आत्महत्या-नेकराम Moral Stories in Hindi

जो अपनी पत्नी की हिफाजत नहीं कर सकता अपने परिवार को नहीं संभाल सकता अपने बूढ़े मां-बाप की देखभाल नहीं कर सकता अपने बच्चों की परवरिश नहीं कर सकता उसे जीवित रहने का कोई हक नहीं है मैं आज यहां इतनी ऊंचाई वाले पहाड़ पर आया हूं आत्महत्या करने के लिए…..
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मुझें मर जाना चाहिए मैं बेकार हूं अमन यह सब सोचते सोचते जैसे ही छलांग लगाने लगा किसी ने पीछे से उसका हाथ पकड़ लिया
और कहा ठहरो…. तुम यह क्या करने जा रहे हो आत्महत्या करके तुम क्या साबित करना चाहते हो समस्या का हल ढूंढो समस्या से भागो मत यह मधुर आवाज एक लड़की की थी जो पहाड़ों पर बकरियां चराने के लिए आई थी पास के गांव में रहती है नाम है छबीली…
अमन हाथ छुड़ाते हुए बोला छोड़ दो मुझे मैं मरना चाहता हूं मेरी समस्या कोई नहीं सुलझा सकता….
छबीली ने कहा तुम मुझे 2 घंटे का समय दो मेरे साथ केवल 2 घंटे बिताओ तुम्हारी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी प्लीज मेरी बात मानकर देखिए अमन एक पल के लिए रुक गया और उसने उस लड़की से कहा मैं तुम्हारी बात मान लूंगा केवल 2 घंटे के लिए उसके बाद अगर मेरी समस्या नहीं सुलझी तो मैं वापस यहां मरने के लिए आ जाऊंगा तब तुम मुझे रोकोगी नहीं…..
छबीली ने मुस्कुराते हुए कहा ठीक है अमन ने शर्त मंजूर कर ली और छबीली के साथ एक पेड़ के नीचे आकर बैठ गया…
छबीली ने बताया किसी भी दुकान, फैक्ट्री ,अस्पताल ,कोचिंग ,ऑफिस , बैंक में कोई ना कोई ऐसा शख्स होता है जो पूरी ईमानदारी से अपना काम करता है… कोई क्या कर रहा है …उसे किसी से मतलब नहीं वह सिर्फ अपने काम में ही डूबा रहता है उसकी ईमानदारी से काम करने की वजह से उसके इर्द-गिर्द काम करने वाले हमेशा इसी बात से डरते हैं कही यह मालिक सुपरवाइजर या अपने सीनियर के सामने एक अच्छा व्यक्ति साबित ना हो जाए
इसलिए वह इर्द-गिर्द घूमने वाले लोग कुछ ना कुछ ऐसा नुकसान करते रहते हैं जिसका आरोप उस भले व्यक्ति पर लगता रहता है लेकिन वह भला व्यक्ति सब जानता है मेरे काम करने के तरीके कुछ अलग है जैसे समय पर आना ,, बिना वजह छुट्टी ना करना.. ड्यूटी पर अपने काम पर फोकस करना यही सब बातें लोगों को हजम नहीं होती ….
लेकिन एक भला व्यक्ति फिर भी उन सबसे अच्छे संबंध बनाए रखता है
कहते हैं जिसका दिल सच्चा हो और साफ होता है उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाता …..
कुछ लोग नौकरी को नौकरी समझते हैं
कुछ लोग नौकरी को अपना काम समझ कर मेहनत लगन और जिम्मेदारी से काम करके कुछ ऐसा हासिल कर लेते हैं उन्हें कुछ ऐसी चीजों की परख हो जाती है आने वाले समय में वह ऊंचे पद अथवा भविष्य में खुद का बिजनेस खड़ा करने में सफल देखे गए हैं ….
जो नौकरी को महज एक नौकरी ही समझते हैं अपनी नौकरी की इज्जत नहीं करते अपने काम की इज्जत नहीं करते वह रुके हुए पानी के समान होते हैं रुका पानी अंत में सड़ जाता है बहता पानी हमेशा ताजा और पवित्र बना रहता है…
आज जितने भी लोग अपने-अपने फील्ड में ऊंचे पदों पर आसीन है पहले उन्होंने पहली सीढ़ी पर बहुत संघर्ष किया होता है अतः लंबे समय के बाद ऊंचे पदों पर नजर आते हैं..
यह सारा खेल विचारों का है ,,,
जब हम नौकरी में स्वयं को नौकर मानकर कार्य करते हैं तब हम नौकर ही बने रह जाते हैं जब हम नौकरी में अपनी जिम्मेदारियां निभाते हैं ईमानदारी दिखाते हैं काम को और बेहतर बनाने के लिए धैर्य और सूझबूझ का परिचय देते हैं तब हमारे भीतर कुछ ऐसे गुण स्थापित हो जाते हैं की चारों तरफ से लोग वाह वाह करने पर मजबूर हो जाते हैं मान सम्मान की बढ़ोतरी होने लगती है ….
