गर्व- आरती झा आद्या  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : एक महानगर का रेड लाइट एरिया जहाँ सभ्य समाज के लोगों का रात के वीराने में आना जाना लगा रहता था। वहाँ की सबसे सुन्दर लड़की शब्बो रानी थी। यूँ तो उसका नाम शबनम था, पर सभ्य समाज ने शायद अपनी सहूलियत के लिए उसका नाम शब्बो रानी रख दिया … Read more

गर्व- संगीता श्रीवास्तव: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “नहीं मां! तुम आज काम पर नहीं जाओगी। पिछले कई दिनों से तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं और तुम्हें काम पर जाना पड़ रहा है। अभी तुम आराम करो जब ठीक हो जाओगी तब जाना। मैं चली जाती हूं न! जब तक तुम ठीक नहीं हो जाती मैं जाऊंगी बर्तन -चौका … Read more

रिश्ते नाते (भाग 2 ) – श्रीप्रकाश श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : नीतीश जब दिल्ली जाने लगा तब निर्मला ने उसे एकांत में बुलाकर दस हजार रूपये उसके हाथ में रख दिये। ‘‘इसे रख लो। परदेस में काम आयेगे।’तभी नीतीश की नजर निर्मला के गले पर पडी। ‘‘भाभी, आपके गले की सिकडी कहां चली गयी।’’ सुनकर वह क्षणांश भावुक हेा उठी। अपने … Read more

रिश्ते नाते (भाग 1 ) – श्रीप्रकाश श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : हरिवंश बाबू विधूर थे। भाईयों ने दूसरी शादी की राय दी मगर उन्हेानें तीन बच्चों का हवाला देकर इंकार कर दिया। उनके लिए तीन बच्चों की परवरिश ही जिंदगी का मकसद था। संयुक्त परिवार था इसलिए उनका लालन पालन करने में उन्हें परेशानी नहीं हुयी। बाद में जब भाईयों में … Read more

पहचान – स्नेह ज्योति : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ठिठुरती सर्दी में जहां रज़ाई से निकलने का मन नहीं करता । वहाँ माँ ही है जो सब सह कर बिना उफ़ किए सबके लिए जीती है । नील और तारा को स्कूल के लिए देरी ना हो जाए इस लिए जया रोज़ जल्दी उठ कर दोनों के लिए खाना … Read more

बहू की मां (भाग 2)- शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : प्रज्ञा ने भी चिढ़ाते हुए कहा”अच्छा ,तुम तो होशियार निकली,मैं तो सीधी-सादी समझ रही थी तुम्हें।”शादी के बाद से ही उनकी यही कोशिश रहती कि मैं और उनका बेटा रोज़ बाहर जाएं,घूमें,मंदिर जाएं,और बच्चों को‌ वे बड़े प्यार से संभाल लेतीं थीं। देखते-देखते बच्चे भी बड़े हो गए।नातिन दादा की … Read more

बहू की मां (भाग 1)- शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : तीस वर्षों से साथ रहते-रहते कब मेरी शक्ल भी उनके जैसी हो गई पता ही नहीं चला।ब्याह भी तो उन्हें ही पसंद कर किया था।मां को तो लड़के को देखकर उसमें अपने दामाद बनने लायक कोई गुण नहीं मिले थे।साफ -साफ कह दिया था उन्होंने मुझसे,कि शादी ना करूं मैं।मुझे … Read more

रंगे सियार – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : बारह वर्षीय पोती आरोही को ट्यूशन पढ़ाने के लिए शहर के सबसे बड़े इंस्टीट्यूट से एक अधेड़ उम्र के शालीन से शिक्षक सभी विषयों को पढ़ाने आते है…. रामदयाल जी बैंक में मैनेजर के पद से रिटायर्ड है और आजकल घर पर ही आराम करते है। बेटा बिजनेस के सिलसिले … Read more

मुझे हिन्दी बोलने पर गर्व महसूस होता है।- अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “अरे! वाह सलोनी भाभी आ गई, आइये भाभी आपका ही इंतजार हो रहा था, आप जल्दी से रसोई में जाइये और हम सबके लिए चाय बना दीजिए।” सलोनी अपनी ननद मीनू की सहेलियों को देखकर बड़ी खुश हो गई, और प्यार से बोली,” दीदी आप सबको मेरा प्रणाम! “सदा सुहागन … Read more

समय हर घाव भर देता है (भाग 2) – के कामेश्वरी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : माँ ने मुझे बताया तो नहीं था पर किसी से पता चला कि माँ ने वॉलेंटरी रिटायरमेंट लेकर जो भी पैसा आया था उससे सारे उधार चुकता कर लिया था और बचे हुए पैसे बैंक में रख लिया था । अपने घर के आस पास के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते … Read more

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