्त मैं रिद्धि को अकेला नही छोड़ूंगा…

बिल्कुल भी नहीं….

 माँ- बेटा , मैं सोच रही थी क्यों ना रिद्धि को कुछ दिन मायके भेज दे….

बीच में टोकते हुए.. 

ये कैसी बात कर रही हो माँ … 

इस हालात में मैं रिद्धि को खुद से दूर बिलकुल भी नहीं करूंगा…

हां , आपके लिए एजेंसी से १ फुलटाइम मेड अर्रेंज कर देता हूं।

माँ .. बेटा उसकी मम्मी को बुला लेते है ।

कपिल अभी आकर तो गए है न माँ , हाँ अगर जरूरत पडी तो बुला लेंगे। 

मां.. बेटा, कुछ ऊंच नीच न हो जाये … 

माँ.. आप साथ हो न मेरे … 

माँ …हां 

बस माँ, हमे किसी जरूरत नहीं …

ठीक है बेटा…

 

कपिल रिद्धि की ध्यान रखने लगता है ..

कई बार रिद्धि बहुत एग्रेसिव हो जाती पर कपिल प्यार से सब हैंडल करता है।

कभी कभी ऐसा वक़्त भी आता की रिद्धि परी को उठाने से मना कर देती… दूध पिलाने से मना कर देती …..दवाई फेंक देती है…

कपिल प्यार से समझाता पर वो उस पर ही बरस पड़ती ..

 पर पता नहीं कपिल में कहा से इतनी शक्ति आती ..यह सब सहने की … 

शायद यही..प्यार है.. सच्चा प्यार…..

कपिल की माँ रिद्धि और कपिल क दर्द देख छुप-छुप रोती है।

कपिल समय अनुसार रिद्धि को दवाई देता रहा .. उसने वर्क फ्रॉम होम ले लिया … 

सुबह से ले शाम तक … शाम से ले रात तक कपिल रिद्धि के पास रहता।

 उसे पल पल ऑब्जरव करता .. उसके हर काम में मदद करता …

 अपनी परी का भी ध्यान रखता.. कितने काम होते है बच्चो के…. सब करता…  

कभी उदास होता तो परी से बातें आर, खेल मन बहलाता.. आपकी मम्मा बिलकुल ठीक हो जाएगी.. ….

३ महीने यूँ ही निकल गए …

३ महीने बाद…

 रिद्धि खुद से छोटे छोटे काम करने लगी , जैसे कंघी करना , किचन में माँ का हाथ बटाना ..

अब उसका रोना भी लगभग बंद हो गया था ..

यह सब कपिल की मेहनत, विश्वास और प्यार का नतीजा था …

कुछ महीनो बाद …

आज रिद्धि और कपिल की शादी की सालगिरह है …

सारा प्रोग्राम रिद्धि ही देख रही है .. बीच बीच में बिटिया को भी देख जाती…

 .मेहमान-नवाज़ी में तो वो हमेशा नंबर १ रही है …

कपिल बस उसे ही चहकते हुए देख खुश हो रहा है…

तभी रिद्धि माइक ले सब का ध्यान अपनी ओर खिंचती है और कहती है…

आज ये चहकती-फुदकती रिद्धि नामक चिडिया आपके साथ खड़ी है ना ….

उसको पंख देने का सारा श्रेय मेरे हमसफ़र कपिल को जाता है …

 कपिल जी …

माँ ने बताया मुझे …

कैसे आप मुश्किल में भी मुस्कराते रहे 

थाम मेरा हाथ .. होंसला मेरा बढ़ाते रहे 

नहीं परवाह की खुद की कभी 

सारा प्यार मुझ पर लुटाते रहे 

बहुत किस्मत वाली हूँ मैं 

ऐ हमसफ़र ..जो तुम मुझे मिले 

मरने की बाते करने लगी थी मैं 

मुझमें तुम जीने की आस जगाते रहे …

आई लव यू कपिल जी …

कह कर वो कपिल की बाहों में समा गई 

और कपिल ने भी आइ लव यु टू कहते हुए बाहों में भर लिया ।

सभी नम आंखो से तालियां बजाने लगे।

 ..

छुटकी ने जब कोई बात बिगड जाए… जब कोई मुश्किल आ जाए.. तूम देना साथ मेरा…. गाना चलवा दिया…

दोनो कपल डांस करने लगे…. मां आंखे भर बोली नजर ना लगे मेरे बच्चों को…..

समाप्त 

रीतु गुप्ता 

स्वरचित 

अप्रकाशित

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