किसी भी कंपनी में लोग आपको नहीं आपके कार्य को पसंद करते हैं जिन्होंने नौकरी करके मालिकों के गुणों को अपनाया है आज वह लाखों करोड़ों के मालिक बन चुके हैं सरकारी महकमों में आज ऊंचे पदों पर है सफल होने के लिए बस एक ही मूल मंत्र है हम किस तरह के विचारों को अपनाते हैं …
लेखक – नेकराम सिक्योरिटी गार्ड की कलम से ✍️
छोटे विचार रखने वाला व्यक्ति कभी सफल नहीं होता
बुद्धिमान व्यक्ति दुनिया में वह सब कुछ पा लेता है जिस चीज की उसे आवश्यकता होती है जैसे धन संपत्ति परिवार पत्नी पति बच्चे रिश्ते यार दोस्त सब कुछ आदी …
मूर्ख व्यक्ति अपने ही दुखों से दुखी रहता है समस्याओं को सुलझाने के गुण उसके पास नहीं होते वह कभी संतों के पीछे भागता है कभी ज्योतिषों के पीछे कभी यूट्यूब इंस्टाग्राम फेसबुक में अपने दुःख मिटाने के लिए कई बुद्धिजीवी लोगों से संपर्क भी करता है फिर भी मूर्ख व्यक्ति की समस्या का निदान नहीं हो पाता…
मनुष्य के भीतर अरबों खरबों विचारों का बुक स्टॉल होता है देखना यह होता है कि मनुष्य कौन से विचार लेकर आगे बढ़ रहा है हमारे भीतर अच्छे बुरे सभी तरह के विचार होते हैं ,,
जब हमारे मन में लालच का विचार आता है तो हम लोगों से पैसा मांग तो लेते हैं फिर लौटाने की नियत नहीं रखते लालच के कई सूत्र है जैसे लोगों की संपत्ति हड़पना दूसरों का हक छीन लेना वह दूसरों का हिस्सा खा ,जाना विवाह के उपरान्त दहेज की मांग करना …
जब हमारे भीतर दिखावे का विचार आता है तो हम दिखावे में लग जाते हैं अपनी सब कुछ जमा पूंजी लुटाने लगते हैं ,,,
बुद्धिमान व्यक्ति कभी आत्महत्या नहीं करते उनके विचार इतने ऊंचे प्रबल व अहिंसा वाले होते हैं कि उनके संपर्क में आने वाले लोग भी जीना सीख जाते हैं….
तुमने अपने मन में आत्महत्या का विचार किया और तुम्हारी बॉडी तुम्हारे विचार का साथ देने लगी अगर मैं तुम्हें ना रोकती तो तुम अब तक आत्महत्या कर चुके होते..।
तब अमन ने कहा मैं समझ गया हूं बहन सारा खेल विचारों का है जब हम सोचते हैं हमें एक अच्छा व्यक्ति बनना है तो हम एक अच्छे व्यक्ति बनते चले जाते हैं जब हम सोचते हैं हमें जीना है तो हमारे जीने के हजारों मार्ग खुल जाते हैं ..
मैंने छोटी-छोटी समस्याओं को अपने मस्तिष्क में इकट्ठा कर लिया था और यही कारण मेरा सर दर्द बन चुका था लेकिन अब तुमसे मिलकर मैंने आत्महत्या का विचार डिलीट कर दिया है और जीने का विचार , सफल होने का विचार , एक अच्छा व्यक्ति बनने का विचार अपने मस्तिष्क के सिंहासन पर बिठा दिया है …
लेखक – नेकराम सिक्योरिटी गार्ड की कलम से ✍️
अमन खुशी खुशी वापस अपने घर लौट गया,,
10 वर्ष बाद,,
अमन कार से उन्हीं पहाड़ियों पर पहुंच गया इधर-उधर नजर दौड़ाई तो उसे वही गांव की लड़की छबीली मिल गई अमन ने छबीली को पहचान लिया और पैर छू लिए ,,,
छबीली उसी पेड़ के नीचे बैठ गई और अमन ने बताया इन 10 सालों में मैंने नौकरी में पूरी ईमानदारी से काम किया जिम्मेदारी से काम किया वफादारी से काम किया आज मैं अपनी कंपनी के सबसे ऊंचे पद पर हूं
यूट्यूब में फेसबुक में इंस्टाग्राम में अपने खुद के चैनल बना लिए हैं लोगों को ज्ञान की बातें बताकर निराश लोगों के चेहरों पर मुस्कुराहट लाता हूं मान सम्मान और पैसा भी खूब मिल रहा है,, आज मेरी जिंदगी खुशहाल है
10 साल पहले जब मैं तुमसे मिला था तब मेरी जेब में एक रूपया भी नहीं था नौकरी में तरक्की नहीं हो रही थी
लेकिन जब नौकरी को नौकरी नहीं अपना काम समझकर किया तब मैं ऊंचे पद तक पहुंच गया ,
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अच्छे विचार ऊंची सोच ,, समाज और देश की भलाई हो ऐसे गुणों को साथ लेकर मैं यूट्यूब और फेसबुक की दुनिया में पहुंचा आज दुनिया मुझे जानती है पहचानती है लिखने पढ़ने बोलने के साथ-साथ विचारों को मैंने अपने कर्म में शामिल कर लिया है दीन दुखियों की सेवा करना बूढ़े माता-पिता ,, अपने हो या पराए सबका सम्मान करना ,,भटके लोगों को रास्ता दिखाना , अब इसी में ही मेरा जीवन कट रहा है,,
,, अमन अब बिल्कुल बदल चुका था ,,
क्योंकि उसने आत्महत्या वाला विचार अपने बुक स्टॉल से डिलीट कर दिया था ।।
नेकराम सिक्योरिटी गार्ड
मुखर्जी नगर दिल्ली से
स्वरचित रचना

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