जीवनसाथी साथ निभाना – ऋतु गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

आज हमारी मां पूरे 2 महीने बाद व्हीलचेयर पर बैठकर एंबुलेंस से उतारा तो हम सभी के चेहरे पर थोड़ी मुस्कान थी। हमारा छोटा भाई और पापा सहारा देकर मां को घर के अंदर ला रहे थे तो हम दोनों बहने और हमारी प्यारी भाभी और सभी बच्चों ने चाहें  हमारे बच्चे हो या भाई … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने – रीतू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शिवी अपनी २० दिन की बेटी के साथ अपने कमरे में सो रही थी। साथ ही उनकी देखभाल के लिए उसकी जेठानी गौरी लेटी हुई थी। घोर गर्मी थी, सब ऐ . सी . चला कर आराम से सो रहे थे, क्यूंकि शिवि और बेबी अभी ऐ सी में नहीं सो सकते थे तो वो … Read more

अटूट बंधन- ऋतु गुप्ता । Moral stories in hindi

बेटा जो बुलाए मां को  चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है, स्पीकर पर काफी तेज माता के भजन चल रहे थे ,सोसायटी के सभी लोग मां की पालकी लिए हर्षोल्लाह से गाने भजन गाते हुए जा रहे थे। तभी समिति के सचिव पुनीत जी ने बिट्टू जी को आवाज़ लगाई । बिट्टू जी … Read more

छोटी छोटी बातों पर – ऋतु गुप्ता   : Moral stories in hindi

मैं जल्दी-जल्दी बाजार का काम खत्म करके बस वापिस लौट ही  रही थी कि अचानक सामने वाली दुकान पर जाना पहचाना चेहरा नजर आया । ध्यान से देखा तो स्मृति थी।आज उसके चेहरे पर एक अलग ही निखार था। धानी रंग के सूट पर महरुम कलर का दुपट्टा उसके निखार पर और चार चांद लगा … Read more

अपना हाथ जगन्नाथ – ऋतु गुप्ता : Moral stories in hindi

ये मेरी कहानी उन सभी महिलाओं को समर्पित है जिन्होंने उस कठिन समय में अपने परिवार को और ना ही केवल संभाला, बल्कि पाला भी और नए रोजगार के अवसर भी दिए। जिनकी हिम्मत और बुद्धिमता से उनका परिवार उस कठिन समय को काट सका। चलो जी उठो खाना खा लो ,सुबह से कुछ नही … Read more

तमाचा : Moral stories in hindi

तमाचा मैंने तुमसे कितनी बार कहा है पल्लवी उन गंदे बच्चों के साथ मत खेला करो और तुम हो कि मानती नहीं। माला ने अपनी बेटी पल्लवी को डांटते हुए कहा। इस पर पल्लवी ने कहा मां आपने रागिनी को देखा नहीं है, वो बिल्कुल मेरे जैसी है, हंसती भी मेरी तरह है, मुझे प्यार … Read more

न‌ई शुरुआत – ऋतु गुप्ता: Moral stories in hindi

सब की लाड़ली दुलारी स्नेहा आज शहर से पढ़ कर वापस लौट रही थी। चार चार भाईयों के बच्चों में  अकेली बेटी थी स्नेहा। सात सात भाइयों की लाडली, घर में हर एक किसी की जान थी स्नेहा। स्नेहा  से दो भाई बड़े और पांच भाई छोटे थे ,पर हर कोई उसे पर जान छिड़कता … Read more

कान्हा की डेरी – ऋतु गुप्ता   : Moral stories in hindi

गाय भैंसों के बीच पला बड़ा हुआ कज्जू कब यूं दो-दो सी.ए. बेटों का पिता बन गया समय की रफ्तार में उसे खुद ही पता नहीं चला। आज दो बेटे दो बहुएं और पोते पोतियों से भरा पूरा परिवार है उसका। कभी समय था कि जिस समय बचपन में बालक को सबसे ज्यादा परिवार की … Read more

पहला उपहार – ऋतु गुप्ता  : Moral stories in hindi

कहां तक बखान करूं ए जिंदगी, तूने सौगात है बहुत सी दीं हैं। दिए हैं उतार-चढ़ाव बहुत से जिंदगी में तूने, पर क्यूं मैं याद करूं उन सभी को, जब तूने यादें मीठी भी बहुत दी हैं। बस एक ऐसा उपहार में नहीं भूलना चाहती जिंदगी भर जब ईश्वर  ने पहली बार गोद भरी थी, … Read more

इच्छा – ऋतु गुप्ता : Moral stories in hindi

क्यूंँ रे गोलू तू आज फिर स्कूल गया था ,तुझे कितनी बार समझाया है कि ये  स्कूल  और किताबे बिताबे हमारे लाने नहीं है ।हमें भगवान ने जिस काम के लिए भेजा है वही सीख जा बस इतना ही काफी है, वही काम आएगा तेरे ,हम दलित हैं और यह हरिजन नाम भी हमें उदारता … Read more

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