अकेला ही काफी हूं – नेकराम Moral Stories in Hindi

हमारी श्रीमती रोज की तरह फिर मुझसे आज बोली,, हमारे बगल वाली पड़ोसन आज फिर रो रही थी दो सप्ताह से उसकी बेटी सितारा घर नहीं लौटी किसी लड़के ने प्यार के जाल में फंसा कर उसे नकली शादी कर ली और न जाने उसे कहां ले गया सितारा का फोन भी स्विच ऑफ जा रहा है सितारा ने जिससे शादी की है उसकी फोटो वगैरा भी सबूत के तौर पर नहीं है तो पुलिस भी छानबीन कैसे करें,,,
मैंने श्रीमती को समझाते हुए कहा,,,
तभी तो कहते हैं लड़कियों को बाहर मत घूमने दिया करो अकेले,,,
नया जमाना है तो क्या हुआ, माहौल बहुत खराब हो रहा है समाज का
शाम के सात बज चुके हैं आठ बजे तक मुझे ड्यूटी भी पहुंचना है तुम तो जानती ही हो मेरी अभी नाइट ड्यूटी चल रही है
जल्दी खाना तैयार करो,, श्रीमती जी ने कुकर का ढक्कन खोलते हुए कहा मैं कोई मशीन थोड़ी ना हूं
देख नहीं रहे हो बना तो रही हूं खाना 10 मिनट और इंतजार करो खाना तैयार होने वाला है,,
बच्चे भी ट्यूशन से आने वाले होंगे वह भी तुरंत खाना मांगेंगे जब तक तुम नहा धोकर कपड़े पहन लो ,,
कुछ देर के बाद मैं गुसलखाने से बाहर आया,, अब तक श्रीमती जी ने खाना तैयार करके टिफिन में बांध दिया था,,,
शाम के 7:30 हो चुके हैं 8:00 तक मुझे ड्यूटी पहुंचना है आंगन में खड़ी साइकिल को मैंने कपड़े से साफ किया और रोज की तरह अपनी ड्यूटी की तरफ चल दिया,, साइकिल से मुश्किल 15 मिनट ही लगेंगे ड्यूटी पहुंचने में मैं अपनी धुन में साइकिल चला रहा था सड़कों पर काफी ट्रैफिक था तेजी से बस पीछे से आती और आगे निकल जाती कभी कोई बाइक वाला तेजी से आगे निकल जाता तो कभी कोई स्कूटी वाला,,
अचानक एक जोर की आवाज आई लगता है साइकिल पंचर हो गई है किसी ने सड़क पर कील फेंक दी होगी बहुत से लोग तो सड़कों पर शराब की खाली बोतल भी बीच सड़क पर फेंक देते हैं ,,
अब तो इस समय कोई पंचर वाला भी नहीं मिलेगा क्योंकि शाम ढलते ही पंचर वाले जिनकी दुकान पटरी पर है वह बंद करके चले जाते हैं
सर्दी के दिन जो है अंधेरा जल्दी हो जाता है,,
आगे एक बस स्टॉप दिखाई दिया वहां एक बस रुकी और सवारी उतरने लगी साइकिल ना होती तो मैं इस बस में चढ़कर ड्यूटी पहुंच जाता मैं अपने आप से ही बातें कर रहा था ,,,
तभी मुझे वहां एक युक्ति सूझी मैंने साइकिल को बस स्टॉप के पीछे जहां बहुत सी झाड़ियां थी उन झाड़ियां में अपनी साइकिल को छिपा दिया और बस स्टॉप पर खड़ा होकर दूसरी बस का इंतजार करने लगा
काफी देर हो गई लेकिन बस नहीं आई 8:00 बजने में केवल 10 मिनट बाकी थे सामने से एक ट्रक आते हुए दिखा,,
शायद इससे कुछ मदद मिल जाए यही सोच कर मैंने तुरंत ट्रक वाले को हाथ दिया,,
उसने ट्रक रोक दिया और कहा क्या हुआ भाई साहब क्या बात है
मैंने अपनी समस्या बताई क्या तुम मुझे आगे तक छोड़ सकते हो
ट्रक वाले ने कहा हां क्यों नहीं मैं भी तो उसी रास्ते जा रहा हूं आओ ट्रक में बैठ जाओ,,
