एक डाली के फूल(भाग 2) – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :    समय के साथ-साथ तीनों बच्चे भी बड़े हो रहें थें।सूर्यप्रकाश दसवीं और सुशीला सातवीं में पढ़ रही थी।चन्द्र भी उसी स्कूल में पढ़ने जाना शुरु किया था।एक दिन किसी ने सूर्यप्रकाश को कह दिया, ” यार सूर्य…तेरा भाई तो बिल्कुल तेरे जैसा है।” इतना सुनना था कि वह उस लड़के … Read more

एक डाली के फूल(भाग 1) – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   ” सूर्यप्रकाश जी, आपका कोई वकील…?” ” वकील…नहीं जज साहब….मेरा केस लेने को कोई वकील तैयार नहीं हो रहा है…, अपनी बेटी की फ़रियाद लेकर….।” हताश-लाचार सूर्यप्रकाश जी जज साहब को कहते हुए रो पड़े, तभी उनके कंधे पर काला चोगा पहने एक सज्जन ने हाथ रखते हुए कहा,” धीरज … Read more

जोरू का गुलाम (भाग -2)- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बिचारी आनंदी दुखी हो जाती है सुन सुन कर उसे ऐसा लगता है जैसे जोरू का गुलाम एक इल्जाम है जो उसके कारण मेरे ऊपर लगाया जाता रहता है। अरे भाभीजी पलाश भइया पर क्या जादू किया है आपने हमें भी सीखा दीजिए पलाश के मित्रों की पत्नियां अक्सर उसे छेड़ती थीं। घर पर कोई … Read more

जोरू का गुलाम (भाग -1)- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रहने दे बेटा मां को छोड़ तू तो जा अपनी बीबी की ही तीमारदारी कर …..राजमोहन जी ने बहुत धीमे से दांत दबाकर कहा था लेकिन फिर भी अंत का शब्द जोरू का गुलाम पलाश के कानों में पड़ ही गया था। पत्नी आनंदी के साथ पलाश का हंसी ठिठोली … Read more

जिया लागे ना – के कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : यह बात बिल्कुल ही सही है कि हम सफर के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बाँट सकता है । हम सफरचाहे पति हो या पत्नी दोनों को ही एक दूसरे का साथ ज़रूरी होता है । किसी एक के भी न होने परउसके दर्द की कोई सीमा नहीं … Read more

ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना – कामिनी केजरीवल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जीवन साथी दो अलग अलग शब्दो का एक अभिन्न अखंडित शब्द है जीवनसाथी।यह वह शब्द है जो जिंदगी के ऊंचे नीचे , कच्चे –पक्के पथरीले या सहज रास्तो पर एक दूसरे का हाथ पकड़ कर मंजिल तक पहुंचने की कोशिश करता है ।      ऐसे साथी से हमेशा के लिए दूर … Read more

जोरू का गुलाम- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रहने दे बेटा मां को छोड़ तू तो जा अपनी बीबी की ही तीमारदारी कर …..राजमोहन जी ने बहुत धीमे से दांत दबाकर कहा था लेकिन फिर भी अंत का शब्द जोरू का गुलाम पलाश के कानों में पड़ ही गया था। पत्नी आनंदी के साथ पलाश का हंसी ठिठोली … Read more

मेरे घर आना ज़िंदगी – डा. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज करवाचौथ है,साथ ही साथ गरिमा और अंशुल की शादी की दसवीं सालगिरह है। अंशुल से मिलने के बाद ही उसने जाना था कि कुछ रिश्तें खून के रिश्तों से भी बढ़कर होते हैं। वो चांद के निकलने का इंतज़ार कर रही थी। आज पहली बार था जो अंशुल करवाचौथ … Read more

दिया और बाती हम…. – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज आठ बजने को आए और निलेश अभी तक ऑफ़िस से नहीं आए… फ़ोन भी नहीं उठा रहे… शायद ड्राइव कर रहे है… नीता ने मन में सोचा… पर फिर भी थोड़ी आशंका से दिल घबरा भी रहा था…वह बार-बार ईश्वर से निलेश की रक्षा की प्रार्थना कर रही थी … Read more

खून का रिश्ता – अनिला द्विवेदी तिवारी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : श्यामिली जी एक सरकारी स्कूल में अध्यापिका थीं, जो अब सेवा निवृत्त हो चुकीं थी। उनकी एक बेटी रागिनी और एक बेटा मयंक थे। जो दूसरे शहरों में सेटेल्ड् थे। उनके पति पुरषोत्तम जी का कुछ वर्ष पूर्व ही देहांत हो चुका था, जो एक बैंक अधिकारी थे। बेटा और … Read more

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