मार्डन से तो अनपढ़ भले – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज जब सुनीता देर से काम पर आई तो मैंने उससे पूछा सुनीता आज तू फिर से देर से आई है कल तो तूने कहा था अब टाइम से आया करूंगी, पर तेरा तो रोज-रोज का हो गया है यह रोज-रोज का देर से आने का झंझट अब खत्म कर दे सुनीता । मुझे सुबह-सुबह … Read more

दूरदर्शन वाला प्यार – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

कन्नू ओ कन्नु कहां जा रहा है मायके आई सुषमा ने अपने बेटे कनिष्क को आवाज लगाते हुए पूछा तो कन्नु बोल क्या मां यहां नानी के घर भी आपकी पहरेदारी चलती रहेगी क्या ? गर्मियों की छुट्टियां हैं और यहां लाइट भी कितनी कम आती है कैसे मन लगेगा? मैं बस पड़ोस वाली तन्वी … Read more

अभागन की बेटी – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

बहुत-बहुत बधाई हो रोली दीदी, बेटी ने आखिर साबित कर ही दिया कि आप कोई अभागन नहीं और वो कोई अभागन की बेटी नहीं। अरे अभागे तो वे लोग होते हैं जो समाज के डर से अपने हौसलों की उड़ान को रोक देते हैं, और समाज द्वारा बनाई गई झूठी मर्यादाओं के आगे अपने घुटने … Read more

उतरन – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शगुन ने धीरे से शौर्य का हाथ अपने बाजू पर से हटाया और तकिये के नीचे फंसे अपने लंबे बालों को आहिस्ता आहिस्ता से निकाला, और बेड के पास लगे आदमकद आईने में अपना अक्स निहारने लगी। यूं तो वह काफी सुंदर थी ही ,पर आज वह खुद को बेहद खूबसूरत महसूस कर रही थी। … Read more

अपना हिस्सा – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शरद ने अपनी पत्नी शुभी से कहा यह  तुम क्या कह रही हो कि मैं गांव जाकर बाबूजी से मकान व दुकान में अपने हिस्से की बात करूं,क्योंकि कानूनन मेरा भी हक बनता है कि मैं भी अपने भाई के साथ बराबर का हिस्सेदार  हूं,उस घर व दुकान में…   तुम इतनी खुदगर्ज कैसे हो सकती … Read more

हिस्सा – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शरद ने अपनी पत्नी शुभी से कहा यह  तुम क्या कह रही हो कि मैं गांव जाकर बाबूजी से मकान व दुकान में अपने हिस्से की बात करूं,क्योंकि कानूनन मेरा भी हक बनता है कि मैं भी अपने भाई के साथ बराबर का हिस्सेदार  हूं,उस घर व दुकान में…   तुम इतनी खुदगर्ज कैसे हो सकती … Read more

पंख – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जब आज संजना को अपनी तीनों बेटियों में सबसे छोटी बेटी पंखुरी का ज्यूडिशरी का रिजल्ट पता चला तो उसकी आंखों से खुशी के साथ-साथ वक्त और अपनों ने दिए जख्मों को याद कर मिश्रित आंसू की झड़ी लग गई। वह दौड़कर घर में बने मंदिर में सिर नवाकर ईश्वर का धन्यवाद कर रोने लगी। … Read more

बुढापा..एज इज जस्ट ए नंबर – रीतू गुप्ता Moral Stories in Hindi

राधा के घर में खूब हलचल थी, आज उसके बेटे बहु उसका ६०वां जन्मदिन धूमधाम से मना रहे थे।    राधा ने खूब मना किया कि इस बुढ़ापे में यह सब कहाँ अच्छा लगता है…  पर उनकी बहु सिया नहीं मानी।  वो बोली… माँ, दिल होना चाहिदा है जवान … उम्र च की रखिया।    राधा की … Read more

अपना घर स्वर्ग -ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज दोनों बुजुर्ग दम्पत्ति लखमीचंद जी और उनकी पत्नी पुष्पा जी झूले पर बैठे अपने घर के आंगन में अपने स्वर्ग जैसे घर का आनंद ले रहे थे। तभी लख्मी चंद जी की आंखों के सामने  तीन वर्ष पहले का एक दृश्य सचित्र घूम गया, जब उन्होंने अपने बेटे से कहा था….. बेटा कहां थे … Read more

अपना घर स्वर्ग -ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज दोनों बुजुर्ग दम्पत्ति लखमीचंद जी और उनकी पत्नी पुष्पा जी झूले पर बैठे अपने घर के आंगन में अपने स्वर्ग जैसे घर का आनंद ले रहे थे। तभी लख्मी चंद जी की आंखों के सामने  तीन वर्ष पहले का एक दृश्य सचित्र घूम गया, जब उन्होंने अपने बेटे से कहा था….. बेटा कहां थे … Read more

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