मैं इस घर की बहू हूँ नौकरानी नहीं : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : सारिका बचपन से ही होनहार थी देखने में तो सुंदर थी ही साथ ही  उसे स्टाइलिश कपड़े पहनना भी पसंद था वह अपने आपको हमेशा स्टाइल में ही रखती थी  वह बड़ी होकर फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी। 

 पिता को यह सब चीजें पसंद नहीं था उनका मानना यह था कि लड़की  ग्रेजुएशन कर ले वही बहुत है और उसे  शादी के बाद घर ही संभालना है तो फैशन डिजाइनर बन कर क्या करना है।  लेकिन सारिका ने अपनी मां के सपोर्ट से अपने पापा को मना ही लिया उसने फैशन डिजाइनर का कोर्स कर लिया।  उसके बाद उसने सोचा कि एक दो साल किसी बड़े डिजाइनर के साथ नौकरी करेगी बाद में वह अपना खुद का बुटीक  खोलेगी। 

 एक दिन उसके मामा जी आए और उसके पापा से एक रिश्ते के बारे में बताया।  उसके मम्मी-पापा को वो रिश्ता बहुत पसंद आया क्योंकि लड़का पीडब्ल्यूडी में सरकारी इंजीनियर था।  फिर क्या था कुछ ही दिनों में सारिका की शादी हो गई और वह अपने ससुराल चली गई। 

 सारिका ने सोचा कि वह अपने पति से कह कर अपने ससुराल में ही अपना बुटीक ओपन करेगी लेकिन जैसे ही उसकी सास को पता चला।  उसकी सास ने साफ मना कर दिया बहू हमारी घर की बहू यह सब काम नहीं करती है तुम्हें कोई चीज की दिक्कत हो तो कहो।  तुम्हारे ससुर जी ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर से रिटायर हुए हैं उनकी क्या इज्जत रह जाएगी लोग क्या कहेंगे कि बेटा इंजीनियर ससुर bdo फिर भी बहू ने बूटीक खोला है नहीं बहू  नहीं ऐसा नहीं होगा। 



 सारिका ने जब इस बारे में अपने पति से बात करी उसके पति ने बस इतना ही समझाया कि सारिका थोड़े दिन शांत रहो मैं मां से खुद बात करूंगा। 

सारिका ने कभी सोचा भी नहीं था कि उसे ससुराल में इतना काम करना पड़ेगा घर में ननंद थी लेकिन मजाल हो जो एक छोटी सी मदद भी कर दे।  मां-बेटी बैठकर दिन भर टीवी देखते रहते थे जो खाने का मन करता सारिका को आर्डर कर देते थे। 

 सारिका का छोटा देवर नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और उसकी भी शादी की बात चलने लगी उसके देवर ने  अपने घर में बताया कि वह अपनी कंपनी में ही एक लड़की से प्यार करता है और उसी से शादी करना चाहता है। 

 जब यह बात उसकी सास को पता चला तो उन्होंने इस रिश्ते का पुरजोर विरोध किया।  गुस्से में हो कर वापस नोएडा लौट गए क्योंकि वह उसी लड़की से शादी करना चाहते थे।  सारिका सोच रही थी कि वह अपने सास से बात करें कि आजकल के जमाने में शादी उसी से करनी चाहिए जिसे हम पसंद करते हैं।  लेकिन उसे पता है कि उसे घर में बोलने का अधिकार नहीं है सारे निर्णय है उसकी ननंद और सास ही लेती है। 



 थोड़ी देर में सास ने आवाज दी बहू एक कप चाय बना कर लाओ तो सिर  में दर्द हो रहा है आजकल के बेटे भी ना मां-बाप की बिल्कुल भी नहीं सुनते।  एक मेरा बड़ा बेटा है जो बिल्कुल राम की तरह है जो कह दो ना नहीं कहेगा। 

 थोड़ी देर बाद जब चाय लेकर अपनी सास के कमरे के पास आई  वह अपने पति से कह रही थी देखो जी शादी तो कभी भी मैं उस सॉफ्टवेयर इंजीनियर लड़की से नहीं करूंगी अगर वह नौकरी करेगी तो वह सारिका की तरह घरेलू नौकरानी बनकर कभी नहीं रहेगी उसकी  शादी भी सारिका की तरह ही कोई सीधी-सादी लड़की देख कर करा दूंगी जो सारिका की तरह मेरी हर बात माने। 

 अपनी सास की ये  बातें सुनकर ऐसा लगा सारिका पत्थर से की हो गई है वह सब को खुश रखने के लिए उसने  अपनी परवाह किए बिना  दिन-रात इनकी सेवा करी इनकी खातिरदारी करी यहां तक कि अपने सपनों की भी कुर्बानी दे दी है। 

 अपनी सास को चाय देने के बाद वह अपने कमरे में गई और उसने उसी समय निर्णय लिया कि वह अब अपना बुटीक खोल कर रहेगी चाहे कुछ भी हो जाए वह इस घर की बहू है नौकरानी नहीं अब आज के बाद मुझे ना कहना भी सीखना होगा मैंने फैशन डिजाइनर का कोर्स इसलिए नहीं किया था कि घर में बैठकर सब की खातिरदारी करूंगी यह काम तो एक नौकरानी भी कर सकती है।  अब आज के बाद मैं भी अपना एक अलग पहचान बनाऊंगी। 

 दोस्तों  एक बहू अपने ससुराल के लिए अपना  सब कुछ न्योछावर कर देती है लेकिन उसके बदले में ससुराल से मिलता क्या है सिर्फ तिरस्कार।  बार-बार उसके  आत्मसम्मान पर चोट पहुंचाई जाती है।

लेखक : मुकेश पटेल

(v)

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