अभी भी इंसानों में इंसानियत बाकी है यही सोचते हुए मैं ट्रक में सवार हो गया ड्राइवर ने सर पर पगड़ी बांधी हुई थी बड़ी-बड़ी दाढ़ी मूंछ देखने में थोड़ा डरावना था आगे कुछ दूरी पर लाल बत्ती हुई और ट्रक रुक गया ,,,
लाल बत्ती के ट्रैफिक में मुझे एक बाइक जानी पहचानी दिखाई दी वह हमारे गार्डो का सुपरवाइजर था मैं तुरंत पहचान गया बाइक का नंबर देखकर मैंने ट्रक वाले को धन्यवाद दिया और ट्रक से नीचे उतरकर बाइक के नजदीक पहुंच गया सुपरवाइजर ने मुझे देखा और कहा नेकराम तुम अभी तक ड्यूटी नहीं पहुंचे 8:00 बजने में केवल 5 मिनट रह गए हैं,,
अब तक बत्ती हरी हो चुकी थी और ट्रक आगे की ओर तेज रफ्तार में निकल चुका था मैंने तुरंत सुपरवाइजर को कहा मैं अभी जिस ट्रक से नीचे उतरा हूं मुझे उसमें से किसी लड़की के चीखने की आवाज सुनाई दी थी लेकिन मैंने ट्रक वाले को महसूस नहीं होने दिया,,
तुम मुझे अपनी बाइक में बिठाकर जल्दी से उस ट्रक का पीछा करो मुझे लगता है कोई लड़की बड़ी मुसीबत में है हमें उसकी मदद करनी चाहिए
मैं सरजू को फोन कर देता हूं वह मेरे बदले ड्यूटी पर पहुंच जाएगा और काम संभाल लेगा
सुपरवाइजर एक बार को तो सुनकर हैरान रह गया फिर एकाएक बोला इस लफड़े में तुम क्यों पड़ते हो काफी बड़ा खतरा भी हो सकता है वैसे यह काम पुलिस का है तुम पुलिस को सूचना क्यों नहीं दे देते
सूचना तो जरूर दूंगा लेकिन पहले उनके ठिकाने का पता तो मालूम कर लूं,,
सुपरवाइजर ने देर ना करते हुए कहा चलो ठीक है बैठो पीछे मेरे और हां तुम ट्रक तो पहचान लोगे ना ,,,
मैंने सर हिलाते हुए कहा तुम चिंता मत करो इतना बड़ा ट्रक है बस तुम तेज रफ्तार में अपनी बाइक चलाओ बाइक तेज रफ्तार में सब गाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए आगे दौड़ने लगी शहरों में हर आधा किलोमीटर पर लाल बत्तियां होने की वजह से उस ट्रक को हमने आसानी से जनकपुरी के हाईवे पर पकड़ लिया,, अब हम ट्रक के पीछे थे और ट्रक आगे आगे
सुपरवाइजर ने कहा तुम तुरंत पुलिस को सूचना दो मैंने कहा नहीं अभी नहीं मैं यह देखना चाहता हूं यह ट्रक जा कहां रहा है,,
वह ट्रक एक सुनसान सी सड़क पर चलने लगा और फिर एक खाली मैदान की तरफ मुड़ गया और कच्ची सड़क पर चलने लगा वहां दूर-दूर तक कोई नहीं दिखाई दे रहा था ,,,
अचानक ट्रक रुक गया,, हम अपनी बाइक को दूर एक दीवार की ओट में छिपकर सब कुछ तमाशा देखने लगे
ड्राइवर ट्रक से नीचे उतरा और उसने ट्रक के पीछे का दरवाजे का ताला खोल दिया उसमें से एक-एक करके सात लड़कियां नीचे उतरी उनकी आंखों में काली पट्टी बंधी हुई थी और दोनों हाथ रस्सी से बंधे हुए थे
देखने में यह कोई 16-17 साल की लड़कियां थी,,
वहीं कुछ चार मीटर की दूरी पर एक सूखा कुंआ था वह सरदार उन लड़कियों को उस कुएं के भीतर ले गया ,,
