अमरजीत के पांच रुपए- नेकराम: Moral Stories in Hindi

अमरजीत अपने परिवार के साथ शहर में रहता है पिता रिक्शा चलाते हैं किराए का एक छोटा सा कमरा है अमरजीत 12 वीं कक्षा पास कर चुका था ,,,, आगे की पढ़ाई के लिए वह पिता पर अधिक बोंझ नहीं डालना चाहता था इसलिए उसने शहर में नौकरी करने का मन बना लिया था — … Read more

नेकराम की मोटरसाइकिल- नेकराम : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के एक कारखाने में काम करते हुए मुझे तीन बर्ष हो चुके थे अम्मा को महीने की सैलरी देने के बाद जो ओवर टाइम लगाता था उन रूपयों को मैं कारखाने के मालिक जगत शर्मा के पास जमा के तौर पर उन्हें दे देता था एक दिन जगत शर्मा जी ने पूछ लिया नेकराम … Read more

मानवता जिंदा है-नेकराम Moral stories in hindi

साड़ी वाला,,,  साड़ी ले लो रंग ,,, रंग बिरंगी सुंदर सुंदर साड़ी ले लो,,,आ गया हूं आपके मोहल्ले में आप की गली में लेकर चलती फिरती साड़ियों की दुकान – विमला रसोई घर में खाना पका रही थी रंग बिरंगी साड़ी का नाम जब कानों में गूंज  ,,तो ,, रहा नहीं गया मन करने लगा … Read more

पापा की मूंछ-नेकराम Moral stories in hindi

बात बचपन की है जब मैं 10 वर्ष का था आज मैं 42 वर्ष का हो चुका हूं यह घटना आज से 32 वर्ष पुरानी है।        अम्मा ने चीखते हुए कहा,, नेकराम घड़ी में सुबह के 9:00 बज चुके हैं और कितना सोएगा दिन पर दिन तेरी आदत बिगड़ती जा रही है रात भर टीवी … Read more

मायका ही देखा ससुराल नहीं – नेकराम : Moral stories in hindi

जब मैं आठ वर्ष का था तो मैंने देखा मां कमरे के भीतर रो रही थी मैंने मां से पूछा ,,,अम्मा तुम रो क्यों रही हो ,,क्या बात है ,,मुझें बताओ,, तब मां ने कहा नेकराम अब तुझे क्या बताऊं तू तो अभी छोटा है ,, तब मैंने कहा अम्मा अब मैं बड़ा हो चुका … Read more

छोटू का घर – नेकराम : Moral stories in hindi

बात बचपन की है जब मैं कक्षा तीसरी में पढ़ता था हमारा स्कूल घर से 1 किलोमीटर की दूरी पर था उस दिन पिताजी ने दफ्तर से छुट्टी ले रखी थी पिताजी मुझे स्कूल छोड़ने चल दिए रास्ते में फिर मुझें सीमेंट के बने हुए बड़े-बड़े पाइप दिखाई दिए तो मैंने पापा से कहा ,,,पापा … Read more

ईश्वर जो करता है अच्छा करता है – नेकराम: Moral stories in hindi

रात के 8:00 बज चुके थे सोहनलाल कारखाने से छुट्टी करके घर चल पड़ा वह हमेशा पैदल ही घर जाता था ,,सड़क किनारे उसे हमेशा की तरह छोले भटूरे की दुकान दिखाई थी सोहनलाल ने अपनी पैंट की जेब टटोली तो दस का नोट पैंट में पड़ा मिला,, सोहनलाल छोले भटूरे की रेहड़ी के पास … Read more

बात संस्कारों की है – नेकराम : Moral stories in hindi

राजस्थान का एक छोटा सा गांव जसोल इस गांव का बेटा उत्कर्ष 3 महीने पहले दिल्ली आईएएस की तैयारी करने गया था शुरुआती दिनों में तो दिन में चार बार उत्कर्ष का फोन आ जाया करता था फिर अचानक एक महीने बाद ही उत्कर्ष का फोन आना बंद हो गया उसकी मां लच्छो इस बात … Read more

कहानी कलयुग की – नेकराम  : Moral stories in hindi

एक मां के दो बेटे थे मां ने दोनों बेटों की शादी कर दी मां को पता था मेरे दोनों बेटे कम पढ़े लिखे हैं इसलिए शहर में नौकरी मिल पाना कठिन है मां ने अपने सोने के आभूषण बेचकर एक किराने की दुकान खुलवा दी दोनों बेटों को नौकरी के लिए अब दर-दर भटकना … Read more

फ्रिज का पानी – नेकराम : Moral stories in hindi

गर्मी शुरू हो चुकी आज बर्फ का ठंडा पानी पियेंगे मां ने मुझे दो रूपए देते हुए कहा,,मैंने झट दो का नोट पकड़ते हुए मां से कहा  मुझे शर्म आती है दो रुपए की बर्फ लाने में दुकानदार हमेशा चिक चिक करता है कहता है पांच रुपए की बर्फ है फिर भी मुझे दे देता … Read more

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