क्या करूं, इज़हार करने में थोड़ा कच्चा हूॅ॑!- -प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

“आज तुम परेशान लग रही हो, सुधा! थकान भी झलक रही है तुम्हारे चेहरे पर। तबीयत तो ठीक है ना तुम्हारी?” राकेश के मुंह से सुनकर भी सुधा को कोई फर्क नहीं पड़ा वो तो अपने में खोई कुछ हिसाब किताब कर रही थी वहीं कुछ जोड़- गुणा करते हुए बोली,” सुनिए, इस महीने से … Read more

फ़िरंगी बहू! – प्रियंका सक्सेना  : Moral stories in hindi

सोहनलाल हलवाई की  दुकान पर जाकर रामप्रसाद जी ने कहा,” सोहनलाल भाई एक किलो कलाकंद, आधा किलो काजू कतली और एक किलो रसगुल्ला तोल दो। “ “रामप्रसाद जी नमस्कार ! बहुत दिनों बाद दर्शन दिए। अभी देता हूँ और नमकीन में क्या बांध दूँ ? आज ही मारवाड़ी नमकीन में ड्राई फ्रूट्स वाली, कुछ-कुछ और … Read more

मतलबी दोस्ती! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

सीमा का ध्यान आज ना जाने कहाँ है कि दूध उबलते उबलते बचा। गैस बंद कर हाथ में चाय का कप लेकर तुलसी जी के पौधे की मिट्टी को देखकर वह रुक गई। अपने आप से बोली मिट्टी ऊपर नीचे कर दूँ तभी नहाने जाऊँगी। चाय का कप रख कर मिट्टी को ऊपर नीचे कर … Read more

भ्रूण परीक्षण! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

“कोई फोन आया अजय का?” घर में प्रवेश करते हुए माँ  ने रीति से पूछा। “नहीं माँ और आएगा भी नहीं। आप समझती क्यों नहीं हैं?” रीति ने कहा। माँ ने सिर हिलाते हुए कहा,”बेटा, मैं सब समझती हूँ पर परिधि की माँ का आज फोन आया था। कह रही थीं कि रीति काफी दिनों … Read more

‘जब अपने पर आन पड़ी !’ – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

नलिनी ने हाउस मेड कांता से कहा, “कांता, मांजी को खाना-पीना कमरे में ही दे देना।”  “जी मेमसाहब।” कांता ने रोजाना की तरह खाना बनाया एक बजे तक पिंकी और पिंटू भी स्कूल से आ गए। दोनों के कपड़े बदलकर हाथ- पांव धुलाकर डायनिंग टेबल पर खाना लगाकर सबको बुलाया। “अरे आंटी! आप दादी को … Read more

बुढ़ापे में एक कमरा भी अपना नहीं – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

आज शांता सदन में खुशी का माहौल है।  रमाकांत जी और सुधा जी के बड़े बेटे राहुल की शादी है।  शांता सदन फूल-मालाओं और बिजली की लड़ियों से जगमगा रहा है। रमाकांत जी बैंक में मैनेजर हैं। रिटायरमेंट में छह साल बाकी हैं। मध्यमवर्गीय परिवार है। रहने लायक अपना घर बना लिया है। जिसमें तीन … Read more

गुरु दक्षिणा – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

अनु स्कूल से आई और घर में घुसते ही बैग स्टडी टेबल पर रख कर कपड़े बदलकर हाथ धोए।फिर शोर मचाती हुई सुधा के पास रसोईघर में पहुॅ॑ची। “मम्मी, देखो गणित में मेरे पूरे नम्बर आए हैं।” सुधा खुशी से बोली, ” वाह! अनु बहुत बढ़िया। अब शाम को बाहर खाने चलेंगे।” अनु खुश होकर … Read more

कुछ उनकी सुनें, कुछ अपनी कहें – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

“तुम बिन मैं कुछ नहीं, राधा ना जाओ मुझे छोड़कर| ” राघव बिलख बिलख कर राधा के निर्जीव शरीर से लिपट कर कह रहे थे| आरती और प्रकाश भी फफक फफक कर रो रहे थे|  अपने पिता को राधा से अलग करते हुए प्रकाश रोते रोते बोला, “पापा, मम्मी चली गई हैं हमेशा के लिए … Read more

बस अब और नहीं! – प्रियंका सक्सेना: Moral stories in hindi

सुधीर  की सभी बातों को अनसुना कर राधिका तीर की तरह घर से निकल गई। नुक्कड़ पर राधिका थमी। एक रिक्शा को स्टेशन चलने को कह वो बैठ गई। साथ में एक बैग था जिसमें उसके सर्टिफिकेट थे और एक अटैची में कपड़े थे जो उसने अलमारी से निकाल कर अटैची में यूँ ही ठूस … Read more

ऐसे घरवालों की ज़रूरत नहीं! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

राकेश ने फोन पर अपनी भाभी को उलाहना दिया,” अक्षय की शादी तय कर दी आपने और हमें बताया भी नहीं, भाभी।” “भैया, सब जल्दी जल्दी में हो गया। आपको आज फोन करने ही वाली थी।” सीमा ने बेचारगी से कहा ” बस बस भाभी! बातें नहीं बनाओ। वो तो अक्षय का दोस्त सुधांशु मिल … Read more

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