दुनिया के सबसे कठिन काम – नेकराम : Moral Stories in Hindi

पत्नी ने खाना परोसते हुए कहा आखिर ऐसे कब तक चलेगा अपनी बेटी प्रियंका एक वर्ष की हो चुकी है और तुम्हें अभी तक कोई नौकरी नहीं मिली ,, मैं कितना खींचतान करके घर चला रही हूं मायके से भी अब मदद मिलनी बंद हो चुकी है आज के जमाने में परिवार चलाने के लिए … Read more

मिर्ची वाले भटूरे — – नेकराम : Moral Stories in Hindi

हमारे मोहल्ले में साप्ताहिक बाजार लगता है शाम को थैला लेकर बीवी के पीछे-पीछे चलना मेरी हमेशा से ही आदत रही है बीवी हमेशा आगे आगे चलती सब्जी का मोल भाव करती और खरीद लेती मेरे पास जो थैला रहता उसमें सब्जियां रख देती यही हमारा हर सप्ताह का नियम था उस दिन भी साप्ताहिक … Read more

सड़क की बंजारन – नेकराम : Moral Stories in Hindi

सीतामड़ी अपने मोहल्ले का एक धनवान व्यक्ति था घर में एक सुंदर सी पत्नी कौशल्या थी और एक सात बर्ष की काव्या नाम की पुत्री थी सीतामड़ी हमेशा ही गरीबों से दूरी बनाकर रखता था उसे गरीबों से बहुत नफरत थी उसके आंगन में चमचमाती एक सफेद रंग की कार हमेशा खड़ी रहती थी चांदनी … Read more

अनजान लड़की – नेकराम : Moral Stories in Hindi

अम्मा मैं शहर में पहुंच चुका हूं 2 दिन से नौकरी ढूंढ रहा था मगर नहीं मिली लेकिन मुझे एक ऑटो मालिक मिल गया उसने मुझ पर तरस खा कर मुझे ऑटो किराए पर चलाने के लिए दिया है ऑटो का भाड़ा भी बहुत कम है अब मैं बहुत पैसा कमा लूंगा और अपने गांव … Read more

समय की मार – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के अंबेडकर नगर में मालती नाम की सास रहती थी उसकी चार बहुएं थी बड़ी बहू का नाम गायत्री मंझली बहू का नाम सावित्री और तीसरी बहू का नाम गोमती और सबसे छोटी बहू का नाम राधिका था शहर में 25 गज की जमीन खरीद कर मालती के पति दिनेश मिश्रा ने 15 साल … Read more

सच सामने आ ही जाता है – नेकराम : Moral Stories in Hindi

रात के 10:00 बज चुके थे अस्पताल से छुट्टी होने के बाद मैं जल्दी-जल्दी तेज कदमों से बस स्टैंड की तरफ चल पड़ा सर्दी का मौसम था और ठंडी ठंडी तेज हवाएं भी चल रही थी वहां खड़े एक ऑटो ड्राइवर ने बताया भाई साहब आज यहां बस नहीं आएगी क्यों बेकार में खड़े हो … Read more

बाबूजी की हिम्मत को सलाम – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के जमनापार में हमारा एक छोटा सा घर था पढ़ाई पूरी होने के बाद पिताजी ने मुझे जहांगीरपुरी के एक कारखाने में लगा दिया था  पिताजी भी उसी कारखाने में काम किया करते थे उन्हीं दिनों पिताजी ने एक पुरानी स्कूटी खरीद ली थी उसी स्कूटी पर कारखाने जाते हुए मुझे बाबूजी के साथ … Read more

ऊपर की कमाई – नेकराम : Moral Stories in Hindi

सन 2018 मई का महीना था उसी अस्पताल में आज मेरा दूसरा दिन था कल की तरह समय पर आ पहुंचा था गेट पर राकेश जी मिल गए और मीठा मुंह करने की बात कही राकेश जी : ने मुस्कुराते हुए कहा कल तो खूब कमाई की होगी तुमने ,, ऊपर की मेरे सामने एक … Read more

ऊपर की कमाई – नेकराम : Moral Stories in Hindi

पत्नी काफी दिनों से मेरे पीछे पड़ी हुई थी तुम कारखाने की नौकरी छोड़ दो और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करो आजकल सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी में ऊपर की कमाई बहुत है हमारे पड़ोसी राकेश अंकल अस्पताल में काम करते है बहुत पैसा इकट्ठा कर लिया है उन्होंने मैं आपकी नौकरी की भी बात उनसे … Read more

दो जुड़वा बहने – नेकराम   : Moral Stories in Hindi

अम्मा ने हम दोनों भाइयों को पास बुलाकर कहा देखो अब तुम दोनों शादी लायक हो चुके हो मैं चाहती हूं अब तुम दोनों की शादी कर देनी चाहिए तुम दोनों तो जानते ही हो शहर में यह 100 गज का घर तुम्हारे पिताजी ने कड़ी मेहनत करके तीन मंजिला बनवाया था ताकि तुम्हारी बहुएं … Read more

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