मेरी पसंद की लड़की-नेकराम Moral Stories in Hindi

नेकराम कितना समय लगेगा तुझे तैयार होने में तुझे पता है हम लड़की वालों के घर जा रहे हैं तेरी शादी की बात करने के लिए बिचौलिए ने बताया था वह पांच बहने हैं हम लोग बस में बैठकर लड़की वालों के घर चल पड़े 15 मिनट बाद बस से हम उतर गए कुछ दूर पैदल चलने के बाद एक शानदार मकान के सामने रुके सीढ़ी के रास्ते हम फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचे हमारी खातिरदारी के लिए सब पहले से ही तैयारीयां हो चुकी थी —
हमारी माता जी ने कहा सब बहनों को फटाफट बुलवाइए मां के कहने पर सब बहने आ धमकी क्रीम पाउडर पूरा मेकअप किए हुए जींस की पैंट शर्ट किसी ने रेशमी सूट गले में दुपट्टा डाला हुआ था मुझे कोई जची नहीं तब मैंने गिनती की यह तो चार है मुझें तो पांच बहने बताई थी —
तब मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी पतली दुबली ..सांवली ..आंखों में चश्मा वजन तो इतना कम की फूंक मारो तो उड़ जाए पिता के कहने पर भी वह मेरे सामने ना आई खिड़की से झांक रही थी मैंने तुरंत उसकी आंखों को पढ़ लिया था उसे कई लड़कों ने शादी के लिए रिजेक्ट कर दिया होगा मैंने मां के कानों में कहा जो लड़की खिड़की के पीछे खड़ी है मुझे वही लड़की पसंद है सब बहने उनके भाई ..पिता और उनकी मां मेरा मुंह तांकने लगे … मगर कुछ कह ना सके —
उसे खींच कर लाया गया वह फिर भाग गई और खिड़की के पीछे दुबक गई उसके पिता ने मुस्कुराते हुए आवाज लगाई तब जाकर बड़ी मुश्किल से वह हमारे सामने आई डरी सहमी कंपकपाती हुई हमारे सामने चुपचाप खड़ी हो गई उसे बैठने के लिए कहा गया पर वह ना बैठी हमारी मां ने उसका नाम पूछा तो वह खामोश रही मां ने फिर नाम पूछा तब भी वह खामोश रही मां ने कहा लगता है आपकी यह बेटी गूंगी है तब वह फौरन बोल पड़ी —
लड़की वालों ने कहा हमें तो उम्मीद ही नहीं थी आपका बेटा इसे पसंद करेगा आप लोगों ने लड़की देख ली है तो रिश्ता .. पक्का शादी की तारीख निकलवा लेते हैं
शादी के बाद मैंने मां से साफ-साफ कह दिया था इससे घर का कोई काम मत करवाना यह मायके में झाड़ू पोंछा से लेकर बर्तन धोना सारे काम यही तो करती थी तभी तो इतनी कमजोर है
बाकी बहने कामचोर थी अगर इसे पसंद ना करता तो अभी मायके के बर्तन ही धोती रहती इतने बड़े मकान का झाड़ू पोंछा लगाना कोई मामूली बात नहीं है —
तब मां ने कहा तू चिंता ना कर इसे 2 महीने में खिला-पिला कर तगड़ी कर दूंगी मां को भी पता था इसे आराम की जरूरत है एक साल बाद ही उसका शरीर भरने लगा पूरा आराम.. पूरी नींद मिलने से …चेहरा और भी ज्यादा खिल उठा था उनकी बहनों की शादी जहां-जहां हुई मां बाप के घर में बहुत राजपाट चले पतियों के घर पहुंचते ही जब जिम्मेदारियां सर पर पड़ी तो नानी याद आ गई खैर मुझे तो अपनी पत्नी से मतलब था —
एक दिन पत्नी ने कहा सब बहनों की शादी हो चुकी है मां और पिताजी अब अकेले रह गए हैं उनकी देखभाल की बड़ी चिंता होती है मैं पत्नी का इरादा समझ चुका था
मैंने मां से कह दिया मां मैं जा रहा हूं घर जमाई बनने के लिए
आज मुझे ससुराल में 8 वर्ष हो चुके हैं पत्नी अपने माता-पिता की पूरी देखभाल करती है
शादी के बाद अक्सर बेटियां अपनी मां से बिछड़ जाती है
बेटियां अपनी मां से मिलने के लिए तरसती है
जिन पिता की बाहों में खेली उनसे दूर हो जाती है
ऐसी मैंने कई फ़िल्में और धारावाहिक भी देखे हैं
शादी के बाद जब स्त्री अपना परिवार छोड़ सकती है तो पुरुष क्यों नहीं ?
नेकराम सिक्योरिटी गार्ड
मुखर्जी नगर दिल्ली से स्वरचित रचना

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