ऐसे घरवालों की ज़रूरत नहीं! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

राकेश ने फोन पर अपनी भाभी को उलाहना दिया,” अक्षय की शादी तय कर दी आपने और हमें बताया भी नहीं, भाभी।” “भैया, सब जल्दी जल्दी में हो गया। आपको आज फोन करने ही वाली थी।” सीमा ने बेचारगी से कहा ” बस बस भाभी! बातें नहीं बनाओ। वो तो अक्षय का दोस्त सुधांशु मिल … Read more

अब मैं नहीं हूॅ॑, ‘फाॅर ग्रांटेड’! – प्रियंका सक्सेना  : Moral stories in hindi

काव्या ने ड्राइंग रूम के बगल में ऊपर जाती सीढ़ियों पर लगी पेंटिंग्स देखकर पूछा,”वाह मोनिका कितनी खूबसूरत पेंटिंग्स हैं, तुमने पेंटिंग सीखी है क्या?” जब तक मोनिका कुछ बताती काव्या तो पेंटिंग्स के पास पहुंच चुकी थी।  मोनिका ने सिर्फ सिर हिला कर मना किया कि उसने पेंटिंग्स नहीं बनाईं हैं और सीढ़ियों से … Read more

कुमुदिनी भाभी – प्रियंका सक्सेना   Moral stories in hindi

बड़ी हवेली के जमींदार महाशय  के इकलौते बेटे जयराम की पत्नी कुमुदिनी एक बराबर के समृद्ध परिवार की बेटी हैं। दस साल पहले विवाह उपरांत सुंदरनगर आईं थीं। राजनगर के जमींदार की बेटी कुमुदिनी बड़े लाड़-प्यार और नाजों से पली हैं। मैं, केसर , बचपन से अम्मा के साथ हवेली में रही हूॅ॑।  हवेली का … Read more

बसंत को जाने नहीं देंगे! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in hindi

रजिस्ट्रार ऑफिस से बाहर आते हुए शिखा, “दीप, आज हमारे प्यार को नाम मिल ही गया, अब हम एक दूसरे के साथ पूरी ज़िन्दगी बिताने की ओर बढ़ चले। विधाता ने हम‌ दोनों को एक-दूसरे के लिए ही बनाया है!” “शिखा, तुमने मेरा साथ पग-पग पर दिया, जब सभी  मुझे एक नाकारा अपाहिज समझ कर … Read more

‘सिग्नल मदद का’ – प्रियंका सक्सेना   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : इंजीनियरिंग कॉलेज में सेमेस्टर ब्रेक होते ही अधिकांशत: पूरा कॉलेज ही खाली हो जाता है। दरअसल एक हफ्ते की छुट्टियां होती हैं तो हर कोई घर जाना चाहता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ।  इक्का दुक्का लोगों को छोड़कर सभी प्रोफेसर्स और  छात्र-छात्राएं घर जाने के लिए बसों से … Read more

निर्भीक निर्णय! – प्रियंका सक्सेना  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : सुधा ऑफिस से देर से लौटी और माॅ॑ को देखकर एक फीकी मुस्कान देकर अपने कमरे की ओर बढ़ गई। “क्या बात है, परेशान लग रही हो सुधा?” पीछे से माँ ने बेटी का उतरा मुँह देखकर प्रश्न किया “कुछ खास नहीं माँ।  वर्क प्रेशर है, मार्च का महीना है … Read more

साकार हुआ सपना – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “पायल, दीपक की रैक के पास खड़ी होकर क्या कर रही है? जल्दी झाड़ू खत्म कर लें। पोंछा रहने देना, इसके बाद चाय नाश्ता कर लेना।” सुधा ने दीपक के किताबों के रैक के पास खड़ी पायल से कहा जो किताबों को निहार रही थी। “जी, भाभी आई।” पायल ने … Read more

कुछ लोगों की आदत नहीं होती शिकायत करने की! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज सुबह से ही घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। माला की तबीयत कुछ ठीक नहीं है तो वह बिस्तर पर ही है। अरे ना! ना! अपनी मर्ज़ी से नहीं वो तो माला के पति सुबोध ने जब उसकी हालत खराब देखी तो उठने ही नहीं दिया। माला तो उठ … Read more

इस गुनाह की माफ़ी नहीं! –  प्रियंका सक्सेना

आज गार्गी और राकेश बहुत परेशान हैं बार-बार एकदूसरे को देख रहे हैं। वे दोनों पापाजी के रूम में कुर्सियों पर बैठे हैं ,पास में ही पापाजी लेटे  हैं शायद अब जाकर उनकी आँख लग गई है।  तभी उन दोनों ने एकदूसरे को आँखों ही आँखों में कुछ इशारा किया और पापाजी के रूम से … Read more

 वक्त  – प्रियंका सक्सेना

“मां, आज खाने में शाही पनीर‌ बनाना, प्लीज़।” सोहम ने लाड़ से कहा तो सुधा ने बोला ,” ठीक है बेटा। तुम जब तक अपना सारा होमवर्क और टेस्ट की तैयारी कर लो मैं शाही पनीर और मटर-पुलाव बना देती हूं। ” “मेरी प्यारी मां॑!” “बस-बस! मक्खनबाजी नहीं, पढ़ाई ‌करो।” धीरे से प्यार से गाल‌ … Read more

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