गर्व- संगीता श्रीवास्तव: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “नहीं मां! तुम आज काम पर नहीं जाओगी। पिछले कई दिनों से तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं और तुम्हें काम पर जाना पड़ रहा है। अभी तुम आराम करो जब ठीक हो जाओगी तब जाना। मैं चली जाती हूं न! जब तक तुम ठीक नहीं हो जाती मैं जाऊंगी बर्तन -चौका … Read more

आत्मग्लानि – संगीता श्रीवास्तव: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : – जैसे ही  गायत्री देवी ने कहा, वह गिड़गिड़ाने लगी।”नहीं मालकिन! मैं नहीं चुराए। देख लो, तलाशी ले लो मेरी। मैं बिल्कुल भी झूठ नहीं बोल रही। मैं अपनी बच्ची की कसम खा कर कहती हूं, मुझ पर विश्वास करो मालकिन!”कजरी ने रोते हुए कहा। “अब झूठ बोलने से कोई … Read more

आशीर्वाद – संगीता श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

चेतन के पापा सरकारी नौकरी में थे। हार्ट अटैक के कारण उनकी मौत हो गई थी। उस समय चेतन मात्र 10 साल का था। मां ने उसकी परवरिश में कोई कसर नहीं छोड़ी। भले ही और चीजों में कमी हो जाए लेकिन पढ़ाई में कभी उसे किसी चीज की कमी नहीं होने दी मां ने। … Read more

जलील: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “अब मैं नहीं रख सकता आप लोगों को। तंग आ गया हूं आप लोगों के खर्चों से। पैसे फलते हैं क्या यहां? नहीं है मेरे पास पैसे। आप लोग अपना कुछ सोचिए।”रवि ने झल्लाते हुए अपने बूढ़े मां-बाप से कहा। “हां जी, ठीक कह रहे हो।एक तो इन्हें दिन भर … Read more

किस्मत – संगीता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शारदा देवी फूले नहीं समा रही थी। इसलिए कि उनके बेटे की शादी बहुत ही धनाढ्य परिवार में हो रही थी। लड़की वाले हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी सामान दे रहे थे जो उनके सोच से परे था। सबसे बड़ी बात कि इकलौती संतान थी। सब कुछ … Read more

अभिलाषा – संगीता श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : वह किसी की परवाह नहीं करती। खूबसूरत, अल्हड़, हरफनमौला, मस्त मौला……. बेपरवाह……। लड़की होने का कोई गुण नहीं था उसमें। मां ने अभिलाषा नाम रखा था उसका! इस नाम से भी घर के लोगों को चिढ़ थी। दो लड़कियों के बाद उसका जन्म हुआ था। घर के सारे लोग नाक-भौंह … Read more

समर्पण- संगीता श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: शादी की उम्र हो गई थी रीतिमा की। उसके मां -पापा शादी के लिए लड़का देख रहे थे लेकिन मन मुताबिक लड़का मिल नहीं रहा था। अखबार के विवाह विज्ञापन में भी लड़के देखा करते थे रीतिमा के पापा। अखबार में विवाह विज्ञापन में एक लड़का पसंद आया। उन्होंने अपनी पत्नी … Read more

घर -आंगन – संगीता श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :  मन ही मन बहुत चाहता था निखिल उसे लेकिन मन की बातें मन में ही दबा रखा था। साहस नहीं जुटा पाता था कि उससे कह सके,”मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।”डरता था कि यदि कहूं और मिनी फट पड़ी तो……..? ना बाबा ना, मैं नहीं कहूंगा। मिनी बस उसे … Read more

ससुराल – संगीता श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मायके से ससुराल की दहलीज पर कदम रखते ही एक अलग -सी अनुभूति हुई। एकदम से सब कुछ बदला …..सब कुछ नया…..हर कुछ नया… नई जगह, नए रिश्ते, नए परिधान, नई सोच, नया परिवेश और रहन-सहन सब कुछ नया-सा….! कितनी मुश्किल घड़ी थी मेरे लिए, इन सारे नयापन के साथ … Read more

शायद कभी नहीं – संगीता श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  “अरे, क्या कर रहे हो तुमलोग? शीशे हैं, चुभ जाएंगे पैरों में।” मैंने उन्हें टोका था। उन्हीं में से एक लड़के ने कहा था- “दीदी, हमने इन्हीं शीशों पर तो चलना सीखा है, इन्हीं कूड़ों पर तो होश संभाला है।” “पर इसके पहले तो मैंने तुम्हें यहां नहीं देखा।” “हां … Read more

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