छोटा मुंह बड़ी बात – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

आज दरवाजे पर दस्तक हुई तो रंजना ने पूछा कौन तो बाहर से आवाज आई कोरियर,। रंजना ने जब कोरियर का लिफाफा खोला तो भतीजे की शादी का कार्ड था । रंजना बहुत खुश हुई और भाभी को फोन लगाया ।और भाभी कैसी हो ठीक है रंजना और भाभी सुमित की शादी का कार्ड मिला , अच्छा रंजना कब आ रही हो और रंजना पिछली शादी में जो कुछ हुआ था

उसको मन से न लगाना और बच्चों और ननदोई जी को लेकर पहले से आ जाना हां भाभी । अच्छा भाभी और बताओ और सब लोग कब आ रहे हैं मतलब और बहनें अंजना , संजना , कंगना तीनों लोग । भाभी बोली और तुम्हें क्या बताएं  रंजना कंगना कह रही थी भाभी पहले आप और भइया हमारे पति यों से माफी मांगों तब हम आयेंगे ,

अब बताओ रंजना बाप बराबर भाई से कहा रही है कि माफी मांगे क्या ये सही है छोटी मुंह बड़ी बात बोल रही है । बताओ इतना भी लिहाज नहीं किया कि इतने बड़े भाई है उनसे हम माफी मांगने को कह रहे हैं । हमने सब भुला कर फोन किया तो ऐसे बोल रही है । रंजना बोली अच्छा भाभी आप परेशान न हों मैं बात करती हूं इन लोगों से।

                 रंजना पांच बहनें थीं तीन रंजना से छोटी थी और एक बड़ी थी रेनू का जिनकी कैंसर से मृत्यु हो चुकी थी छै साल पहले। दरअसल पांच साल पहले रंजना के बड़े भाई शिवराम जी के बड़े बेटे की शादी थी तो रंजना से छोटी बहनों के पति देव ने बारात के समय शराब मंगवाने को बोला तो भाई ने मना कर दिया कि यहां शराब नहीं चलेगी समाज में मेरी इज्जत है
ये सब नहीं होगा ।तो बहनों के पति देव नाराज हो गए ।और शादी में सोने का कोई सामान मांगने लगे तो भाई भाभी ने कहा इतना तो हम नहीं कर पायेंगे ।
बहनों को अंगूठी दे रहे हैं और आप लोगो को सूट का कपड़ा और  आप लोगो को पांच पांच चांदी के सिक्के देंगे ।तो बहनों के पति देव बोले नहीं हमें भी सोने की अंगुठी दो तो भाभी बोले नहीं हम इतना नहीं कर पायेंगे एक हो तो कर दें लेकिन पांच पांच को नहीं हो पायेगा तो बहनों के पति देव नाराज हो गए ।
सबसे ज्यादा तो शराब की बात से नाराज़ हो गए कि बिना उसके पार्टी कैसे होगी । चूंकि रंजना के पति शराब पीते नहीं थे तो उन्होंने इसका समर्थन नहीं किया और बोले जब यहां पर ये सब नहीं चलता तो रहने दो क्यों जबरदस्ती कर रहे हो । लेकिन वो लोग नाराज़ हो गए कि हमारी यहां कोई इज्जत ही नहीं है तो रूकने का क्या मतलब और शादी के दूसरे दिन ही उपहार वगैरह छोड़ कर वापस चलें गए । इसी बात पर माफी मांगने को कह रही थी बहनें ।
                     बहनें भी ऐसी ही है अपने मायके का रूतबा दिखाती है ससुराल में कि देखो मायके में हमें शादी में ऐ सब सामान मिला। बहनों को भी सोचना चाहिए कि जो खुशी खुशी भाई भाभी दे दे वो अच्छा है ।अब एक ननदोई हो तो दे भी दे पांच पांच को देना है नहीं है
किसी की इतनी गुंजाइश। पता नहीं कैसी बहनें भी हो जाती है ।जिनको मायके का ख्याल नहीं रहता।पूरी तरह पति के ही कहे में हो जाती है । यदि पति कुछ ग़लत करते हैं मायके के लिए या भाई भाभी के बारे में तो बहनें लड़ जाती है लेकिन रंजना की बहनें तो ग़ज़ब।
               ससुराल का मान सम्मान बनाए रखना हर बेटी का फर्ज है तो मायके का सम्मान भी बनाए रखना पड़ता है । जिंदगी भर हम मायके से लेने के बारे में ही क्यों सोचें। क्या सिर्फ मिलने जुलने के लिए भाई भाभी के पास नहीं जाया जा सकता।
           रंजना ने बहनों से बात की और समझाया देखो मां बाप के न रहने पर भाभी से ही मायका होता है ।इस तरह अकड़ दिखाती रहोगी या नाराज रहोगी तो एक दिन भाई भाभी भी पूछना छोड़ देंगे ।
अंजना, संजना और कंगना बोलीं क्या करूं रंजना दी हम लोगों के पति जीजा जी जैसे समझदार नहीं है न ,तो समझाओ उन्हें । भतीजे की शादी है बुलाया है तो जाना तो बनता है न ।ये माफी वाफी मांगने की जिद छोड़ दो , नहीं तो तरस जाओगी मायके जाने को।मां बाप नहीं है जो दामाद को मनाने जाएंगे ।
भाभी है इज्जत से बुला रहे हैं तो अपने अपने पतियों को समझा बुझाकर ले जाओ । नहीं तो तुम्हारे बच्चो की शादी होगी भाई भाभी नहीं आए तो तुम्हें कैसा लगेगा। ज़रा सोचों।
                    हां दीदी तुम ठीक कह रही हो । रंजना के समझाने से आज सभीबहने शादी में आई ।सब ने मिलकर खूब मौज-मस्ती की । संजना कंगना और अंजना ने रंजना को गले से लगा लिया । रंजना दी हमलोग तो अपने पतियों के कहने पर नाराज़ थे ।हम लोगों ने तो अपने पतियों से बोला आप नहीं जाना चाहते तो न जाए हम तो जाएंगे फिर क्या था सब तैयार हो गए चलने को । अच्छी सलाह दी आपने । हमलोग आज कितनी मस्ती कर रहे हैं । बहुत बहुत धन्यवाद आपका रंजना दी ।
मंजू ओमर
झांसी उत्तर प्रदेश

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