मैंने तुरंत सुपरवाइजर को कहा तुम नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाकर तुरंत पुलिस को सूचना दो और मैं इस कुएं के भीतर जा रहा हूं मेरी चिंता मत करना उन पापियों के लिए तो मैं अकेला ही काफी हूं
मैं कुएं की तरफ आगे बढ़ा कुएं में जाकर देखा तो कुएं में सीढ़ियां नीचे की ओर जा रही थी मैं सीढीओ पर आहिस्ता आहिस्ता पैर रखते हुए कुएं के नीचे सतह पर उतर आया मगर यह क्या यहां तो कुछ भी नहीं है यहां तो सिर्फ खाली कुंआ पड़ा है मैं कुएं के चारों तरफ दीवारों को टटोलना शुरू किया ,, तो मुझे वहां एक स्विच दिखाई दिया
मैंने उस स्विच को दबाया तो एक छोटा सा दरवाजा अपने आप खुल गया और अंदर जाने का रास्ता नजर आया ऐसा लग रहा था जैसे अंदर किसी ने कोई गुफा बना रखी है या कहो कि कोई तहखाना
अंदर जाने के बाद मुझे फिर एक दरवाजा दिखाई दिया उसमें एक छोटा सा छेद था मैंने उस छेद में झांक कर देखा तो वह सरदार एक कुर्सी पर बैठकर अपनी दाढ़ी मूंछ निकाल रहा था और पगड़ी हटाते हुए अपने दो खड़े साथियों से बोला ,,
7 लड़कियां और लाया हूं 14 लड़कियां पहले से ही यहां मौजूद है टोटल 21 लड़कियां हो चुकी है हर एक लड़की की हमें अच्छी कीमत मिलेगी शहर के बीचो-बीच हमारे इस अड्डे को आज तक कोई नहीं ढूंढ पाया वहां पहले से ही कुछ और लड़कियों के हाथ पैर बंधे हुए थे एक लड़की को मैंने तुरंत पहचान लिया वह हमारी ही पड़ोसन की बेटी सितारा थी ऐसा लग रहा था जैसे सप्ताह भर से उसे खाने को ना मिला हो
तभी पीछे से किसी ने मेरी कनपटी पर बंदूक तान दी और गरजते हुए बोला कौन है रे,,, तू,, यहां कैसे तांका झांकी कर रहा है ,,,,यहां तक कैसे पहुंचा जल्दी बता कौन है तू ,,
तभी पीछे से एक जोरदार आवाज आई यह है देश का एक सिपाही जिसके पास वर्दी नहीं है खाकी लेकिन तुम जैसे पापियों को फांसी के तख्ते तक पहुंचने के लिए इसके हौसले काफी है
मैंने पीछे मुड़ के देखा तो यह आवाज थी जनकपुरी थाने के एसीपी
जिनके साथ बहुत से पुलिस वाले बंदूक लिए खड़े थे
पलक झपकते ही उन अपराधियों को तुरंत पकड़ लिया गया
सितारा आजाद होते हुए तुरंत बिलख कर रोते हुए बोली नेकराम अंकल अगर तुम ना होते तो यह दरिंदे न जाने हम लड़कियों को कहां पर बेंच देते
मैंने फेसबुक में किसी लड़के से दोस्ती कर ली थी और उसकी झूठी प्रेम कहानी में फंसकर अपने मां-बाप को भूल गई
मैं देश के लोगों को यह बताना चाहती हूं अपने प्यारे माता-पिता को कभी धोखा मत देना नए जमाने के चक्कर में यह मत समझो। की लड़के को चुनने का अधिकार सिर्फ लड़की को है यह बात गलत है
जिन मां-बाप ने हमें पाला पोसा इतना बड़ा किया हम लड़कियां उनका दिल तोड़ कर किसी अजनबी लड़के पर तुरंत भरोसा कर लेती है
आज देश भर में लड़कियां अपनी पसंद के लड़के फेसबुक इंस्टाग्राम में ढूंढती हैं और यहीं से शुरू होती है लड़कियों की बर्बादी
नेकराम सिक्योरिटी गार्ड मुखर्जी नगर दिल्ली से

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